प्रयागराज (ब्यूरो)। ट्रैफिक रूल्स का पालन कराने के लिए सरकार ऐसे ही सख्त नियम नहीं बना रही। इसके पीछे का हर शख्स के अनमोल जीवन की सुक्षा का उद्देश्य छिपा है। सरकार यह जानती है, बगैर सख्ती के लोग ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करेंगे। जब तक बनाए गए नियमों का पालन चालक नहीं करेंगे हादसों को रोकना तो दूर कम कर पाना भी मुश्किल है। चालकों की गलती के चलते ही हर साल हादसे बढ़ते जा रहे हैं। इन हादसों में प्रति वर्ष सैकड़ों लोगों की जान बेवजह ही एक छोटी सी गलते के चलते चली जाती है। इस बात की पुष्टि के लिए केवल जिले में हुए हादसों में मरने वालों की संख्या ही पर्याप्त है।
1190 रोड एक्सीडेंट पिछले वर्ष हुए जिले में
510 लोगों की मार्ग हादसों में चली गई जान
790 लोग हादसे के बाद हुए गंभीर घायल
अकारण गई जान परिवार होगा परेशान
जिले में कोई ऐसा दिन या महीना नहीं जिस दिन हादसे न हों। ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट के आंकड़ों पर जाएं तो पिछले साल हुए कुल 1190 हादसे हुए। गांव से शहर तक हुए इन हादसों में करीब 510 लोगों की जान चली गई। मरने वाले इन व्यक्तियों का परिवार अब निश्चित रूप से उनकी कमी के चलते आजीवन सुबकने के लिए विवश होगा। हादसों से मिले दर्द की अहसास सिर्फ यहीं से नहीं खत्म होगा। क्योंकि 790 लोग ऐसे हैं जिन्हें इन हादसों में गंभीर चोटें आई हैं। इनमें तमाम ऐसे लोग हैं जिनमें किसी का हाथ चला गया तो किसी का पैद और किसी की आंख। किसी चालक की एक गलती के चलते डेढ़ हजार लोगों के परिवार को जीवन भर के लिए दर्द मिल गया। डिपार्टमेंट के लोग बताते हैं कि इन हादसों के पीछे ड्राइविंग के वक्त पांच गल्तियां मुख्य रूप से बड़ी वजह पाई गई हैं। इसी लिए आए दिन लोगों को ड्राइविंग के वक्त सतर्क रहने के लिए विभाग जागरूक करने में जुटा रहता है। फिर भी लोग अपनी आदत से बाज नहीं आ रहे।
माहवार हुए हादसे और मरने वाले लोग
माह हादसे मृत्यु घायल
जनवरी 102 35 71
फरवरी 114 58 60
मार्च 118 61 73
अप्रैल 95 39 66
मई 110 37 87
जून 127 58 83
जुलाई 100 44 64
अगस्त 107 46 71
सितंबर 85 34 61
अक्टूबर 100 49 70
नवंबर 92 44 64
दिसंबर 40 06 20
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कुल 1190 510 790
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वाहनों का चालान
ट्रक 447
बस 1555
ई-रिक्शा 5927
कार 20660
तिपहिया 16949
बाइक 57074
कुल 102612
रूल्स जिन्हें तोडऩे पर चालान
नो-हेलमेट 38806
नो-सीटवेल्ट 13427
ट्रिपल सवारी 3157
नो-डीएल 17017
नो-पार्किंग 18460
नो-इंश्योरेंस 6907
रांग साइड ड्राइविंग 4198
प्रदूषण 11016
ड्राइविंग विथ मोबाइल 382
नंबर प्लेट खराब 3361
फिटनेस 2469
ड्रिंक एण्ड ड्राइव 017
काली फिल्म 48
ओवर लोड 84
ओवर स्पीड 18
जाति सूचक स्लोगन 39
बाइक स्टंट 09
नाबालिग ड्राइविंग 19
मोडीफाई बॉडी 43
नो-इंट्री 39
पांच गल्तियों से हुए सर्वाधिक हादसे
ड्रिंक एण्ड ड्राइव और रांग साइड ड्राइविंग
ओवर स्पीड व ड्राइव के वक्त ईयर फोन
टर्निंग पूर्व डिपर या हाथ का नहीं देना
पाल के वक्त साइड मारना और जल्दबाजी
सड़कों पर लगे निर्देशों का पालन न करना
बाइक और कार में अधिक हुई टक्कर
जिले भर में पिछले साल सबसे ज्यादा हादसों के शिकार बाइक सवार हुए
इसके बाद दूसरे नंबर हादसों का शिकार होने वालों में कार सवार बताए जा रहे
इसमें भी विभागीय एक्सपर्ट की मानें तो कार और बाइक में टक्कर ज्यादा हुई
कार का कार से और ट्रक से एक्सीडेंट की संख्या दूसरे नंबर पर बताई जा रही
रोड पर चेकिंग के दौरान व वैसे भी चालकों को डिपार्टमेंट जागरूक करने का काम करता है। ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों के चालान भी किए जाते हैं। यदि लोग ट्रैफिक रूल्स का पालन करने लगें तो 95 प्रतिशत हादसों को रोका जा सकता है। केवल पांच बातों पर लोग ध्यान देने लगें तब भी काफी हद तक हादसे कम किए जा सकते हैं।
अमित कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज