प्रयागराज ब्यूरो । ब्लड बॉडी का बेहद महत्वपूर्ण पार्ट है। इसके कम्पोनेंट भी इतने ही जरूरी हैं। इसलिए डॉक्टर्स हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के लिए जितनी जरूरत हो उतना ही ब्लड मंगाएं। उनको भ्रमित होने की जरूरत नही है। यह बात एएमए ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ। अर्चना शर्मा ने कही। रविवार को आयोजित सेमिनार में उन्होंने डॉक्टर्स को ब्लड की मांग करने के तरीके बताए।

अपने अस्पताल में स्टोर न करें ब्लड

डॉ। शर्मा ने बताया कि हमारे यहां ल्यूकोपुअर ब्लड दिया जाता है। इससे मरीज को वह ब्लड चढ़ाते समय रिएक्शन की संभावना कम रहती है। ब्लड बैंक में समुचित स्टोर की व्यवस्था है, जब आवश्यकता पड़े तब ही ब्लड ब्लड निर्गत कराएं। अपने अस्पतालों में ब्लड को स्टोर न करें।

खून को सुरक्षित रखना मुश्किल

अध्यक्षता कर रहे एएमए के अध्यक्ष डा। सुबोध जैन ने कहा कि मरीज को ब्लड ही नहीं बल्कि उसके तमाम कंपोनेंट यानी अवयव जैसे प्लेटलेट, फ्रेश फ्रोजेन प्लाज्मा (एफएफपी) की भी आवश्यकता होती है। उस मरीज से संबंधित चिकित्सक को चाहिए कि जितनी जरूरत हो उतना ही ब्लड या कंपोनेंट मंगाएं, क्योंकि अधिक मंगा लगने पर बचे हुए ब्लड को सुरक्षित रखना या नष्ट करना मुश्किल काम है। सेमिनार में डा। मधु चंद्रा, डा। अशोक अग्रवाल, डा। जेवी राय को प्रशस्ति पत्र दिए गए। डा। अनुभा श्रीवास्तव ने संचालन किया। सचिव डा। आशुतोष गुप्ता, डा। कमल ङ्क्षसह, डा। शार्दूल ङ्क्षसह, डा। बी। पाल थैलियथ, डा। सुजीत कुमार ङ्क्षसह आदि शामिल रहे। सचिव डॉ। आशुतोष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया।