प्रयागराज ब्यूरो । संगम की धरती पर 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और अध्यात्मिक आयोजन के दौरान टूरिस्ट और श्रद्धालुओं के आवागमन का सबसे बड़ा जरिया बनने जा रहे रेलवे ने कम्प्लीट रोडमैप वर्कआउट कर लिया है। सबसे बड़ा फैसला देशभर से आने वाले पैसेंजर्स को 22 भाषाओं में सूचनाओं का आदान प्रदान करने का है। इसके लिए साफ्टवेयर तैयार हो चुका है। हर रूट के लिए सेपरेट कलर कोडिंग, टोल फ्री नंबर जैसी सुविधाएं लागू करने के लिए प्लान तैयार है। गुरुवार को डीआरएम प्रयागराज मंडल हिमांशु बडोनी ने कम्प्लीट प्लान मीडिया से शेयर किया।
900 से अधिक ट्रेन चलेंगी
डीआरएम ने बताया कि रेलवे ने महाकुंभ के दौरान 900 से ज्यादा ट्रेनें चलाने की तैयारी की है। स्टेट गवर्नमेंट की हेल्प और एआई टेक्निक की हेल्प लेकर क्राउड मैनेजमेंट किया जायेगा। रेलवे इसके साथ ही मैनेजमेंट और डिजास्टर को लेकर अलर्ट है। डीआरएम के मुताबिक पहली बार साफ्टवेयर के जरिए 22 भाषाओं में अनाउंसमेंट की व्यवस्था की गई है। इसके तहत ट्रेनों की जानकारी 22 अलग-अलग भाषाओं में दी जाएगी। पैसेंजर्स को उडिय़ा, पंजाबी, राजस्थानी, कन्नड़, तेलुगू, मलयालम और अंग्रेजी समेत 22 भारतीय भाषाओं में ट्रेनों के संबंध में अनाउंसमेंट सुनने को मिलेगा। पैसेंजर्स और श्रद्धालुओं के लिए स्टेशनों पर क्लाक रूम भी खोले जाएंगे।
टोल फ्री पर हर जानकारी
उन्होंने बताया कि रेलवे ने पहली बार महाकुंभ में टोल फ्र नंबर 18004 199139 जारी किया है। नार्थ सेंट्रल रेलवे के प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बडोनी के मुताबिक यह टोल फ्र नंबर 1 नवंबर 2024 से एक्टिवेट हो जाएगा। इसके बाद देश के किसी कोने में बैठे व्यक्ति को इस टोल फ्र नंबर पर महाकुंभ में आने और जाने के लिए ट्रेनों के संबंध हर जानकारी हासिल मिलेगी। बताया कि महाकुंभ के दौरान तीनों जोन नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत आने वाले नौ स्टेशनों से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इन सभी स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का इजाफा किया गया है।
स्टेशनों पर दी जाने वाली सुविधाएं
सभी स्टेशनों पर वेटिंग रूम और वेटिंग हॉल
प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर स्लीपिंग पाड्स
अन्य स्टेशनों पर रिटायरिंग रूम डॉरमेट्री और एग्जीक्यूटिव लाउंड
दिव्यांगों का विशेष ख्याल
डीआरएम के मुताबिक बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए बैटरी चालित कारें और व्हीलचेयर का इंतजाम किया गया है। रेलवे स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन और खान-पान की सुविधा के लिए काउंटर भी इंतजाम किया गया है। इसके अलावा प्राथमिक चिकित्सा बूथ, पर्यटक बूथ और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र 20 स्टेशनों पर खोले जा रहे हैं। डीआरएम के मुताबिक यात्री सुविधा केंद्रों में यात्रियों को ट्रेनों से संबंधित जानकारी और टिकट की व्यवस्था रहेगी।
174 रैक मिलेंगे मंडल को
डीआरएम के मुताबिक रेलवे बोर्ड की ओर से कुल 174 अतिरिक्त रैक प्रयागराज मंडल को मिले हैं। जिससे मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। उनके मुताबिक पहली बार मेमू ट्रेनों का भी शेड्यूल तय कर दिया गया है। उनके मुताबिक करीब 100 नॉर्मल कन्वेंशनल रैक और वाली ट्रेनें होगी। करीब 74 ट्रेनें मेमू ट्रेनों का संचालन अलग-अलग स्टेशनों से अलग-अलग दिशाओं में जाने के लिए किया जाएगा। डीआरएम के मुताबिक प्रतिदिन 140 रेगुलर ट्रेनें महाकुंभ के दौरान प्रतिदिन चलेंगी।
मेमू ट्रेनों का संचालन होगा
डीआरएम हिमांशु बडोनी के मुताबिक महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में प्रयागराज से अयोध्या और वाराणसी भी जाएंगे। इसलिए दोनों डायरेक्शन में मेमू ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। यह ट्रेनें एक सर्किट के रूप में चलेंगी। महाकुंभ में भी पहली बार सर्किट के रूप में इस तरह से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। डीआरएम के मुताबिक एक घंटे में 50 हजार यात्रियों को ट्रेनों से भेजे जाने की क्षमता विकसित की गई है।
80 हजार टिकट प्रति घंटा
उन्होंने बताया कि रेलवे के होल्डिंग एरिया में एक लाख से ज्यादा लोगों को रोका जा सकता है। रेलवे की ओर से यात्रियों को टिकट आसानी से सुलभ हो इसके लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। डीआरएम का दावा है कि 80 हजार टिकट प्रति घंटे बेचने की क्षमता विकसित की गई है। एनसीआर के रेलवे स्टेशनों पर 278 टिकट काउंटर बनेंगे। उत्तर रेलवे में 113 और पूर्वोत्तर रेलवे में 158 रेलवे टिकट काउंटर खोले जाएंगे। इसके अलवा रेलवे के वॉलिंटियर्स कुंभ क्षेत्र में रेलवे आश्रय स्थलों और ट्रेनों में भी यात्रियों को टिकट मुहैया करायेंगे।
हर रास्ते की कलर कोडिंग
महाकुंभ में आने वाले पैसेंजर्स को रेलवे की तरफ से एक और महत्वपूर्ण सुविधा इस बार मिलने जा रही है। रेलवे हर दिशा के लिए अलग अलग कलर कोड जारी करेगा। उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश के रास्ते दक्षिण भारत की तरफ जाना है तो कुंभ क्षेत्र से लेकर नैनी तक सेम कलर में डायरेक्शन लगे होंगे। पैसेंजर सिर्फ इस इस कलर कोडिंग के सहारे आगे बढ़ते रहे तो उन्हें अपने डेस्टिनेशन का रास्ता आसानी से मिल जायेगा। इसी तरह की कोडिंग हर रास्ते के लिए की जाएगी। इससे यात्री रेलवे स्टेशन या आश्रय स्थल तक कहीं भी आराम से पहुंचेंगे।
8000 कर्मचारी लगेंगे
डीआरएम के मुताबिक महाकुंभ के मद्देनजर 21 रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। महाकुंभ के दौरान अलग-अलग डिवीजन से 8000 रेलवे कर्मचारियों को बुलाया जाएगा। इसमें 4000 से ज्यादा आरपीएफ के जवान और अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा रेलवे के विभिन्न विभागों कमर्शियल, ऑपरेटिंग और टेक्निकल विभाग के कर्मचारी शामिल रहेंगे। एनसीआर के चार बड़े रेलवे स्टेशन पर मेला कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जबकि 23 फस्र्ट एड बूथ बनाए जाएंगे। डीआरएम के मुताबिक महाकुंभ के दौरान रेलवे ने इस तरह से तैयारी की है कि यात्रियों की भीड़ के मुताबिक ट्रेनों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है।