प्रयागराज (ब्यूरो) लाख से ज्यादा मामले सामने आते हैं। विटिलिगो किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह समस्या 30 से पहले ज्यादा देखने के लिए मिलती है। यह कई तरह के होते हैं। कुछ लोगों में यह सफेद दाग शरीर के किसी एक हिस्से में दिखते हैं। वहीं, कुछ मरीजों में ये सफेद दाग धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगते हैं। इस बीमारी का इलाज मुमकिन है। 60 से 70 फीसदी लोग इससे ठीक भी हो जाते हैं।
भ्रांतियों से भरा है समाज
इस बीमारी को लेकर समाज में तमाम तरह की भ्रांतियां हैं। इसे लेकर कई धारणा बनी हैं। जिस वजह से विटिलिगों के मरीजों को मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ता है। अक्सर कहा जाता है कि मछली और दूध साथ खाने से विटिलिगो फैलता है। जबकि ऐसी कोई स्टडी नही हो सकी है। जबकि यह बीमारी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है। जिस पर भोजन के कॉम्बिनेशन का प्रभाव नहीं पड़ता है। बता दें, कि ऑटोइम्यून उस स्थिति को कहते हैं जब शरीर का इम्यून सिस्टम शरीर के हेल्दी सेल्स को अटैक करने लगता है। इसी तरह कहा जाता है कि दूध की चाय में नमक मिलाने से सफेद दाग होता है। यह भी माना जाता है अधिक विटामिन सी लेने से भी सफेद दाग की शिकायत होती है।
इसके अलावा सेक्स करने, छुने या खाने पीने से भी यह बीमारी नही फैलती है।
क्या है कारण
- परिवार में पहले से किसी को यह बीमारी होना
- स्वप्रतिरक्षित रोग जैसे कि टाइप वन डायबिटीज या थायरॉइड होना
- त्वचा को अधिक तनाव, धूप या
औद्योगिक केमिलैक्स के संपर्क में आना
- ऐसा विकार होना जिसमें रंग त्वचा का उत्पन्न करने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं

उपचार
दवाएं
लाइट थेरेपी
डिपिगमेंटेशन
सर्जिकल स्किन ग्राफ्टिंग
जीवनशैली और खानपान में बदलाव

सफेद दाग को लेकर तमाम भ्रांतियां फैली हैं। इसमें चिंता की बात नही है। अगर समय रहते इलाज कराया जाए तो 60 फीसदी तक यह बीमारी ठीक हो जाती है। लोगों को पता नही है कि यह कुष्ठ रोग नही है। यह एक अलग तरह की स्किन डिजीज है।
डॉ। शक्ति बसु, त्वचा रोग विशेषज्ञ

हमारे यहां सफेद दाग या विटिलिगो के मरीज नही आते हैं। कुष्ठ रोग अलग रोग है। यह बैक्टीरियल इंफफेशन है और इसका भी इलाज संभव है।
डॉ। जयकिशन सोनकर, डीएलओ प्रयागराज