प्रयागराज (ब्‍यूरो)।
50 लोग जून 2021 से अब तक यमुना में कूदे
46 लोगों की जान नाविकों व पुलिस ने बचाई
04 लोगों की जिनकी मौत बाद मिली बॉडी
03 लोगों की इन छह दिनों में बचाई गई जान

थाने के रजिस्टर में दर्ज है संख्या
नए ब्रिज से यमुना नदी में छलांग लगाने वालों की एक लंबी कतार है। ऐसे ना समझ और धैर्य खोने वाले लोगों की कुंडली कीडगंज थाने के रजिस्टर में दर्ज है। थाने के रेकार्ड पर गौर करें तो 29 जून से 31 दिसंबर 2021 तक पुल से 42 लोग सुसाइड के इरादे से यमुना में छलांग लगाए। इनमें से पुल के आसपास रहे नाविकों की मदद से पुलिस द्वारा 39 लोगों को मौत के मुंह यानी यमुना में डूबने से बचाया गया। केवल तीन ऐसे लोग रहे जिनकी मौत के बाद पुलिस द्वारा बॉडी बरामद की गई। यह तो रही पिछले वर्ष के छह महीनों में नए पुल से छलांग लगाने वालों की संख्या। इस वर्ष 2022 में भी पुल से सुसाइड की नीयत से छलांग लगाने वालों की तादाद कम नहीं है। जनवरी से अब तक कुल आठ लोग नए ब्रिज से यमुना नदी में छलांग लगा चुके हैं। इनमें से सात लोगों को नाविकों की मदद से पुलिस द्वारा सुरक्षित बचा लिया गया। इनमें से केवल एक युवक ऐसा था जिसे नहीं बचाया जा सका और उसकी बॉडी बरामद की गई। इस तरह इन करीब सात महीनों में नए पुल से यमुना में कूदने वालों की संख्या 50 रही। इनमें से पुलिस द्वारा कुल 46 लोगों को नाविकों की मदद से सुरक्षित बचाया गया। कुल चार लोग ऐसे रहे जिन्हें नहीं बचाया जा सका और उनकी बॉडी बरामद की गई। यमुना नदी में पुल से कूदने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं और युवतियों की रही। गौर करने वाली बात यह है कि पुल की रेलिंग और किनारे लगे बिजली वाले बल्व की रॉड पर अपने नाम, व एक दूसरे के लिए आईलवयू व प्यार के अपने किस्से व कहानियां तक लिख रहे हैं। मानों ऐसे सिरफिरे लोगों के लिए यह लवर प्वाइंट और सुसाइड समझ बैठे हैं।

झूठे इश्क का खतरनाक चेहरा
पुलिस व नाविकों द्वारा बचाए गए यमुना में छलांग लगाने वालों ने पुलिस को सुसाइड के कई राज बताए हैं
सबसे ज्यादा युवक व युवती प्रेम प्रपंच में हुए विवाद के बाद सुसाइड करने के लिए यमुना में छलांग लगाए थे
जिनमें छोटी-छोटी बात पर हुए विवाद को बर्दाश्त करने की क्षमता जिनमें नहीं है भला वह प्यार कैसे कर सकता है?
कुछ युवक ऐसे रहे जिनके द्वारा पुलिस को पारिवारिक और घरेलू विवाद को सुसाइड के प्रयास का कारण बताया गया
इनमें से चंद युवक व युवती ऐसे भी रहे जिनके द्वारा सुसाइड के प्रयास की वजह पढ़ाई व शादी विवाद में रोड़ा बताई गई थी

ब्रिज पर दो जवान व ईगल तैनात
यमुना में कूदने की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए ब्रिज पर सुरक्षा के लिहाज से रोज पुलिस की ड्यूटी लगाई जाती है। इन दिनों नए यमुना ब्रिज पर दो जवान तैनात किए जाते हैं। पुल पर एक छोर से दूसरे सिरे तक पुलिस के जवान पैदल टहल कर ड्यूटी करते हैं। इनके साथ पुल पर एक ईगल भी तैनात की गई है। बावजूद इसके छोटी-छोटी बात पर इन जवानों की नजर बचा कर छलांग लगाने से बाज नहीं आते। पुल पर जवानों की ड्यूटी होने के कारण ही कूदने वाले ज्यादातर लोगों को बचाने में सफलता मिली है।

यमुना पुल से कूदने वालों की जान बचाने का काम कई वर्षों से करते आ रहे हैं। यमुना के पानी में बहाव कम होने के कारण कूदने वालों को बचाने में कई तरह की दिक्कतें आती हैं। पुल से पानी में गिरते ही लोग तेजी के साथ एक बार नीचे जाते हैं। चूंकि बहाव कम है इस लिए डूबने के बाद जल्दी ऊपर नहीं आ पाते। बहाव तेज होने पर पानी व्यक्ति को एक बार तेजी से ऊपर फेकता है। कूदने वाले लोग जैसे ही ऊपर आते हैं उन्हें तैर या नाव से पकड़ लिया जाता है। कभी कभी तो बचाने के लिए पानी में तैरकर डुबकी भी लगाना पड़ता है।
मनोज निषाद, नाविक नए यमुना पुल के नीचे

नए यमुना पुल के नीचे हम सब मोटर वोट के साथ मौजूद रहते हैं। जैसे किसी के कूदने या लोगों के शोर की आवाज सुनते हैं तत्काल बचाव कार्य में जुट जाते हैं। ध्यान यह देना पड़ता है कि कूदने वाला शख्स जैसे ही ऊपर आए उसे पकड़ लें। दोबारा यदि पानी में कोई नीचे गया तो फिर उसका मिल पाना मुश्किल हो जाता है। लोगों की जान बचाने में नाविक मनोज निषाद का कार्य काफी सराहनीय है। नि:स्वार्थ भाव से वह लोगों को बचाने में काफी दिनों से लगे हैं।
राजेंद्र प्रसाद, पीएसी जवान

नए ब्रिज से यमुना में कूदने वालों की संख्या दर्जनों में है। उनमें ज्यादातर लोगों को नाविकों व गोताखोरों की मदद से बचा लिया गया है। पुल से कूदने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं व युवतियों की है। पूछताछ में बचाए गए ज्यादातर लोगों द्वारा सुसाइड के प्रयास की वजह इश्कबाजी में विवाद ही सामने आया।
मनोज कुमार यादव, प्रभारी निरीक्षक कीडगंज