प्रयागराज ब्यूरो । संडे को चालान करके प्रयागराज पुलिस ने भेजा था जेल, मंडे को भी न्यायिक कार्य से विरत रहे वकील

12 घंटे में रिहा न करने पर बड़े आंदोलन की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अधिवक्ताओं ने दी चेतावनी

अतीक अहमत के साथ उसके परिवार के सदस्यों के मामले की पैरवी करने वाले अधिवक्ता विजय मिश्रा को जेल भेजे जाने के खिलाफ सोमवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया। उन्होंने विकास भवन के सामने धरना दिया और चक्का जाम की भी कोशिश की। दोपहर बाद जिला अधिवक्ता संघ ने मिटिंग करके प्रशासन को विजय मिश्रा को रिहा करने के लिए 12 घंटे का मौका दिया और मंगलवार को न्यायिक कार्य का बहिष्कार करने की घोषणा की। चेतावनी दी गयी कि विजय मिश्रा की रिहाई नहीं हुई तो वकील आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

पुलिस छावनी बनी रही कचहरी

संडे को अवकाश के दिन विजय मिश्रा को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था और कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया था। पुलिस की तरफ से विजय मिश्रा पर आरोप लगाया गया है कि वह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या की साजिश में शामिल रहे हैं। इस संबंध में दर्ज मुकदमे में वह वांटेड थे। उन्हें पुलिस ने शनिवार की रात लखनऊ से गिरफ्तार किया किया गया था। सोमवार को माहौल गरमाने की आशंका को देखते हुए सुबह से ही कचहरी के आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पुलिस के साथ ही आरएएफ के जवान भी तैनात किये गये थे। इससे कचहरी के आसपास के माहौल में तनाव घुला हुआ था। सोमवार की सुबह जिला अधिवक्ता संघ की ओर से सोमवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की गई थी। दोपहर में अधिवक्ता रत्नेश कुमार शुक्ला की अगुवाई में कुछ वकील विकास भवन के सामने सड़क पर धरने पर बैठ गए। कुछ गुस्साए वकीलों ने नारेबाजी करते हुए हंगामा किया। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो नोंकझोंक हो गई। जिला अधिवक्ता संघ की ओर से तीन बजे कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई। संघ के मंत्री विद्या वारिधि मिश्रा ने कहा कि जिला अदालत के अधिवक्ता अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे।

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