प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सीटेट जूनियर की परीक्षा में भाषा के चयन को लेकर पेपर में परीक्षार्थियों को परेशान होना पड़ा। प्रथम भाषा चयन के बाद दूसरी भाषा का पेपर देने में परीक्षार्थी परेशान हो गए। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि पेपर में कौन का पार्ट करना है। ऐसे में तमाम परीक्षार्थी पेपर के पार्ट को लेकर कन्फर्म नहीं हो सके। पेपर खत्म होने के बाद बाहर निकले छात्र छात्राएं भाषा चयन में आई दिक्कत पर चर्चा करते रहे।

हुआ ये कि सीटेट जूनियर का पेपर पांच पार्ट में आया। पार्ट वन में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र से संबंधित तीस प्रश्न थे। पार्ट टू में गणित व विज्ञान से संबंधित साठ प्रश्न थे। भाग थर्ड सामाजिक अध्ययन व सामाजिक विज्ञान से संबंधित साठ प्रश्न थे। निर्देश में बताया गया कि गणित व विज्ञान का चयन करने वाले छात्र पार्ट टू का 31 नंबर से लेकर 90 नंबर तक का प्रश्न हल करेंगे। जबकि सामाजिक अध्ययन व सामाजिक विज्ञान का चयन करने वाले पार्ट थर्ड के 31 नंबर से 90 नंबर प्रश्न को हल करेंगे। यहां तक तो ठीक था। मगर भाषा को लेकर गड़बड़ी हो गई। निर्देश में बताया गया कि भाग चार में भाषा वन के लिए तीस प्रश्न और भाग पांच में भाषा सेकेंड के लिए तीस प्रश्न दिए गए हैं। यदि भाषा एक और दो में आपके द्वारा चुनी गई भाषा अंग्रेजी या हिंदी के अलावा है तो कृपया आई कोड वाली उस भाषा वाली परिशिष्ट परीक्षा पुस्तिका मांग लीजिए। जिन भाषाओं के प्रश्नों के उत्तर आप दे रहे हैं। वह आवेदन पत्र में चुनी गई भाषाओं से अवश्य मेल खानी चाहिए। भाषाओं का परिवर्तन अनुमन्य नहीं है। यहीं पर मामला फंस गया। जिसे काफी देर तक परीक्षार्थी समझने में लगे रहे। आई बुकलेट में संस्कृत प्रथम और द्वितीय का पार्ट परीक्षार्थियों को समझ नहीं आ रहा था।

हिंदी में आया पर्यावरण पर प्रश्न
भाग पांच के भाषा सेकेंड हिंदी में पर्यावरण पर गद्यांश के जरिए सवाल पूछा गया। अकेले पर्यावरण को लेकर एक ही गद्यांश से छह प्रश्न पूछे गए थे। जिसमें काफी देर तक छात्र उलझे रहे। इसके अलावा कविता के पद्यांश से भी विकल्पीय प्रश्न पूछे गए।

मुहावरों ने बनाया चकरघिन्नी
विविधता में एकता मुहावरा किसने दिया, इसके उत्तर में चार विकल्प पंडित जवाहर लाल नेहरू, मोहनदारस करमचंद गांधी, सुभाषचंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल दिया गया था।

पेपर बहुत आसान नहीं था। इस बार प्रश्नों का कोई तालमेल नहीं था। तमाम जगहों से प्रश्न पूछे गए थे। हिंदी में पर्यावरण से संबंधित सवाल आया था। प्रश्नों की एकरुपता नहीं होने से दिक्कत आई।
रेखा यादव, छात्रा

पेपर इस बार बहुत कठिन आया था। सबसे ज्यादा भाषा को लेकर दिक्कत हुई। काफी देर तक समझ ही नहीं आया कि हिंदी भाषा के चयन में पार्ट टू में संस्कृत फस्र्ट करना है या संस्कृत सेकेंड।
सविता, छात्रा

इस बार मेरिट बहुत हाई नहीं रहेगी। पेपर में सबको दिक्कत हुई है। भाषा चयन को लेकर समस्या हुई। जिसमें प्रथम भाषा में अंगे्रजी का चयन किया था, उसके लिए दिक्कत नहीं थी, मगर हिंदी प्रथम चुनने वाले को समस्या हुई।
प्रतिमा, छात्रा


पेपर में प्रश्नों में तारतम्यता नहीं थी। बहुत से सवाल पहली बार आए थे। इस तरह के सवालों से दिक्कत हुई। गद्यांश के सवालों ने काफी परेशान किया।
मंजिता, छात्रा

परीक्षार्थियों में रहा समय का रोना
परीक्षा देकर बाहर निकले छात्रों ने समय का रोना रोया। बताया कि 120 मिनट में 150 प्रश्न हल करना था। यानि एक प्रश्न के लिए एक मिनट से भी कम समय निर्धारित किया गया था। हालांकि माइनस मार्किंग नहीं होने से छात्रों को आसानी रही। छात्रों ने बताया कि प्रश्न का उत्तर समझ नहीं आने पर गेस करके विकल्प को भरा गया।

121 केंद्रों पर हुई परीक्षा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा सीटेट रविवार को जिले के 121 परीक्षा केंद्रों पर हुई। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। परीक्षा दो पालियों में आफलाइन मोड में हुई। किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए प्रशासनिक अफसर दौड़भाग करते रहे। एक पूर्व ही सभी केंद्र अधिक्षकों और आब्जर्वर सहित अन्य संबंधित लोगों को सेंटर के कोआर्डिनेटर ने परीक्षा के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए थे। तय समय के बाद किसी भी केंद्र पर परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया। केंद्रों पर मोबाइल फोन, ब्लूटूथ, ईयरफोन, माइक्रोफोन, पेजर, हेल्थ बैंड आदि इलेक्ट्रानिक उपकरण नहीं ले जाने दिया गया।