प्रयागराज (ब्यूरो)। सिविल लाइंस स्थित जिस बिल्डिंग में रेडचीफ का शो-रूम है उसका लाखों रुपये का हाउस टैक्स बकाया है। भवन मालिक के द्वारा की गई हाउस टैक्स नहीं जमा करने की गलती से बुधवार को शो-रूम का मालिक झेल गया। बकाया हाउस टैक्स को देखते हुए नगर निगम की टीम बिल्डिंग को सील करने पहुंच गई। टीम की इस कार्रवाई को देख शो-रूम का ओनर परेशान हो गया। क्योंकि वह शो-रूम खोलने के लिए तीन लाख रुपये मकान मालिक को एडवांस दे चुका था। इस पर टीम द्वारा बुलाए जाने के बावजूद भवन मालिक आने को तैयार नहीं था।
12 लाख से भी अधिक है टैक्स
बताया जाता है कि इस शापिंग जोन के ओनर पर 12 लाख रुपये हाउस टैक्स बकाया है। इसे जमा करने के लिए नगर निगम की तरफ से कई बार नोटिस भेजी गयी। तब मकान मालिक के कान पर जूं नहीं रेंगी। नगर निगम की तरफ से बकायेदार का मकान कुर्क कराये जाने की सूचना प्रकाशित करायी गयी तब भी वह टस से मस नहीं हुआ। यह देखते हुए बिल्डिंग को सील करने की कार्रवाई शुरू की गई। किराए पर दुकान लेने वाले व्यापारी ने दबाव बनाया तो बिल्डिंग का मालिक मौके पर पहुंचा और दो लाख रुपये कैश जमा किया। इस पर शपथ पत्र देकर बिल्डिंग की जांच कराने की मोहलत मकान मालिक को दी गई। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बिल्डिंग के मालिक को चेतावनी दी। कहा कि यदि वे दिए गए वक्त में प्रक्रिया पूर्ण करके बकाया टैक्स जमा नहीं करता तो शो-रूम का किराया नगर निगम से अटैच कर दिया जाएगा। फिर बिल्डिंग का किराया शो-रूम संचालक भवन मालिक को न देकर सीधे नगर निगम में जमा करेगा।
किराया लगातार वसूल रहा
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि सिविल लाइंस महात्मा गांधी मार्ग पर यह बिल्डिंग स्थित है। बिल्डिंग का मालिक वर्षों से हाउस टैक्स नहीं जमा कर रहा। इससे उसके ऊपर 12 लाख, 33 हजार 271 रुपये का हाउस टैक्स बकाया हो गया है। जबकि वह बिल्डिंग में दुकानों का किराया बराबर ले रहा है। कार्रवाई के वक्त शो-रूम के मालिक ने टीम को बताया कि रूम का वह तीन लाख रुपये एडवांस दे चुका है। उसके यहां करीब आठ कर्मचारी काम करते हैं। बिल्डिंग के सील हो जाने से उसका शो-रूम बंद हो जाएगा और फ्रेंचाइजी भी कैंसिल हो जाएगा। हर महीने करीब 80 हजार रुपये वह मकान मालिक को किराया देता है। इस टीम के द्वारा व्यापारी की मजबूरी और वहां काम करने वालों के रोजगार को देखते हुए टैक्स जमा करने के लिए जांच कराने की मोहलत देते हुए बिल्डिंग को सील नहीं किया गया। कार्रवाई के वक्त कर अधीक्षक मोनिका रस्तोगी, राजस्व निरीक्षक कमलेश पांडेय, नगर निगम वसूली टीम के कई सदस्य मौजूद रहे।
नगर निगम मानवतावादी व संवेदनात्मक संस्था है। इसलिए दो लाख रुपये जमा करने पर बिल्डिंग मालिक को अविलंब 50 प्रतिशत टैक्स जमा करने की मोहलत दी गई है। इसके बाद वह लगाए गए टैक्स के प्रति जांच के लिए वे शपथ पत्र देगा। फिर उसके शपथ पत्र पर जांच कराई जाएगी। यदि वे पूरा टैक्स नहीं जमा करता तो शो-रूम का किराया नगर निगम से अटैच कर दिया जाएगा। हाउस टैक्स नहीं देने वाले बकाएदार मोहलत दिए जाने के बावजूद नहीं चेते। इस लिए अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पीके द्विवेदी मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम