प्रयागराज (ब्यूरो)।समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित व्य1ितगत विवाह अनुदान योजना के घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में 21 लोग दोषी पाए गए हैं। इसमें दो पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी, सात बीडीओ, आठ ग्रामसचिव, चार बाबुओं की सीधी संलिप्तता सामने आई है। उप निदेशक की जांच में अनियमितता के आरोप सही पाए गए हैं। आरोपितों के विरुद्ध एक सप्ताह के अंदर निलंबन की कार्रवाई करने और एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है। विवाह अनुदान योजना के तहत पात्रों को अलग-अलग वर्षों में दो-दो बार लाभ दिलाया गया है। इस मामले की शिकायत के बाद दैनिक जागरण ने इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इससे बाद जांच शुरू हुई। दोषी पाए गए लोगों के विरुद्ध कानूनी व विभागीय कार्रवाई के लिए 15 नवंबर 2022 को संस्तुति करते हुए शासन को तत्कालीन सीडीओ शिपू गिरि ने पत्र भेजा था।
नियम बदलकर पहुंचाया लाभ
लखनऊ निवासी उपेंद्र पटेल ने वर्ष 2016-17 से लेकर 2021-22 तक विवाह योजना में घोटाला होने की शिकायत साक्ष्यों के साथ की थी। इस शिकायत की जांच समाज कल्याण विभाग की उप निदेशक मंजूश्री को मिली तो दोहरा भुगतान होने व अनियमितता बरतने की पुष्टि हुई। कार्रवाई के डर से विभाग में खलबली मची तो दोहरा लाभ पाने वालों की अनुदान राशि को अधिकारी अपनी जेब से ही जमा करने लगे। इसी बीच शासन से एक और जांच मंजूश्री की अध्यक्षता में गठित हुई। जांच में स्पष्ट हुआ कि अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग की विवाह अनुदान योजना में एक बार से अधिक पात्रों को वित्तीय लाभ दिलाया गया है। इसके अलावा नियम बदलकर अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को भी लाभ दिया गया है।
जांच में नाम आये सामने
उप निदेशक विंध्याचल मंडल के पद पर तैनात सुधीर कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी जालौन के पद पर कार्यरत प्रवीण कुमार सिंह। 2020-21 में तैनात रहे बीडीओ होलागढ़ व 2019-20 में तैनात रहे कौडि़हार, कौंधियारा व हंडिया के तत्कालीन बीडीओ। इसके अलावा पूरबनारा होलागढ़ के तत्कालीन ग्राम सचिव हरेंद्र सिंह, कुकुढी कौंधियारा के ग्राम सचिव मनोज केसरी, माही कौंधियारा के ग्राम सचिव अनिल शर्मा, ग्राम पंचायत रसार हंडिया के ग्राम सचिव राजेश कुमार मिश्र, तेंदुई कौंधियारा के ग्राम सचिव अवनीश पटेल, कसारी कौडि़हार के ग्राम सचिव अनुराग मिश्रा व कुलमई कौंधियारा विकास खंड में तैनात (2019-20 में) तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी (इनका हस्ताक्षर है लेकिन नाम का उल्लेख नहीं है)। इसके अलावा समाज कल्याण विभाग के पटल सहायक शीतला प्रसाद श्रीवास्तव, पुष्कर सिंह, संजय सिंह चौहान और सीबी सिंह को दोषी पाया गया है। इनके विरुद्ध आवंटित धनराशि का दुरुपयोग, शासकीय धन के व्यपहरण, उसकी हेराफेरी, वास्तविक लाभार्थियों के अधिकार पर कुठाराघात का दोष है।दोषियों पर होगी कार्रवाई
इस प्रकरण में मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि जांच के आधार पर शासन को कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट पूर्व में भेजी गई थी। अभी कार्रवाई के लिए कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जैसे ही कोई आदेश आता है आगे दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।