घटना के तत्काल बाद मिली शिकायत पर एक्शन में जुटी साइबर थाना की टीम को मिली सफलता

PRAYAGRAJ: लोगों के खाते से चुराए गए लाखों लाख रुपये साइबर शातिरों को वापस करना पड़ा। यह जानकर हैरानी जरूर होगी मगर सोलह आने बात सच है। यह कारनामा साइबर थाने की टीम द्वारा किया गया। अमूमन माना जाता है कि साइबर शातिरों द्वारा निकाले गए रुपये वापस नहीं होते। मगर, रुपये वापस कराने में टीम को मिली यह सफलता लोगों के लिए किसी बड़ी खुशी से कम नहीं है। साइबर शातिरों से रुपये वापस लाने में पीडि़तों का भी बड़ा रोल रहा। एक्सपर्ट कहते हैं कि पीडि़त के सपोर्ट से साइबर शातिरों की मंशा पर पानी फेरा जा सकता है। जिनके भी रुपये वापस आए हैं उनके द्वारा घटना के बाद तत्काल बाद सक्रियता दिखाई गई थी।

रुपये खाते में आते ही खुश हुए पीडि़त

नैनी स्थित एडीए कॉलोनी निवासी संदीप कुमार आदिवासी के खाते से साइबर शातिरों द्वारा एक लाख 46 हजार 882 रुपये निकाले गए। जबकि सीता तिवारी पत्‍‌नी लालचंद्र तिवारी निवासी जामताली रानीगंज प्रतापगढ़ के खाते से आठ लाख रुपये निकाल लिए। इसी तरह कोहड़ार थाना करछना निवसी सुरेंद्र कुमार के खाते से भी एक लाख 58 हजार रुपये गायब हुए। धूमनगंज के प्रीतनगर की प्रतिभा सिंह पत्‍‌नी ज्ञान सिंह के खाते से 95 हजार रुपये साइबर शातिर पार कर दिए थे। खाते से रुपयों के निकलने का मैसेज सभी को मोबाइल पर मिला। मैसेज के मिलते ही सभी बगैर देर किए सम्बंधित थाने जा पहुंचे। इन चारों पीडि़तों के द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई। इस तरह साइबर शातिरों करीब 11 लाख 99 हजार 882 रुपये फ्राड सामने आया था। जांच के लिए मामला साइबर थाने पहुंचा तो टीम वर्क करने में जुट गई। थाना प्रभारी ने एक्सपर्ट सत्येश रॉय सहित पूरी टीम जांच में लगा दी। चूंकि घाटना को हुए 48 घंटे भी नहीं हुए थे, लिहाजा हफ्ते भर की मेहनत में में पूरे 11 लाख 99 हजार 882 साइबर शातिरों की जेब से खींच कर टीम पीडि़तों के खाते में भेजवा दी।

इस तरह आप रहिए एक्टिव

साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि खाते से रुपये गायब होते ही तत्काल सूचना पुलिस को दें

प्रकरण तुरंत पता चल जाने पर साइबर शातिरों से रुपये वापस लाने के 80 प्रतिशत चांस होते हैं

जिन चार लोगों के रुपये वापस लाए गए हैं उनके द्वारा खाते से रुपये जाने का मैसेज आते ही शिकायत की गई

घटना को हुए 48 घंटे भी नहीं हुए थे, लिहाजा टाइम पर वर्क शुरू किया गया और सफलता सामने है।

टाइम पर शिकायती प्रार्थना पत्र मिल गए थे। लिहाजा पूरी टीम मिलकर साइबर शातिरों से रुपये वापस लाने में जुट गई। कड़ी मेहनत के बाद यह सफलता टीम को मिली है।

राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना