प्रयागराज ब्यूरो । रसीद मिलने के बाद बाद नगर निगम क्षेत्र के रजिस्टर्ड हो जाता है प्रतिष्ठान या व्यापारी
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: प्रतिष्ठान, ब्यूटी पार्लर का हो या फिर किसी अन्य चीज का, नगर निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं है तो जरूर करवा लीजिए। क्योंकि इसके कुछ फायदे हैं जिसे जानकर आप चौंक जाएंगे। चंद रुपयों में होने वाले इस रजिस्ट्रेशन की एक रसीद प्रतिष्ठान पर आने वाले नगर निगम से आकर कानून बताने वालों का मुंह बंद कर सकती हैं। इस रजिस्ट्रेशन को नगर निगम का लाइसेंस भी माना जाता है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान है। इसके लिए न तो बहुत फार्म भरने की जरूरत है और न ही भाग दौड़ करने की। बस कार्यालय जाकर कोई भी एक आईडी देकर यहां अपने प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस रजिस्ट्रेशन की बाबत जानकारी है या नहीं, यह पता लगाने के लिए मंगलवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट द्वारा कई ब्यूटी पार्लर के संचालकों से बात की गई। संचालकों ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी। वर्ना बहुत ज्यादा फीस भी तो नहीं है, रजिस्ट्रेशन कराने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। मतलब यह है कि इस रजिस्ट्रेशन के प्रति प्रतिष्ठान संचालकों को जागरूक करना नगर निगम के लोग गवारा नहीं समझ रहे।
जानिए क्यों जरूरी है रजिस्ट्रेशन
शहर के अंदर छोटे बड़े मिलाकर हजारों प्रतिष्ठान संचालित संचालित हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों के पास प्रतिष्ठान के सारे कागज मौजूद हैं। क्योंकि उन्हें इन कागजातों के बारे में विभागों के जरिए बताने एवं जानकारी देने का काम किया गया। एक रजिस्ट्री बतौर लाइसेंस नगर निगम भी जारी करता है। नगर निगम का यह रजिस्ट्रेशन भी शहरी क्षेत्र में बिजनेस व्यापार के लिए काफी अहम माना जाता है। मगर नगर निकम के जिम्मेदार इसका बहुत प्रचार प्रसार करते नहीं। लिहाजा ज्यादातर प्रतिष्ठान संचालकों व व्यापारियों को जानकारी ही नहीं है। जानकारी के अभाव में वह चंद रुपयों में नगर निगम से होने वाला यह रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। नगर निगम लाइसेंस विभाग के लोग बताते हैं कि इस लाइसेंस को कराने से कई फायदे होते हैं। प्रतिष्ठान या दुकान का रजिस्ट्रेशन होने पर वह नगर निगम में भी रजिस्टर्ड हो जाती है। जरूरत पडऩे पर वह इस रसीद को दिखाकर बता सकते हैं कि वह नगर निगम के रजिस्टर्ड दुकानदार या व्यापारी हैं। छानबीन के लिए यदि नगर निगम का कोई अधिकारी जाता है तो उसे वह रसीद दिखाकर बता सकते हैं कि प्रतिष्ठान विभाग से भी रजिस्टर्ड है। प्रतिष्ठान के आसपास पूरे हक से आवश्यकतानुसार सफाई आदि के लिए भी वह पूरे हक के साथ नगर निगम से कह सकते हैं। नगर निगम में रजिस्ट्रेशन की जांच में पहुंचे अधिकारी जुर्माना जैसी कार्रवाई नहीं कर सकते।
आधार कार्ड पर कटा सकते हैं रसीद
नगर निगम में प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस नगर निगम की नई बिल्डिंग के अंडर ग्राउंड में सबसे लास्ट वाली केबिन में जाना होगा। वहां पर बैठे कर्मचारियों से प्रतिष्ठान या दुकान के रजिस्ट्रेशन की बात करें। कर्मचारी निर्धारित फीस जमा कराएगा, फीस देने के साथ प्रतिष्ठान या दुकान संचालक को अपनी आईडी में आधार कार्ड या फिर फर्म अथवां प्रतिष्ठान का कोई दूसरा पंजीकरण कागज हो तो वह यह भी नहीं है तो व्यापार के लिए किराए पर दुकान है तो किराएदारी का एग्रीमेंट अथवां निवास प्रमाण पत्र की भी फोटो स्टेट दे सकते हैं। इनमें से कोई भी एक कागज की प्रति देने पर फीस जमा करके कर्मचारी रसीद काट देगा। यही रसीद रजिस्ट्रेशन या नगर निगम का लाइसेंस कहलाता है।
शहर एरिया में कोई भी प्रतिष्ठान चलाने के लिए नगर निगम में भी लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है। यह लाइसेंस रसीद नहीं होने पर नगर निगम जुर्माना वसूल सकता है। लाइसेंस रसीद बनवाने के बाद प्रतिष्ठान नगर निगम रजिस्टर्ड हो जाती है।
अरविंद राय, अपर नगर आयुक्त
प्रतिष्ठान और लगने वाला शुल्क
नाम लाइसेंस शुल्क
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ब्यूटी पार्लर 100
कोरियर 200
हार्डवेयर शॉप 200
प्रिंटिंग मशीन 400
ज्वैलरी शॉप 1000
कोचिंग 1000
मैरेज हॉल 1000
टेंट हाउस 200
मिठाई शॉप 400
सेनेटरी 200
लोहा विक्रेता 400
इलेक्ट्रानिक 100
ट्रैवेल एजेंसी 400
मार्बल 400
सीमेंट एजेंसी 100
रेडीमेड कपड़ा शॉप 200
जनरेटर युक्त शॉप 400
फर्नीचर 500
ट्राली ठेला तिपहिया 75
आइसक्रीम ठेला 150
ठेला चार पहिया 100
भूसा विक्रेता 500
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नोट- डाटा नगर निगम लाइसेंस विभाग का है
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नगर निगम में भी प्रतिष्ठान के रजिस्ट्रेशन होता है। यह जानकारी नहीं थी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में खबर पढऩे के बाद मालूम चला। मंगलवार को नगर निगम जाकर तुरंत रजिस्ट्रेशन कराया।
हिमांशू गुप्ता, पार्लर संचालक
हमें ऐसी जानकारी है कि नगर निगम में प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन कराना होता है। नहीं तो कब का रजिस्ट्रेशन करवा लेते। एक दो दिन में जैसे ही समय मिलेगा नगर निगम जाकर रजिस्ट्रेशन कराएंगे।
राजश्री सिन्हा, पार्लर डायरेक्टर
प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन नगर निगम में भी होता है यह बात मालूम नहीं थी। कभी किसी ने बताया भी नहीं। यदि ऐसा कुछ है तो पता करके नगर निगम में रजिस्ट्रेशन करा लिया जाएगा।
प्रेमजी, पार्लर डायरेक्टर