प्रयागराज (ब्यूरो)। पिछले दो साल में कोरोना संक्रमण से लोगों का जीवन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इसके बाद डेंगू ने हजारों लोगों को अपना शिकार बनाया। अन्य बीमारियों मे ंपीलिया, टाइफाइड, चिकन पाक्स आदि संक्रामक बीमारियों के केसेज भी सामने आते रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और हॉस्पिटल्स को खासी मशक्कत करनी पड़ी है। डाटा नही होने की वजह से समय रहते स्वास्थ्य विभाग तैयारी नही कर सका और संक्रमण की रोकथाम में खासी मशक्कत करनी पड़ गई।

फिर नंबर वन पर आ रहा डेंगू

पहले केवल सरकारी अस्पतालों का डाटा ही सरकार के पास जाता था लेकिन अब प्राइवेट अस्पतालों का डाटा भी स्वास्थ्य विभाग के जरिए सरकार के पास पहुंच रहा है। वर्तमान में प्राइवेट अस्पतालों में डेंगू बुखार के मामले तेजी से आ रहे हैं। इसकी रिपोर्टिंग स्वास्थ विभाग को रोजाना की जा रही है। मरीजों के लक्षणों का भी जिक्र किया जा रहा है। दूसरे नंबर पर कोरोना के मामले हैं। पिछले एक माह में कोरोना के मामलों में तेज उछाल आया है।

कॉमन लक्षण होता है बुखार

किसी भी संक्रामक बीमारी का बुखार कॉमन लक्षण माना गया है। यही कारण है कि सरकार बुखार वाले मरीजों का पूरा डाटा कलेक्ट क्र रही है। अगर यह कदम पहले उठाया गया होता तो कोरोना की रोकथाम अधिक आसानी से की जा सकती थी। लेकिन गलती से सबक लेकर ऐसा शुरू किया गया है। निजी अस्पतालों को कड़ाई से इस नियम का पालन करने को कहा गया है। उन्हें हर हाल में रोजाना यह डाटा विभाग से शेयर करना ही होगा।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों को बुखार के मरीजों का डाटा शेयर करने को कहा गया है। हम लोग रोजाना इसे भेज रहे हैं। इससे विभाग को संक्रमण की तीव्रता की जानकारी जल्द हो जाएगी।

डॉ। सुजीत सिंह, अध्यक्ष, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन प्रयागराज

अभी तक सरकारी अस्पतालों का डाटा लिया जाता था और अब निजी अस्पतालों से भी मांगा जा रहा है। उनकी ओर से रिस्पांस मिल रहा है। इससे संक्रामक बीमारियों की रोकथाम में मदद मिल सकेगी।

डॉ। नानक सरन

सीएमओ प्रयागराज