प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वर्तमान में मिनिमम टेम्प्रेचर दस डिग्री तक पहुंच रहा है। यह वाकई एलार्मिंग स्टेज है। खासतौर से उन लोगों के लिए जो दिल के मरीज हैं या जिनको दिल की बीमारियों के लक्षण दिख रहे हैं। ऐसे लोगों को खुद को ठंड के प्रकोप से बचाना होगा। एसआरएन अस्पताल में मौसम के चलते पिछले चार दिन में हार्ट अटैक के 40 मरीज पहुंच चुके हैं और इनमें 40 साल से कम उम्र के मरीजों की संख्या 60 फीसदी है। यानी दिल की बीमारी के लिए अब उम्र मायने नही रख रही है। आपकी लाइफ स्टाइल अधिक तवज्जो कर रही है।

रोजाना हो रहे हैं 20 एडमिशन

वर्तमान में एमएलएन मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल में रोजाना कार्डियोलाजी विभाग में 20 एडमिशन हो रहे हैं। इनमें हार्ट अटैक के अलावा दिल से जुड़ी तमाम बीमारियों के मरीज शामिल हैं। ऐसे कई मरीज हैं जिनको पहले हार्ट अटैक हो चुका है और अब वह संबंधित लक्षणों से परेशान हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि जैसे जैसे ठंड बढ़ेगी, लोगों को एलर्ट मोड पर रहना होगा। क्योंकि जरा सी लापरवाही करने पर जान का खतरा हो सकता है।

इन लक्षणों से रहिए सावधान

पसीना आना, घबराहट, उलझन, सांस फूलना, यूरीन में पेन, बैक में दुखना गोल्डन आवर का रखिए ख्याल

हार्ट अटैक के मामलों में सबसे ज्यादा पहला एक घंटा होता है। इस दौरान अगर मरीज को इलाज मिल गया तो उसकी जान बच सकती है। डॉक्टर्स का कहना है कि सीने में दर्द होने पर तत्काल ईसीजी कराना जरूरी होता है। किसी हालत में समय का मोह नही करना चाहिए। अक्सर शुरुआती समय में लापरवाही करने से मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है। अगर सीने में दर्द शुरू होने के एक घंटे के भीतर मरीज अस्पताल पहुंच जाए तो वह सामान्य मरीज की तरह ही जल्द ठीक हो जाता है।

इन कारणों से बढ़ रहे मामले अनियमित जीवन शैली, शराब, सिगरेट, तंबाकू, तनाव, शुगर और ब्लड प्रेशर

पहले कहा जाता था कि 45 साल के बाद दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। लेकिन अब 35 साल से कम उम्र के मरीज आ रहे हैं। इसका कारण जीवन शैली पर ध्यान नही देना है। लोग व्यायाम नही करना चाहते हैं। मेरा मानना है कि खुद को फिट रखिए और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान दिया जाए। दिल की बीमारी में शुरुआती एक घंटा मायने रखता है।

डॉ। अभिषेक सचदेवा, कार्डियोलाजी विभाग, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज