प्रयागराज ब्यूरो । कालीचरन अगर ऊंची कूद में शामिल होता तो देश का नाम रोशन कर देता। मगर कालीचरन के साथ ऐसा नहीं हो पाया। वह खिलाड़ी तो नहीं बन पाया मगर अपनी ऊंची कूद से उसने नैनी सेंट्रल जेल की नींद उड़ा दी है। कालीचरन नैनी जेल की दस फीट ऊंची दीवार को फांदकर भाग निकला।
नैनी सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था को कैदी कालीचरन ने धता बता दिया। सजायाफ्ता कैदी कालीचरन की सुरक्षा में लगे सिपाहियों की आंख में धूल झोंककर फरार हो गया। कैदी के गायब होने की सूचना से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। सबसे हैरत की बात ये कि जेल प्रशासन ने घटना को छिपाने की कोशिश की। घटना के बाद रात भर जेल प्रशासन अपने स्तर से कैदी को खोजने का प्रयास करता रहा, वह नहीं मिला तो दूसरे दिन नैनी कोतवाली में सूचना दी गई। पुलिस ने कैदी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। उसकी तलाश चल रही है.
महोबा का रहने वाला है कैदी
नैनी सेंट्रल जेल से फरार सजायाफ्ता कैदी कालीचरन उर्फ बऊआ महोबा जिले के गांव पसवारा कोतवाली एरिया का रहने वाला है। कालीचरन को पाक्सो एक्ट में विशेष न्यायाधीश महोबा ने बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 32 हजार अर्थ दण्ड लगाया है। अर्थ दण्ड अदा न कर पाने पर कोर्ट ने कालीचरन को एक वर्ष पांच माह की अतिरिक्त सजा सुनाई। इसके बाद सजायाफ्ता कैदी कालीचरन को नौ मार्च को नैनी सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। तब से कैदी नैनी सेंट्रल जेल में था.
देखते देखते फांद गया दीवार
नैनी सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता कैदियों की ड््यूटी तमाम कामों में लगाई जाती है। नैनी सेंट्रल जेल के बाहर खेत है। जिसमें कैदियों से खेती कराई जाती है। शनिवार को जेल के कैदी खेत में काम कर रहे थे। उसमें कालीचरन भी शामिल था। शाम को पांच बजे कैदियों को वापस जेल ले जाने की तैयारी होने लगी। तभी अचानक कालीचरन ने दौड़ लगा दी। यह देख सुरक्षा में लगे चार सिपाही हैरान रह गए। चूंकि खेत के इर्द गिर्द दस फिट ऊंची दीवार है। ऐसे में सिपाहियों को लगा कि वह कालीचरन को पकड़ लेेंगे। कालीचरन आगे आगे और सिपाही पीछे पीछे दौड़ रहे थे। देखते ही देखते कालीचरन ऊंची दीवार को फांद गया। यह देख सिपाहियों के होश उड़ गए। सिपाहियों ने फौरन अफसरों को इसकी सूचना दी.
रात भर होती रही तलाश
घटना शाम पांच बजे की बताई जा रही है। कुछ देर में अफसरों को कालीचरन के भागने के बारे में पता चल गया। अफसर भी घटना से हतप्रभ रह गए। मगर अफसरों ने तुरंत नैनी पुलिस को सूचना देना मुनासिब नहीं समझा। जेल के अफसर रात भर अपने स्तर से कैदी को तलाशने का प्रयास करते रहे। मगर उसका कोई सुराग नहीं मिला। थकहार कर जेल के अफसरों ने नैनी कोतवाली को सूचना देने का मन बनाया। घटना के दूसरे दिन 21 जुलाई को जेल वार्डन हिमांशु सेन ने मामले की जानकारी नैनी पुलिस को दी। इसके बाद नैनी कोतवाली पुलिस ने जेल वार्डन की तहरीर पर कैदी कालीचरन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
नैनी सेंट्रल जेल से एक कैदी फरार हुआ है। नैनी जेल वार्डन की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। आरोपित महोबा का रहने वाला है। उसकी तलाश की जा रही है.
यशपाल सिंह, इंस्पेक्टर नैनी
आठ साल बाद पकड़ा गया था कैदी
नैनी जेल प्रशासन की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है। नैनी जेल की प्रिजन वैन से एक कैदी संतोष सिंह 2016 में फरार हो गया था। प्रिजन वैन कचहरी में खड़ी थी। उस वैन से कैदियों को पेशी के लिए जेल से लाया गया था। इस दौरान मऊआइमा का रहने वाला कैदी संतोष सिंह प्रिजन वैन से फरार हो गया था। उसे आठ साल बाद मऊआइमा थाने के इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह और एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।