- हादसा याद कर सिहर उठते हैं मुसाफिर

- बड़ी अनहोनी की आशंका से कांप उठा था यात्रियों का कलेजा

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KAUSHAMBI(12 Jan):

हावड़ा-दिल्ली रेलमार्ग पर कालका मेल में सफर करने वाले मुसाफिरों को मंगलवार का सफर ताजिंदगी याद रहेगा। कोच में आपस में बातचीत करने में मशगूल रहे लोग एक झटका लगने के बाद सीट से नीचे जा गिरे। किसी ने कहा ब्लास्ट हुआ तो कोई ट्रेन लड़ जाने की बात कहकर चीखने लगा। ट्रेन रुकी तो सभी लोग अपने समान और परिवार के साथ नीचे उतर कर दूर जा खड़े हुए। कुछ देर बाद हादसे की सही वजह पता चलने पर यात्रियों ने राहत की सांस ली।

अचानक लहराने लगी

कालका मेल में सफर कर रहे हावड़ा के सुरेश बालमीकी का कहना था कि अचानक लहराने लगी। एक पल तो लगा मानो जान निकल जाएगी। सारे यात्री बचाव के लिए चीखने लगे। मुर्सिदाबाद हावड़ा के कार्तिक मंडल ने बताया कि वह दिल्ली जा रहे थे। अचानक ट्रेन फ्री हो गई। लगा मानो कलेजा मुंह से निकल आएगा। मुगलसराय के आशुतोष सिंह का कहना है कि ऊपर की बर्थ में रखे समान झटका लगते ही नीचे आ गिरे। पास में बैठे एक व्यक्ति चेन खींची लेकिन ट्रेन की रफ्तार नहीं रुकी। बंगाल के सराफत का भी यहीं हाल था। सफारत ने बताया कि हादसे के बाद वह ट्रेन से नीचे तो उतर आए लेकिन काफी देर तक उनके मुंह से शब्द नहीं निकल पा रहे थे।

गनीमत थी धीमी रही रफ्तार

अथसराय रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को ट्रैक बदलना था। इस वजह से गाड़ी की रफ्तार काफी धीमी थी। अगर रफ्तार तेज होती तो रेलवे के हादसों के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ जाता।

संचालन में अवरोध नहीं

दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग काफी व्यस्त है। जहां पर कालका मेल दुर्घटनाग्रस्त वहां स्टेशन होने के कारण एक लूप लाइन भी थी। इसी वजह से ट्रेन की खराबी ठीक करने में भले ही 2.50 बजे तक का वक्त लगा हो लेकिन रेलमार्ग पर आवागमन को लेकर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

भूख से बिलबिलाए लोग

अथसराय स्टेशन पर खान-पान की दुकाने नहीं है। इस स्टेशन से काफी दूर अजुहा में ही बाजार है। इसी वजह से यहां मुसाफिरों को भूख और पानी के लिए परेशान होना पड़ा।