प्रयागराज (ब्यूरो)। कुछ न्यायमूर्तिगणों के व्यवहार तथा नियमों के विपरीत न्यायिक आदेश से सुनवाई प्रक्रिया में बदलाव और कतिपय अन्य अव्यवस्थाओं के खिलाफ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने हड़ताल के दौरान बहस करने वाले अपने अधिवक्ता सदस्यों को लेकर भी सख्ती दिखाई है। कहा है कि कोई भी सदस्य फिजिकल या वर्चुअल बहस करते हुए पकड़ा गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी। एसोसिएशन ने सरकारी वकीलों से भी कोर्ट में न जाने की अपील की है। बहस करने वाले कुछ सरकारी वकीलों के साथ साथ अन्य वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
चीफ स्टैंडिंग काउंसिल को भी नोटिस
चीफ स्टैंडिंग काउंसिल कुणाल रवि सिंह समेत कई वकीलों को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने नोटिस दिया है। एसोसिएशन की इस सख्ती के चलते वकील कोर्टों में हाजिर नहीं हो रहे हैं। दोपहर में कार्यकारिणी की बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित हुआ कि न्यायमूर्तिगणों को आगे से माई लार्ड या योर लार्डशिप संबोधित नहीं किया जाएगा। गुरुवार को हाई कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले सभी गेटों पर वकीलों की ड्यूटी लगाई गई थी ताकि कोई भी वकील चाहे सरकारी हो अथवा गैर सरकारी, किसी भी केस में बहस करने के लिए कोर्ट में उपस्थित न हो सके। बार एसोसिएशन की इस सख्ती के चलते किसी भी कोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं हो सका।
वादकारी निराश लौटे
प्रदेश के सुदूर इलाकों से न्याय पाने के लिए आए वादकारियों को निराश लौटना पड़ा। अदालतें निर्धारित समय पर बैठी किंतु वकीलों की गैर मौजूदगी के कारण न्यायमूर्तिगण वापस चेंबरों में चले गए। एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रेस) पुनीत शुक्ला की विज्ञप्ति के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता व महासचिव विक्रांत पांडेय के संचालन में नए पदाधिकारी कक्ष में कार्यकारिणी सदस्यों ने हालात की समीक्षा की। वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश खरे, उपाध्यक्षगणों अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, सुभाष यादव,अखिलेश मिश्र,नीरज त्रिपाठी,नीलम शुक्ला, संयुक्त सचिवों सर्वश्री सुमित श्रीवास्तव, पुनीत शुक्ल, आंचल ओझा, कोषाध्यक्ष रणविजय सिंह के अतिरिक्त अभिषेक शुक्ला, आशुतोष त्रिपाठी, आशुतोष पाण्डेय, अभिषेक त्रिपाठी, पूर्व संयुक्त सचिव संतोष कुमार मिश्र, व महेंद्र बहादुर सिंह, उपेंद्र सिंह लोहा,मनोज मिश्र, सर्वेश्वर लाल श्रीवास्तव बृजेश्वर दत्त मिश्र,राय साहब यादव, मुन्ना यादव आदि अधिवक्ताओं ने कार्यबहिष्कार को सफल बनाने में प्रतिभाग किया।