बस दो माह का इंतजार, अक्टूबर से शुरू हो जाएगा ट्रामा सेंटर
एसआरएन पहुंचे प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने दी जानकारी
कार्यदायी संस्थाओं को जल्द काम पूरा करने के आदेश
ALLAHABAD: गंभीर मरीजों को इलाज के लिए दूसरे शहरों में रिफर नहीं किया जाएगा। अक्टूबर तक एसआरएन हॉस्पिटल में निर्माणाधीन ट्रामा सेंटर चालू हो जाएगा। यह कहना था प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अनूप चंद्र पांडेय का। उन्होंने मंगलवार को हॉस्पिटल का निरीक्षण चल रहे कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करने के आदेश दिए। उन्होंने कार्यदायी संस्थाओं को काम में तेजी लाने को भी कहा। साथ ही मरीजों को इलाज में सहूलियत देने पर भी उनका जोर रहा।
15 दिन बाद फिर आएंगे
मंगलवार दोपहर एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे प्रमुख सचिव ने बंद पड़े ट्रामा सेंटर और निर्माणाधीन माड्यूलर ओटी का निरीक्षण किया। ट्रामा सेंटर के कर्मियों का रुका वेतन जल्द रिलीज करने के साथ उन्होंने अक्टूबर तक इसके चालू किए जाने की बात कही। उन्होंने एमआरआई और सीटी स्कैन लगाए जाने वाले कमरों का निरीक्षण भी किया। इस दौरान एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह ने कहा कि एमआरआई मशीन दिल्ली में आकर रखी हुई है और रोड परमिट भी बन गया है। एक सप्ताह के भीतर मशीन इलाहाबाद आ जाएगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज के हास्टलों में चल रहे निर्माण कार्यो में तेजी लाने के आदेश दिए हैं। गुणवत्ता से समझौता न करने को भी कहा। साथ ही रैन बसेरे के पास फैली झाडि़यों को हटाने के लिए ठेके पर सफाईकर्मियों को तैनात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में गंदगी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 15 दिन बाद आकर वह फिर से निर्माण कार्यो का जायजा लेंगे।
इमरजेंसी ने हुए नाखुश
सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंचे प्रमुख सचिव ने नाराजगी जताई। वहंा की दिक्कतों को दूर करने के साथ पर्चा काउंटर में वृद्धि करने की बात भी कही, जिससे मरीजों को लंबी लाइन न लगानी पड़े। गैस्ट्रो व कार्डियोलॉजी विभाग में जाकर वहां मौजूद डॉक्टरों से भी बातचीत की। उन्होंने जगह जगह उखड़े प्लास्टर और बिखरे तारों को ठीक करने के आदेश दिए। कहा कि इन समस्याओं को दो दिन में दूर कर दिया जाए।
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वीआईपी आगमन से मरीज बेहाल
हालांकि, प्रमुख सचिव की अगवानी में लगे हॉस्पिटल प्रशासन की मुस्तैदी मरीजों को बेहाल कर गई। कई मरीजों का प्लास्टर तक नहीं हो सका। कहा गया कि प्लास्टर चढ़ाने से गंदगी फैल जाएगी। सबसे अहम यह रहा कि तकरीबन दो बजे पहुंचे प्रमुख सचिव की कई मरीजों से मुलाकात नहीं हो सकी। इस समय तक ओपीडी बंद हो जाती है। दूसरी ओर भर्ती मरीजों को दवाएं मिल जाने और चादर बदलने समेत वार्डो में साफ-सफाई से उन्होंने राहत की महसूस की।