शासन के आदेश के बावजूद नहीं हुआ अलग रहने का इंतजाम

फैमिली के बीच रहकर कर रहे हैं कोरोना मरीजों का इलाज

एसआरएन अस्पताल में कोरोना मरीजों के इलाज में लगे जूनियर डॉक्टर्स के परिजनों पर भी संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, कोरोना के सीजन वन में इन डॉक्टर्स को रहने के लिए होटल और गेस्ट हाउस का इंतजाम किया गया था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। यह डॉक्टर अपने फैमिली मेंबर्स के बीच रहकर संक्रमितों का इलाज करने को मजबूर हैं। इससे कई परिजन भी संक्रमित हो चुके हैं।

आठ से दस परिजन हैं भर्ती

कोरोना वार्डो में मरीजों के इलाज में जूनियर डॉक्टर्स को तैनात किया गया है। यह लगातार मरीजों की देखभाल में लगे हैं। पिछली बार इनको रहने के लिए परिवार से अलग स्थान दिए गए थे। यह लोग अस्पताल से निकलकर होटल और गेस्ट हाउस में रह रहे थे। जिससे अपनों को संक्रमण से बचाया जा सके। इस बार ऐसा नहीं है। शासन के आदेश के बावजूद यह लोग अपने परिवार के बीच रह रहे हैं। कई डॉक्टर्स हास्टल में अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं। इसी हास्टल में संक्रमित जूनियर डाक्टर्स भी आइसोलेट हैं। इतना ही नहीं, अस्पताल में आठ से दस जूनियर डॉक्टर्स के परिजन भी भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है। यह घर में संक्रमित हो गए हैं। इस समय एमएलएन मेडिकल कॉलेज के 400 जूनियर डॉक्टर्स को कोविड डयूटी में लगाया गया है।

टल गई परीक्षा

जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि 26 अप्रैल से उनकी फाइनल परीक्षा होनी थी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने उसे अनिश्चितकालीन के लिए टाल दिया है। अब यह परीक्षा कब होगी यह किसी को नहीं पता। उनका कहना है कि कोरोना की वजह से उनका सेशन भी लेट हो रहा है। एग्जाम हो जाते तो उनका भविष्य भी सेक्योर हो जाता। लेकिन कोरोना संक्रमाण् के दौरान मरीजों की सेवा से उन्हें ऐतराज नही है बशर्ते उनके अलग रहने की व्यवस्था शासन द्वारा कर दी जाए।

स्टाइपेंट मिला, एरियर नहीं

जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि वह तन्यमयता से मरीजों की सेवा में लगे हैं। सरकार को भी उनकी ओर ध्यान देना चाहिए। हाल ही में उन्हें रुका हुआ स्टाइपेंड का भुगतान सरकार ने कर दिया है। लेकिन जेआर के सेवंथ पे कमीशन के एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। इसे भी सरकार जल्द उपलब्ध करा दे तो जेआर की माली हालत ठीक हो जाएगी।

शासन से अगर हाल ही में कोई आदेश आया है तो इसकी जानकारी नहीं है मुझे। इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

प्रो। एसपी सिंह

प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज