पुराने मीटर में भी चलता है जुगाड़, कम आता है बिजली का बिल
बिजली विभाग को हर महीने लगता है लाखों-करोड़ों का चूना
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अगर आप के घर में स्मार्ट बिजली मीटर लगा है या अभी भी पुराना मीटर ही वर्क कर रहा है और बिजली का बिल अधिक आता है तो चिंता मत करिए। पलक झपकते ही आपके दोनों मीटर बाईपास हो जाएंगे और बिजली की खपत 50 से 80 फीसदी तक कम हो जाएगी। इससे आपका खर्च बचेगा और बिजली विभाग को चूना लगेगा। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बुधवार को स्टिंग आपरेशन के जरिए ऐसे ही एक इलेक्ट्रीशियन को ट्रेस किया जो इस काम में माहिर है। उसने बताया कि कैसे लोग अपने स्मार्ट मीटर को जुगाड़ से बाईपास कर भारी भरकम बिजली बिल से छुटकारा पा जाते हैं।
पैसा फेको, तमाशा देखो
रिपोर्टर को जब इस खेल का पता चला तो उसने संबंधित इलेक्ट्रीशियन को ट्रेस करना शुरू किया। करेली के रहने वाले इस इलेक्ट्रीशियन ने पहले तो किसी तरह के बाईपास सिस्टम से मना किया। एक परिचित का हवाला दिया गया तो उसने स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि स्मार्ट मीटर प्रीपेड हो या पोस्ट पेड सभी बाईपास हो जाते हैं। इसके पुराने मीटर को भी बाईपास करने के साथ उसकी प्लेट भी चेंज की जाती है। बदले में मोटी रकम देनी होगी। यह सभी काम फटाफट हो जाएंगे। रिपोर्टर और इलेक्ट्रीशियन से बातचीत-
रिपोर्टर- भाई साहब, मैं राजरूपपुर में रहता हूं। मेरा स्मार्ट मीटर है और उसका बिल अधिक आ रहा है। कोई जुगाड़ कर दीजिए जिससे बिल कम हो जाए?
इलेक्ट्रीशियन- यह काम तो हो जाएगा। लेकिन बदले में 6 हजार रुपए देने होंगे। इसके बाद आपका मीटर का बिल 50 फीसदी तक कम हो जाएगा।
रिपोर्टर- अगर इससे भी कम खपत दिखानी हो तो क्या किया जा सकता है?
इलेक्ट्रीशियन- तो आपको दो हजार रुपए एक्स्ट्रा देना होगा। इसमे खर्च अधिक आएगा। तब आप 80 फीसदी तक अपना बिल बचा सकते हैं।
रिपोर्टर- यह काम कैसे होगा? क्या गारंटी है कि मेरा बिल कम ही आएगा?
इलेक्ट्रीशियन- स्मार्ट मीटर को बड़ी संख्या में लोग बाईपास करा रहे हैं। आप चिंता मत करिए। कई एरिया में इससे लोगों को बड़ा फायदा मिल रहा है।
रिपोर्टर- बाईपास सिस्टम कैसे काम करता है? मुझे भी बताइए जिससे जानकारी हो जाए?
इलेक्ट्रीशियन- आप काम से काम रखिए। बस इतना जान लीजिए कि हम मीटर के भीतर ऐसा सिस्टम फिट करेंगे कि जब चाहे आप मीटर के न्यूट्रल से जोड़कर बिजली चलाए या जब चाहे कटिया वाले न्यूट्रल से जोड़कर पावर यूज करें। इसमें आपकी खपत बच जाएगी। बाहर से देखने में यह पकड़ में भी नही आएगा।
रिपोर्टर- मेरे एक सहयोगी है और उनका प्रीपेड मीटर है। क्या वह भी बाईपास हो जाएगा?
इलेक्ट्रीशियन- हां वह भी हो जाएगा। बस दो हजार एक्स्ट्रा लगेगा क्योंकि उसमे काम अधिक होता है।
रिपोर्टर- पुराने मीटर में भी जुगाड़ हो सकता है क्या?
इलेक्ट्रीशियन- हां, वह बाईपास भी हो जाएगा और फिर उसकी प्लेट भी चेंज कर दी जाएगी। बाकी सवाल जब बाईपास लगवाइएगा तब पूछिएगा। मुझे काम से जाना है।
(इसके बाद रिपोर्टर ने इस सिस्टम के बारे में पता लगाना शुरू किया तो कई अन्य बातें भी सामने आ गर्ई)
आसानी से पकड़ पाना मुश्किल
बताया जाता है कि मीटर को बाईपास किए जाने के बाद उसे पकड़ पाना आसान नहीं होता। बाहर से मीटर जस का तस नजर आता है। इनकी पकड़ तभी होती है जब बिजली विभाग द्वारा मीटर की सघन जांच की जाती है। अगर किसी एरिया में बिजली की खपत अधिक है और बिल कम आ रहा है तो शक के आधार पर मीटर चेक किए जाते हैं। इतना ही नही, स्मार्ट मीटर को एलएनटी के कर्मचारी चेक करते हैं। बिजली विभाग के कर्मचारी जल्दी इनको हाथ नही लगाते हैं।
प्लेट चेंज करने का फायदा
शहर के तमाम एरिया में अभी पुराने बिजली मीटर लगे हैं। इनमें बाईपास करने के साथ इनकी प्लेट भी चेंज कर दी जाती है। यह प्लेट 1500 से 2000 रुपए में आती है लेकिन चेंज करने का शुल्क 6 हजार तक लिया जाता है। इसमें मीटर में रीडिंग अधिक स्टोर होने पर पुरानी की जगह नई रीडिंग की प्लेट लगाई जाती है।
अक्सर पकड़े जाते हैं मामले
मीटर बाईपास के मामले अक्सर सामने आते हैं। इलेक्ट्रीशियन अपने सॉलिड जुगाड़ से बिजली विभाग को जमकर चूना लगा रहे हैं। सोमवार को बिजली विभाग द्वारा करेलाबाग, करामत की चौकी और गौसनगर में छापेमारी अभियान चलाया गया था। यहां पर 145 मीटर की जांच की गई जिसमें 61 मीटर में बिजली चोरी पकड़ी गई और इसमें से कई मीटर बाईपास किए गए थे।