प्रयागराज (ब्यूरो)।काल्विन गेट पर अतीक और अशरफ की हत्या को हुए एक महीने से अधिक का दिन बीत चुका है। जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। इस घटना के बाद से पुलिस मानों कोमा चली गई है। एक भी अधिकारी के पास इस एक महीने में केस को लेकर कुछ भी बोलने व बताने की स्थिति में नहीं है। खामोश पुलिस पब्लिक से क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? यह सवाल लोगों के बीच आम हो चला है। खैर, पुलिस की इसी नाकामी के चलते निष्पक्ष जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम गणित है। न्यायिक आयोग की टीम इस मर्डर केस में प्याज के छिलके की तरह एक-एक बिन्दु को नेरने में जुटी है। मंगलवार को न्यायिक आयोग की टीम एक बार फिर जिले में पहुंची। सर्किट हाउस में रुके टीम के अफसरों द्वारा पुलिस अधिकारियों संग बैठक की गई। बताया जा रहा कि न्यायिक आयोग की टीम के ये अफसर तीन दिनों तक रुक कर पुलिस के द्वारा बताई जा रही क्राइम स्क्रिप्ट को अच्छी तरह से समझेंगे।
तीन दिनों तक रुकेगी टीम
आईएस 227 गैंग के सरगना रहे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या 15 अप्रैल को काल्विन हॉस्पिटल के गेट पर हुई थी। सुरक्षा में रहे पुलिस के जवानों की आंख के सामने अतीक ब्रदर्स को मौत के घाट उतारा गया था। वह भी तब जब वे दोनों न्यायिक अभिरक्षा में थे और कस्टडी रिमांड पर लिए गए थे। दोनों की हत्या करने वाले शूटर लवलेश तिवारी, मोहित उर्फ शनि पुराने एवं अरुण कुमार मौर्या ने कत्ल के बाद सरेंडर कर दिया था। सरेंडर किए जाने के बाद पुलिस उन्हें पकड़कर कर कोर्ट में पेश की थी। अदालत के द्वारा तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में नैनी जेल भेजा गया था। चूंकि इस जेल में अतीक का बेटा अली रंगदारी मांगने के मामले में बंद है। लिहाजा अब्बा अतीक व चाचा अशरफ के कातिल को जेल में देखकर उसका खून खौल उठा था। सुरक्षा और शांति के मद्देनजर तीनों प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिए थे। अतीक ब्रदर्स के कत्ल की जांच के लिए गठित एसआईटी एक महीने में भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पुलिस के पैतरे को देखते हुए ही प्रकरण की तफ्तीश के लिए न्यायिक आयोग की टीम का गठन किया गया। इस टीम के जरिए कत्ल के एक-एक बिन्दु व पहलू को समझने और परखने की कोशिश लगातार जारी है। सूत्र बताते हैं कि न्यायिक टीम के अफसर मंगलवार को फिर शहर आए। सर्किट हाउस में न्यायिक आयोग की टीम के अफसरों द्वारा पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की गई। सूत्र कहते हैं कि इस बैठक में टीम के अफसर पुलिस अधिकारियों से घटना के सम्बंध में विस्तृत जानकारी और अब तक की गई जांच की डिटेल के बारे में जानकारी लिए। यदि सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो यह टीम शहर में तीन दिनों तक रुक कर केस से जुड़े तथ्यों की छानबीन करेगी।