तीन महीने से स्टाइपेंड की राह देख रहे हैं मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स
आर्थिक तंगी से जूझ रहे ढाई सौ से अधिक सीनियर और जूनियर जेआर
कोरोना काल में फ्रंट फुट पर आकर मरीजों का इलाज करने पर एमएलएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स को शाबाशी भले ही मिल गई हो लेकिन उन्हें तीन महीने से स्टाइपेंड नहीं नसीब हुई है। इसकी वजह से ढाई सौ से अधिक जूनियर और सीनियर रेजिडेंट आर्थिक तंगी के शिकार हो गए हैं।
उनको रोजाना खर्च चलाना मुश्किल होता जा रहा है। उनका कहना है कि कोरोना काल में बेहतर कार्य करने का इनाम तो नहीं मिला, हमारी मेहनत का पैसा भी रोक दिया गया है।
नवंबर के बाद नहीं मिला स्टाइपेंड
इसके पहले जूनियर डॉक्टर्स को नवंबर में स्टाइपेंड मिला था। इनमें जूनियर डॉक्टर्स, सीनियर रेजिडेंट, डिमांस्ट्रेटर्स्र, जेआर ट्रामा सेंटर और नान पीजी जूनियर डॉक्टर्स शामिल थे। इनकी संख्या 255 है। इन सभी का स्टाइपेंड 60 से 90 हजार रुपए प्रतिमाह के बीच है। उनका कहना है कि राउंड ओ क्लॉक काम करने के बावजूद स्टाइपेंड नहीं मिलना उनके लिए निराशाजनक साबित हो रहा है।
इनका रूका है स्टाइपेंड
पद संख्या
जूनियर डॉक्टर्स 110
सीनियर रेजिडेंट 30
डिमांस्ट्रेटर 30
जेआर ट्रामा सेंटर 10
नान पीजी जूनियर डॉक्टर्स
एरियर का भी इंतजार
स्टाइपेंड के साथ जूनियर डॉक्टर्स को एरियर का भी इंतजार है। सेवेंथ पे कमीशन लागू होने के बाद जूनियर डॉक्टर्स का लाखों रुपए का एरियर मेडिकल कॉलेज पर बकाया है। बताया जाता है कि तीन साल का एरियर सरकार की ओर से अभी तक नहीं दिया गया है। जूनियर डॉक्टर्स को उम्मीद है कि कोरोना काल में उनके योगदान को देखते हुए सरकार जल्द ही इसका बजट भी जारी कर देगी।
नवंबर में स्टाइपेंड दिया गया था। अभी सरकार से बजट नहीं मिला है। हमने डिमांड भेज दी है। उम्मीद है कि जल्द ही जेआर को स्टाइपेंड रिलीज कर दिया जाएगा।
प्रो। एसपी सिंह
प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज