प्रयागराज (ब्‍यूरो)। धरने पर बैठे डाक्टरों ने कहा कि पहले से भर्ती लोगों का इलाज मानवीयता के आधार पर करते रहेंगे लेकिन आने वाले नए लोगों को भर्ती न करके रेफर किया जा रहा है। जूनियर डाक्टरों की हड़ताल करीब एक महीने से चल रही है। इसमें कार्य बहिष्कार केवल ओपीडी और इलेक्टिव आपरेशन थिएटर से ही हो रहा था। सोमवार को दिल्ली में उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुलिस ने आंदोलनकारी जूनियर डाक्टरों के राष्ट्रीय संगठन के पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। यह सूचना प्रयागराज आते ही जूनियर डाक्टर आक्रोशित हो उठे। देर शाम करीब एक सैकड़ा डाक्टर ट्रामा सेंटर पर जा पहुंचे ट्रामा सेंटर में चिकित्सा सेवा ठप कर मुख्य गेट बंद कर दिया गया। वहीं बैनर लगाकर सभी धरना प्रदर्शन करने लगे। इस बीच मेडिसिन इमरजेंसी, सर्जरी इमरजेंसी, आपरेशन थिएटर, वार्डों से भी जूनियर डाक्टर काम छोड़कर धरना प्रदर्शन में आ गए। ट्रामा सेंटर पर डाक्टरों ने खूब नारेबाजी की। कहा कि अत्याचार नहीं सहेंगे।

घायलों की जान आफत में
जूनियर डाक्टरों द्वारा स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में चिकित्सा सेवा पूरी तरह ठप कराए जाने से उन रोगियों की जान आफत में हो गई जिन्हें त्वरित इलाज की सख्त जरूरत होती है। मेडिसिन इमरजेंसी में हर समय करीब दो दर्जन रोगी भर्ती रहते हैं। ट्रामा सेंटर में हर पांच या 10 मिनट पर घायल या अन्य बीमारी से पीडि़त गंभीर रोगी लाए जाते हैं। इन सभी पर चिकित्सा सेवाएं ठप होने वे विपरीत असर पड़ा। ट्रामा सेंटर का मुख्य गेट बंद कराए जाने से भीतर फंसे रोगियों और उनके तीमारदारों के पसीने छूट गए। हालांकि कुछ जूनियर डाक्टर भी उनके इलाज के लिए भीतर ही रहे। उधर मेडिसिन इमरजेंसी में कई रोगियों को त्वरित इलाज की जरूरत थी लेकिन उनके तीमारदार डाक्टरों को ढूंढते रहे। चिकित्सा व्यवस्था ठप होने से रोगियों में भी घबराहट का माहौल रहा।

हमारे ऊपर जुल्म हो रहा है। दिल्ली में पदाधिकारियों पर पुलिस कार्रवाई हुई यह अत्याचार है। रोगियों से पूरी संवेदना है, हम किसी को परेशान नहीं कर रहे, पहले से भर्ती लोगों का इलाज कर रहे हैं लेकिन किसी नए रोगी को भर्ती नहीं कर रहे हैं।
डा.अनवर अहमद सिद्दीकी अध्यक्ष जूनियर डाक्टर एसोसिएशन

सीनियर डाक्टरों को मौके पर भेजा है, धरना प्रदर्शन कर रहे जूनियर डाक्टरों से बात की जा रही है। चिकितसा सेवा बाधित नहीं होने देंगे। दिल्ली में हुए लाठीचार्ज से डाक्टर आक्रोशित हैं। उन्हें शांत करने की कोशिश होगी, रोगियों का इलाज सीनियर डाक्टरों से शुरू करा रहे हैं।
डा। एसपी ङ्क्षसह प्राचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज