प्रयागराज (ब्यूरो)। चार दिनों तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रहे अतीक अहमद और अशरफ के तीनों शूटरों से की गई पूछताछ में एसआईटी के हाथ जो तथ्य लगे हैं, वह काफी नहीं हैं। इस सनसनीखेज वारदात की सच्चाई तक पहुंचने के लिए अभी कई ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब का मिलना काफी अहम माना जा रहा है। पता चला है कि कस्टडी रिमांड में रहे शूटरों से पूछताछ में जो जानकारियां एसआईटी को मिली हैं, उसके अनुसार अतीक और अशरफ से शूटरों की कोई पर्सनल रंजिश नहीं थी। तीनों की बेरोजगारी और दौलत की तलब को ढाल बनाकर जितेंद्र गोगी नामक शख्स ने इनका इस्तेमाल किया था। यही गोगी ही वह मास्टर माइंड है जिसके जरिए अतीक ब्रदर्स के कत्ल की लिखी गई स्क्रिप्ट में इन तीनों को बतौर शूटरों यूज किया गया। सूत्र कहते हैं कि पूछताछ में तीनों शूटरों ने एसआईटी के समक्ष यह कबूल किया है कि इतना बड़ा रिस्क वह रुपयों को पाने और डॉन बनने के इरादे से ही लिए थे।
कत्ल के पूर्व माइंड किया गया था वाश
तीनों को सब्जबाग दिखाए गए थे कि इस घटना के बाद उनका नाम अपराध की दुनिया में फर्श से अर्स तक पहुंच जाएगा। सूत्रों की बातों यकीन करें तो गोगी से शूटर लवलेश तिवारी की मुलाकात जेल में हुई थी। यही वह शख्स है जिसने लवलेश की मुलाकात मोहित उर्फ शनि पुराने व अरुण कुमार मौर्य से कराई थी। मतलब यह कि अतीक व अशरफ की हत्या के पूर्व तीनों शूटर एक दूसरे से परिचित नहीं थे। जिस लाखों रुपये के विदेशी असलहे से अतीक और अशरफ की हत्या शूटरों ने की है, वह गन भी गोगी के जरिए ही तीनों को मुहैया कराए जाने की बात सामने आई है।
कई एंगलों से कर रही पूछताछ
खैर, रविवार की शाम पांच बजे कस्टडी रिमांड की डेड लाइन पूरी होनी थी। लिहाजा यह समय पूरा होने से पहले एसआईटी तीनों शूटरों को कोर्ट से मिले आदेश के अनुपालन में सुरक्षित प्रतापगढ़ जेल में दाखिल कर आई है। मगर, इस घटना की सच्चाई तक पहुंचने के लिए केस की तफ्तीश कर रही एसआईटी के द्वारा कई और सवालों के उत्तर का खोजा जाना अभी भी शेष है। हालांकि शूटरों के द्वारा पूछताछ में जिस गोगी का नाम लिया गया है अब एसआईटी उसे लेकर माथा-पच्ची शुरू कर दी है। पूछताछ में जो बातें शूटरों के जरिए बताई गईं हैं, अब टीम उन सभी की पुष्टि को लेकर कसरत शुरू कर दी है।
15 अप्रैल को दिया था अंजाम
अब इस काम में टीम को कितनी सफलता मिल पाती है? यह वक्त ही बताएगी। बताते चलें कि शहर के काल्विन हॉस्पिटल गेट के अंदर परिसर में 15 अप्रैल की रात मेडिकल के लिए ले जाए गए अतीक व अशरफ की हत्या कर दी गई थी। दोनों भाईयों की हत्या करने वाले शूटर लवलेश तिवारी निवासी केवतारा क्रासिंग कोतवाली नगर जिला बांदा और मोहित उर्फ शनि पुराने निवासी कुरारा हमीरपुर एवं अरुण कुमार मौर्या निवासी कातरवाड़ी सोरो कासगंज शामिल थे। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों ने सुरक्षा में रही पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
इन सवालों के उत्तर की तलाश का चैलेंज
कस्टडी रिमांड रहे शूटरों से की गई पूछताछ के बाद सूत्रों के द्वारा बताए जा रहे तथ्य यदि सच हैं तो एसआईटी के सामने एक बड़ा चैलेंज खड़ा हो गया है।
चैलेंज यह पता लगाने का है कि आखिर जिस जितेंद्र गोगी का नाम सामने आ रहा है वह कौन और कहां का है। आखिर उसकी अतीक अहमद या अशरफ से सीधी रंजिश क्या थी?
यदि गोगी की अतीक ब्रदर्स से सीधे कोई मुखालफत नहीं रही तो उसके पीछे छिपे अतीक के वे दुश्मन कौन हैं?
जिन्होंने अतीक ब्रदर्स की हत्या कराने के लिए गोगी नामक अपराधी को हथियार बनाया। सूत्र यह भी बता रहे कि पूछताछ में शूटरों कमलेश तिवारी ने कहा है कि उसकी मुलाकात जेल में हुई थी।
वह कौन सी जेल है जहां दोनों मिले थे, यह बात सूत्रों को भी मालूम नहीं चल सकी है। खैर अतीक व अशरफ की हत्या में विदेशी पिस्टल जिगाना के इस्तेमाल की बात सामने आई है।
अब एसआईटी के सामने चैलेंज इस बात का भी है कि विदेश की यह अवैध पिस्टर गोगी फिर गोगी के द्वारा शूटरों तक कैसे पहुंची।
कत्ल के बाद चर्चा रही कि इन तीनों शूटरों के बैकअप में दो और भी शूटर थे। मगर बैकअप में यदि दो शूटर थे तो वे कौन हैं?
हालांकि जिस होटल स्टे इन में शूटर ठहरे हुए थे उसमें सिर्फ तीन के ही रुकने की पुष्टि हुई है।
यह पुष्टि एसआईटी के द्वारा कस्टडी में लिए गए सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में मिले कुछ वीडियो से की गई है।