प्रयागराज ब्यूरो । धार्मिक मेले में ड्यूटी करने वाले पुलिस के जवानों को महाकुंभ का पूरा नक्शा पढ़ाया जाएगा। साथ ही ड्यूटी के दौरान एटीट््यूट के भी टिप्स दिए जाएंगे। श्रद्धालुओं से बात का लहजा और ड्यूटी के दौरान खुद में सेवा भाव जागृत करने की भी सीख दी जाएगी। बुधवार को महाकुंभ पुलिस लाइंस में पहुंचे 200 जवानों को कुछ इसी तरह की जानकारियां दी गई हैं। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र के साथ प्रयागराज शहर और महाकुंभ की विशेषताओं के बारे में भी बताया गया। ड्यूटी के लिए आने वाले हर जवानों को इसी तरह की जानकारियां दी जाएंगी। ताकि जरूरत पडऩे पर किसी भी जवान के सामने तत्काल मौके पर पहुंचने के लिए रास्ते के बारे में जानकारी की समस्या नहीं हों। श्रद्धालुओं के कॉल या फिर अफसरों के निर्देश पर बगैर देर के किए जवान बताए गए स्थान पर पहुंचेंगे। इन जवानों को मुख्य स्नान पर्वों पर क्राउड मैनेजमेंट और धैर्य का भी पाठ पढ़ाया गया। साथ ही जवानों को मेला बसने के वक्त घूमकर एक-एक रूट नक्शे के हिसाब से खुद समझने के निर्देश दिए गए।

जवान रखेंगे मेला में धैर्य
करीब चार हजार हेक्टेयर में इस बार बसाए जाने वाले महाकुंभ के नक्शे में थोड़ा चेंज बताया जा रहा है। क्योंकि मेला क्षेत्र बढ़ा है इस लिए नए इलाकों में रास्तों की भी रूपरेखा खीची गई है। जवानों को मेला क्षेत्र में डंडी बाड़ा किधर होगा और अखाड़े किस एरिया में बसाए जाएंगे? यह जानकारी पहले दिन दी गई। साथ ही बताया गया कि संगम एरिया में किस सड़क का क्या नाम है और वह कौन सी सड़क है। ताकि श्रद्धालुओं के पूछने पर जवान तत्काल सही मार्ग की जानकारी लोगों को दे सकें। ट्रेनिंग में आए जवानों को अफसरों को बताया कि विषम परिस्थितियों में भी वे अपना धैर्य बनाए रखेंगे। किसी भी स्थिति में धैर्य के साथ लोगों से वह बातें करेंगे। बगैर अफसरों का निर्देश मिले वे रूट डायवर्जन या फिर श्रद्धालुओं को किसी दूसरे रूट पर ट्रांसफर नहीं करेंगे। यदि विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की भाषा समझ नहीं आए तो तत्काल मेला क्षेत्र में लगाए जाने वाले किसी भी एक्सपर्ट से बात कराकर उनकी बात समझें और सही डायरेक्शन की जानकारी दें। ड्यूटी के दौरान श्रद्धालुओं से बात करने का लहजा ऐसा रखने को कहा गया है कि उन्हें बाहर होने का अहसास नहीं हो। ऐसा लगे कि वे अपनों के बीच में ही हैं। पुलिस पूरी तरह से सहयोगात्मक रवैये के साथ श्रद्धालुओं की किसी भी तरह की मदद करेगी। यदि किसी को रास्ते में कोई दिक्कत हो जाए तो बगैर देर किए शीर्ष अफसरों को सूचना देंगे। ताकि उसे समय से सम्बंधित विभागों से संपर्क करके स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सके। ट्रेनिंग के दौरान मेला पुलिस के शीर्ष अफसरों ने कहा कि हर जवान महाकुंभ एरिया को घूम कर नक्शे के हिसाब से खुद भी रूट को अच्छी तरह समझेंगे। ताकि सिर्फ नक्शे में बताए जाने के बाद किसी भी रूट को लेकर कंफ्यूजन जैसी स्थिति नहीं रहे।


ट्रैफिक सिस्टम का भी दिए जानकारी
पुलिस लाइंस में ट्रेनिंग के लिए पहुंचे जवानों को महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में ट्रैफिक संचालन की भी जानकारी दी गई। अफसरों की मानें तो हर जवानों को महाकुंभ सुरक्षा से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारियां दी जाएंगी।
आपात काल में आग जैसी घटना होने पर यदि मौके पर हैं वे किस तरह से मेला क्षेत्र में मौजूद रेत के जरिए आग को बुझाने की कोशिश खुद भी सुरक्षित रहते हुए करें, यह भी सभी को बताया जाएगा।
पार्किंग के आसपास जिस भी जवान की ड्यूटी होगी वह सभी गाडिय़ों को अफसरों से प्राप्त निर्देश के क्रम में निर्धारित पार्किंग में ही खड़ी करवाएंगे। दिए जाने वाले निर्देशों या कंट्रोल रूम की सूचना के अकार्डिंग ही सभी काम करेंगे।
पैदल चलन रहे यात्रियों की भीड़ के बीच यदि कोई गाड़ी लेकर घुस रहा तो उसे कैसे मना करना है और गाडिय़ों को साइड कैसे कराया जाएगा, यह बातें भी पहले दिन पहुंचे जवानों को बताई गईं।


ठंड से सुरक्षा के भी दिए गए टिप्स
महाकुंभ में कड़ाके की ठंड होगी। इस लिए जवानों को श्रद्धालुओं के साथ ठंडी से खुद की भी सुरक्षा स्वयं ही करनी होगी। इसलिए ड्यूटी के दौरान हर जवान बवर्दी दुरुस्त होगा। साथ ही मजबूत विभाग से मिलने वाली जैकेट शूज एवं शॉक्स का प्रयोग करेंगे। आवश्यकता के अनुसार उन्हें अपने साथ गर्म शॉल या कम्बल भी रखना होगा। ताकि जरूरत पडऩे पर वे ठंड से खुद को बचा सकें। चूंकि ड्यूटी रेत पर यानी संगम व गंगा नदी के पॉट में करनी है इस लिए ठंडी और भी अधिक लगेगी। इस लिए पुलिस बूथ या चौराहों पर जलाई गई आग का सहारा ले सकते हैं। पर ध्यान रखना होगा कि ड्यूटी पर दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन भी निर्देशों के आधार पर निभाना है।


महाकुंभ ड्यूटी में अभी तो बहुत जवान नहीं पहुंचे। बुधवार को करीब दो सौ जवान पहुंचे थे। जिन्हें ड्यूटी प्लान के अनुसार जरूरी टिप्स दिए गए। साथ ही महाकुंभ एरिया के रूट नक्शे को समझाया गया। ट्रेनिंग बाद वे खुद भी मेला क्षेत्र में घूमकर बताए गए रूट को अच्छी तरह देखेंगे। ताकि महाकुंभ शुरू होने पर किसी भी जवान को के सामने रूट की जानकारी को लेकर समस्या नहीं हो।
राजेश द्विवेदी, एसएसपी महाकुंभ