प्रयागराज (ब्यूरो)। जावेद पम्प का घर ढहाने से पहले पुलिस ने पूरी तलाशी ली थी। इसी दौरान किताबें व अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए गए। जिस पर भी पुलिस की नजर पड़ी और लगा कि यह जांच में कुछ काम आ सकती है उसे वह सहेज कर रखते गए। जिन पर नजर नहीं पड़ी उसे बाहर निकाल कर कूड़े की तरह रोड पर व पीछे खाली पड़े प्लाट में फेंक दिया गया। इसी कूड़े के ढेर में (इज इस्लाम ए वायलेंट रिलीजन?) नामक बुक भी पड़ी थी। इसके कवर पर लेखक के रूप में डॉ। शाह इबादुर रहमान नेशात फार्मर प्रोफेसर ऑफ इंग्लिश उम्मुल क्योरा यूनिवर्सिटी मक्का लिखा था। एक बुक और उसी ढेर में लोगों को नजर आई। जिसके कवर पेज पर (द्बह्यद्ग ड्डठ्ठस्र स्रद्गष्द्यद्बठ्ठद्ग शद्घ द्वह्वह्यद्यद्बद्व ह्वद्वद्वह्यद्ध) और पेज के निचले हिस्से में डॉ। इशरार अहमद व लास्ट में मरकजी अंजुमन खुद्दाम क्यूरान लाहौर पाकिस्तान लिखा हुआ था। इस बुक के एक पन्ने पर उर्दू में दूसरे पर इंग्लिश में लिखा था। इस तरह की कई किताबें थीं। जानकारों का कहना था कि लाहौर और मक्का के राइटरों की यह किताब स्लामिक साहित्य है। इसमें जावेद की रुचि रही होगी तभी वह इन्हें मंगवाता भी रहा होगा।

अब तक जो भी चीजें मिली हैं उसकी बाकायदे जांच की जाएगी। हर चीज को बारीकी से देखा व समझा जा रहा है। कई लेखकों की बुक उसके घर में मिली हैं। जो भी मिला है, उसमें से ब्रेन वाश करने वाला मॅटिरियल क्या है? यह तो पूरी छानबीन के बाद बताया जाएगा।
अजय कुमार
एसएसपी