प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जनवरी आ चुकी है और सैलरी पेशा लोगों के लिए सबसे बड़ा टास्क अपने टैक्स को बचाने का है। अगर वह चूक गए तो उनकी मेहनत की कमाई का एक बडृा हिस्सा इनकम टैक्स के रूप में सरकार के खाते में चला जाएगा। इससे बचने के लिए उन्होंने जुगत लगाना शुरू कर दिया है। वह अपने टैक्स एक्सपट्र्स से राय लेकर सेविंग्स के तमाम तरीकों पर दिमाग लगा रहे हैं। आइए जानते हैं कि कैसे बचाया जा सकता है अपना टैक्स।

सेविंग्स में इनवेस्ट करने को तैयार
सवाल यह उठता है कि सैलरी पेशा कर्मचारी अपना टैक्स कैसे बचाएंगे। इसके लिए एक्सपट्र्स उन्हें तमाम तरीके बता रहे हैं। पीपीएफ, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना में पैसे लगाने की राय दे रहे हैं। इन स्कीम्स में पैसा लगाने के बाद लोगों की रकम भी सेफ रहेगी और निश्चित समय पर उन्हे इसका लाभ मिलेगा। एक्सपट््र्स का कहना है कि पांच साल की एफडी पर पैसा निवेश कर भी टैक्स को बचाया जा सकता है।

एक नजर में इनवेस्टमेंट
पीपीएफ खाता खोलने पर कई गुना टैक्स का लाभ प्राप्त हो सकता है।
एनपीएस में खाता खोलकर टैक्स मे छूट ली जा सकती है।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में 1.5 लाख तक की टैक्स सेविंग की जा सकती है
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में 80 सी के अंतर्गत मिल सकती है छूट
पोस्ट आफिस टर्म डिपाजिट स्कीम में 5 साल के निवेश से टैक्स की छूट

इनकम टैक्स की किस धारा में मिलती है कितनी छूट
धारा 80सी- बीमा पालिसी, सैलरी पीएफ और एनएससी में मिलेगी छूट
बोटा- बैंकों के बचत खाता मं मिलेगी छूट
इसके अलावा होम लोन पर ब्याज चुकाने या मकान किराया भत्ते पर भी छूट मिलती है
धारा 80 ई- बच्चों के हायर एजूकेशन के लोन में ब्याज की छूट भी मिलती है

दोनों में से कोई एक टैक्स रिजीम चुनना जरूरी
इनकम टैक्स चुकाने के लिए लोगों को दोनों में से कोई एक टैक्स सिस्टम का चुनाव करना होगा। इसमें नई और पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्था शामिल है। पुराने टैक्स रिजीम में यह सभी छूट दे रखी हैं लेकिन टैक्स स्लैब की दरें कुछ ज्यादा हैं। वही नए टैक्स व्यवस्था में अधिकतम छूट नही दी जा रही है लेकिन टैक्स की दरें काफी कम होती हैं।


लोगों के पास आप्शन है कि वह दोनों में से कोई भी टैक्स रिजीम सेलेक्ट कर सकते हैं। हालांकि दोनों की अपनी अपनी कंडीशन है। लोग टैक्स बचाने के तरीके पूछते हैं। उनको सेविंग्स और इनवेस्टमेंट के बारें में जानकारी दी जा रही है।
सीए दिव्या चंद्रा, पास्ट चेयरपर्सन आईसीएआई इलाहाबाद ब्रांच

लोग पहले से अधिक स्मार्ट हो चुके हैं। उन्हे पता है कि कैसे टैक्स को बचाया जा सकता है। लोग अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में देने से बचते हैं। हालांकि इसके लिए कई आप्शन है और इसके बारे में उनको बताया भी जाता है।
सीए निधि अग्रवाल चेयरपर्सन, सीआईसीएएसए आईसीएआई प्रयागराज