हंडिया कांड: शराब तस्करों को पकड़ने के लिए पुलिस-प्रशासन लगातार लगातार दे रही दबिश

- कार्रवाई के डर भाग खड़े हुये शराब माफिया, नेटवर्क खंगालने में जुटी पुलिस

PRAYAGRAJ:

हंडिया के अमोरा गांव में एक हफ्ते में जहरीली शराब से पंद्रह लोगों की मौत के बाद पुलिस प्रशासन एक्टिव मोड में है। क्षेत्र में शराब तस्करों को पकड़ने के लिए गांव के हर एक घर की तलाशी ली जा रही है। तस्करों के नेटवर्क को पकड़ने के लिए लगातार उनके ठिकानों पर दबिश दे रही है। अवैध शराब कारोबारी जेल भेजे जा रहे हैं। पुलिस के अचानक इस तरह की ताबड़तोड़ छापेमारी से गांव के लोग आश्चर्यचकित हैं। सभी का कहना है कि पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन पुलिस इस तरह से कभी एक्टिव नहीं हुई। शायद पुलिस पहले इतनी सक्रिय होती तो इतने लोगों की जानें नहीं जाती।

समय-समय पर नहीं होती कार्रवाई

पिछले वर्ष नवंबर महीने में जहरीली शराब से फूलपुर एरिया के अमिलिया, कंसार, मलिया का पूरा व मैलवन गांव में सात लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद आबकारी अधिकारी समेत कई कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया था। पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिराई गई थी। सवाल है कि अगर जिम्मेदार पुलिस विभाग से लेकर आबकारी के अफसर अगर समय-समय पर कार्रवाई करते रहते तो हंडिया में इतनी बड़ी घटना नहीं होती। सूत्रों की माने तो इस अवैध धंधे से दोनों ही विभागों को मोटा फायदा पहुंचता होगा तभी कार्रवाई ठंडी पड़ जाती है। इतना ही नहीं सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मी भी बहाल हो गए।

इनसे तय होती है थाने-चौकी की कीमत

सूत्रों की माने तो जिस भी थाना-चौकी अंतर्गत अवैध शराब, अवैध खनन, जुआ-सट्टा और नशे का कारोबार चलता है। उस थाने-चौकी की कीमत अपने आप बढ़ जाती है। इन्हीं के दम पर मोटी कमाई की जाती है। इसलिए यह कारोबार पूर्णरूप से बंद नहीं हो पाता है। इनसे होनी वाली कमाई का हिस्सा बीट सिपाहियों को भी मिलती है।

शराब की सवा सौ शीशी फेंकी मिली

अमोरा गांव में पुलिस व आबकारी विभाग की टीम को जांच के दौरान खेतों से शराब से भरी हुई 125 शीशी फेंकी मिली है। अब पुलिस पड़ताल कर रही है कि आखिर कौन व्यक्ति है जो मौत की घूंट वाली शराब की इन शीशियों को खेतों में फेंक कर छुपा हुआ है।

आबकारी विभाग के बंधे हैं हाथ

इस घटना के बाद दो जिम्मेदार विभागों के बीच कार्रवाई को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। जानकारों की मानें तो आबकारी के हाथ तो बंधे हुए हैं। सब कार्रवाई का पॉवर तो पुलिस विभाग के पास होता है। उनके हाथ में आईपीसी की धारा तक लगाने का प्रावधान है। आबकारी के पास तो सिर्फ आबकारी अधिनियम के तहत धारा 60 की कार्रवाई का प्रोसेस है। इस धारा से तत्काल शराब माफिया खड़े-खड़े जमानत मिल जाती है। पुलिस विभाग के पास आईपीसी की धारा 272 होती है। इस धारा में छह महीने से पहले बेल तक नहीं होती है। इस धारा में अजीवन कारावास तक प्रावधान है। इसके अलावा 4677/468 की धारा भी है। इस धारा का मतलब है कि सरकार के राजस्व को हानि पहुंचाना।

यह भी है दावा

जांच-पड़ताल में कुछ जानकारियां सामने आई हैं। पता चला है कि जिन शराब माफियों के खिलाफ पूर्व में कार्रवाई की गई। उनमें ज्यादातर पुलिस के विवेचना पेडिंग पड़े हैैं या फिर उनमें मुकदमों को खत्म कर दिया गया है। शराब प्रकरण में पूर्व में जिले भर में दर्ज हुये मुकदमे में विवेचना अफसरों की लापरवाही भी सामने आई है। अगर सही से जांच होती तो कई सबूत हाथ लगते लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जेल से छूटने के बाद भी कईयों का शराब का खेल जारी है।

संसाधनों की कमी से जूझ रहा आबकारी विभाग

आबकारी विभाग की ओर से जिले भर में कुल 11 इंस्पेक्टर तैनात हैं। इनके साथ 17 हेड कांस्टेबल और 18 सिपाही हैं। इनके भरोसे पूरा विभाग चल रहा है। शराब माफिया को पकड़ने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है। मुकदमा दर्ज करने के लिए स्थानीय पुलिस को इंवॉल्व करना पड़ता है। उनके फोर्स तक की मदद लेनी पड़ती है।

एक हफ्ते में पचास से अधिक हुई कार्रवाई, जिनमें ये दस शामिल

1. थाना धूमनगंज पुलिस द्वारा 80 लीटर अवैध शराब पकड़ा गया।

2. सोरांव पुलिस द्वारा सात अभियुक्तों को कुल 305 लीटर अवैध शराब के साथ गिरफ्तार किया गया।

3. थरवई पुलिस व आबकारी की संयुक्त टीम ने 44 पेटी अवैध शराब जब्त किया।

4. शाहगंज पुलिस और आबकारी की संयुक्त टीम ने एक ट्रक अवैध बियर जब्त किया।

5. मांडा पुलिस द्वारा 60 लीटर मिलावटी शराब जब्त किया गया।

भट्टी और दो कुंतल लहन नष्ट किया गया।

6. मऊआइमा पुलिस द्वारा 50 लीटर अवैध शराब बरामद किया गया। तीन कुंतल लहन को भी नष्ट कराया गया।

7. उतरावं में एसओजी गंगापार की टीम ने मुठभेड़ में अवैध शराब तस्कर को पकड़ा। आरोपी के कार से तीन सौ अधिक शराब की शीशी मिली थी।

8. नवाबगंज पुलिस द्वारा दस लीटर अवैध शराब बरामद किया गया था।

9. उतरांव पुलिस द्वारा 20 लीटर अवैध शराब बरामद किया गया था।

10. लालापुर पुलिस द्वारा तीस लीटर अवैध शराब बरामद की गई थी।

इस एरिया में अवैध कारोबार का रहता है चर्चा

- सूत्रों की माने तो नीवां कछार, करछना, कौडि़हार हाईवे ओवर ब्रिज के किनारे, कौंधियारा, छतनाग झूंसी, नेवढिया मेजा, उतरांव, शुकुलपुर गादियानी मऊआइमा, सेवना सरायममरेज, पीपल गांव, नैनी के अरेली, शिवकुटी के नयापुरवा कछार, शंकरगढ़ औद्योगिक, घूरपुर के एरिया में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।