प्रयागराज (ब्यूरो)। संगम तट पर वीआईपी घाट के पास मुख्यमंत्री को देखने के लिए स्नान के लिए पहुंचे सैकड़ों श्रद्धालुओं की बैरिकेडिंग के बाहर खड़े हो गए। जैसे ही संगम से आगे बढ़ा सीएम का काफिला वीआईपी घाट के करीब रुक लोग जय श्रीराम का नारा लगाने लगे। बमुश्किल पांच मिनट यहां रुके सीएम नारा लगा रहे लोगों से हाथ जोड़ते हुए गाड़ी में बैठकर किला की ओर निकल गए। काफी देर से पहुंचे मुख्यमंत्री के पास समय का अभाव था। लिहाजा वह संगम क्षेत्र में बहुत देर तक नहीं रूके।
जानिए क्या थीं लोगों में चर्चाएं
लिफाफा देखकर भांप लेने में माहिर मुख्यमंत्री दस मिनट में ही माघ मेला के कार्यों की जो सुस्त तस्वीर आंखों से खींचे, उसे देखकर शायद वह खुश नहीं रहे। सीएम के जाते ही उनके हाव-भाव और चेहरे की भावभंगिमा देखने वालों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। कहना था कि ऐसा लग रहा वह माघ मेला के कार्यों की प्रगति से बहुत संतुष्ट नहीं थे। क्योंकि साल यानी दिसंबर महीना बीतने में महज चार दिन ही शेष रह गए हैं। पंद्रह जनवरी से कल्पवास शुरू हो जाता है और अभी तक पूरी तरह से पांटून पुल का निर्माण ही पूरा नहीं हो सका है। कहीं बैरियर लगाना शेष है तो किसी जगह पटरी और चकर्ड प्लेट बिछाना। पूरे मेला क्षेत्र में चकर्ड प्लेट की सड़कें भी कम्पलीट नहीं हो सकी हैं। जबकि मेला क्षेत्र में प्रशासन भूमि का आवंटन शुरू कर दिया है। सड़कों के अभाव में जमीन आवंटन कराने के बावजूद साधु संतों को अपना टेंट लगाने में परेशानी हो सकी है। लोगों का कहना था कि शायद यह सारी बात मुख्यमंत्री समझ गए थे। यही वजह है कि उनके चेहरे पर गुस्से का भाव झलक रहा था। अब लोगों की इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है। फिलहाल यह बात कह पाना काफी मुश्किल है।
आज भूमि आवंटन का कार्य निरस्त
माघ मेला एरिया में चल रहे भूमि आवंटन का कार्य गुरुवार 28 दिसंबर को नहीं होगा। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने कहा कि इस डेट का भूमि आवंटन
साल के अंतिम दिन 31 दिसंबर को होगा। उन्होंने कहा कि शेष भूमि आवंटन का कार्य पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप यथावत चलेगा।
वीआईपी ड्यूटी से खूब चले श्रद्धालु
मुख्यमंत्री को दोपहर 12.25 बजे यहां आने की सूचना थी। इस लिए सुबह दस बजे से ही पुलिस फोर्स नाकेबंदी करके जगह-जगह मुस्तैद रही। पुलिस की इस नाकेबंदी की वजह से संगम स्नान के लिए आने वाले को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह से ही संगम जाने वालों को पुलिस बांध काली सड़क से आवागम में रोकने का काम शुरू कर दी थी। ऐसे में बाहर से आने वाले स्ननार्थियों को संगम तक पहुंचने में काफी भटकना पड़ा। यहां तक कि जवान मीडिया कर्मियों को भी सीएम के कवरेज के लिए नहीं जाने दे रहे थे। ऐसी स्थिति में वीआईपी ड्यूटी के चलते श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए काफी चलना पड़ा।