पंजीकरण नहीं होने पर परीक्षा से वंचित रह गए 94 छात्र-छात्राएं

डीएम से मिलकर बताई समस्या, मौके पर हुआ समाधान

मामले की होगी मजिस्ट्रेटी जांच, मनमानी से बर्बाद हो गया करियर

ALLAHABAD: भविष्य बनाने का सपना देखने वाले छात्र-छात्राओं का करियर एक लापरवाही से चौपट हो गया। मामला राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नैनी का है, जहां विभिन्न ट्रेडों में एडमिशन ले चुके बच्चों को पूर्व प्रिंसिपल की लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ा। पोर्टल पर पंजीकरण नहीं होने से इनको परीक्षा में बैठने नहीं दिया गया। उन्होंने इसकी जानकारी डीएम संजय कुमार को दी। डीएम ने बच्चों के भविष्य को देखते हुए दोबारा पोर्टल पर पंजीकरण के निर्देश देते हुए मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराने का भरोसा दिलाया।

दो बार मौका, दोनों बार लापरवाही

आईटीआई नैनी के छात्र-छात्राओं ने बताया कि उन्होंने अगस्त 2015 में प्रवेश लिया था लेकिन संस्था ने एनसीबीटी एमआईएस पोर्टल पर पंजीकृत नहीं किया, जिससे वह परीक्षा नहीं दे पाए। जन मिलन केंद्र में समस्या सुनने के बाद डीएम ने आईटीआई के प्रिंसिपल अरुण कुमार यादव को तलब किया। प्रिंसिपल ने बताया कि यह मामला पिछले प्रिंसिपल अशोक कुमार के कार्यकाल का है। उस दौरान छह सौ बच्चों ने विभिन्न ट्रेड में प्रवेश लिया था लेकिन इनका पंजीकरण नहीं हुआ था। इससे इन्हें परीक्षा हेतु हाल टिकट नहीं मिला। उन्होंने पोर्टल पर पांच जनवरी 2016 पर पुन: पंजीकरण का मौका मिला लेकिन इस बार भी यही चूक हुई। इस पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

जनवरी-फरवरी में दे सकेंगे एग्जाम

मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने अधिशासी निदेशक राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद से बात की। उन्होंने बच्चों के भविष्य को देखते हुए वर्तमान प्रिंसिपल को भारत सरकार के एमआईएस पोर्टल के अधिकारियों से बात कर पोर्टल को पुन: खालेकर छूटे बच्चों का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया, जिससे वह जनवरी-फरवरी की परीक्षा में शामिल हो सकें। यह भी मामला प्रकाश में आया कि मेजा ऊर्जा निगम प्रालि के लिए ली गई जमीनों पर विस्थापितों हेतु आईटीआई नैनी में एक-एक बच्चे को विभिन्न ट्रेडों में कुल 36 को प्रवेश दिया गया था। यह भी पूर्व प्रिंसिपल की लापरवाही से परीक्षा से वंचित हो गए। डीएम ने इस मामले की जानकारी शासन को देकर निंदा की है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को न्याय दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।