प्रयागराज (ब्यूरो)। 'बड़ी कठिन होगी डगर संगम की हम ऐसा इस लिए कह रहे हैं कि यदि आप मकर संक्रांति पर संगम स्नान के लिए आ रहे हैं तो मानसिक रूप से तैयार रहें। इस स्नान पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन के जरिए वाहन पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं। बहुत भीड़ नहीं हुई तो मेला क्षेत्र परेड में बनी पार्किंग तक वाहनों को आने दिया जाएगा। जहां पर यह पार्किंग बनाई गई है यहां वाहन पार्क करने के बाद संगम पहुंचने के लिए कम से कम पांच से छह किलो मीटर पैदल चलना होगा। चूंकि पर्व के दिन पूरे मेला क्षेत्र में ई-रिक्शा पर भी प्रतिबंध है। इस लिए संगम तक पहुंचने का एक मात्र जरिया पैदल ही होगा। हालांकि यह सारी व्यवस्था प्रशासन के जरिए श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के दृष्टिगत ही बनाया गया है।
बनाया गया है ट्रैफिक प्लान
माघ मेला का प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर ट्रैफिक प्लान तैयार गया है। इस प्लान का हर प्वाइंट के पास खड़े पुलिस के जवान सख्ती के साथ पालन कराएंगे। सभी जवानों को इस बात की अफसरों के द्वारा सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी श्रद्धालु को कहीं दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जब तक मेला एरिया के आसपास बनाई गई पार्किंग फुल नहीं हो जाती किसी भी वाहन को यहां तक आने के लिए रोका नहीं जाए। यदि परेड व आसपास की पार्किंग फल हो जाती है और भीड़ बढ़ती है तो अन्य इमरजेंसी के लिए बनाई गई पार्किंग में वाहन फौरन पार्क कराए जाएंगे। वहां से सभी श्रद्धालुओं को पैदल मेला क्षेत्र संगम तक पहुंचना होगा। श्रद्धालुओं की मदद के लिए जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं। कोई भी पुलिस कर्मचारी किसी भी श्रद्धालु से सूखे श्वर में बात नहीं करेगा। श्रद्धालुओं को सभी मार्ग दिखाते हुए उन्हें स्नान के लिए जवान संगम तक पहुंचाने में मदद करेंगे।
पुलिस पूछेगी क्या दिक्कत है माताजी
अफसरों ने मेला क्षेत्र में तैनात पुलिस के जवानों को हिदायत दी गई है। कहा है कि जवान बुजुर्ग श्रद्धालुओं के साथ ऐसा व्यवहार करें मानों खुद उनके घर परिवार के हों। किसी भी सीनियर सिटीजन को कोई दिक्कत देखते ही बगैर बुलाए मदद के लिए जवान पहुंचें, और आत्मीयता के साथ पूछे बुजुर्ग महिला है तो क्या दिक्कत है अम्मा जी या माता जी और बुजुर्ग पुरुष है तो पूछे कोई परेशानी है क्या बाबा या बाबू जी।
माघ मेला पार्किंग स्थलों से संगम
पार्किंग दूरी करीब
परेड हेलीपैड पार्किंग 04 किमी
काली सड़क टीपी लाइन 03 किमी
गल्ला मंडी दारागंज 06 किमी
परेड प्लाट 17 05 किमी
बड़े वाहन बस ट्रैक्टर परेड प्लाट 17 में पार्क होंगे।
भीड़ बढऩे पर इमरजेंसी पार्किंग
माघ मेला स्नान पर्व मकर संक्रांति पर संगम जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढऩे पर इमरजेंसी वाहन पार्किंग बनाए गए हैं।
इस पार्किंग प्लान पर गौर करें तो मीरजापुर रीवां रोड से आने वाले सभी वाहनों को लेप्रोसी चौराहा के बगल नव प्रयागम में वाहन पार्क करना होगा।
यहां वाहन पार्क कराए गए तो श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए कम से कम दस किलो मीटर पैदल चलना होगा।
जौनपुर वाराणसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ बढऩे पर कटका तिराहा होल्ड जीटी रोड पर कछार में तथा त्रिवेणीपुरम पार्किंग में वाहन पार्क कराए जाएंगे।
यदि ऐसा हुआ तो त्रिवेणी पुरम व कछार से श्रद्धालुओं को संगम पहुंचने के लिए कम से कम 12 से 13 किलो मीटर पैदल चलना होगा।
इसी तरह भीड़ बढऩे पर कानपुर की ओर से आने वाले वाहनों को सीएमपी डिग्री कॉलेज व केपी इंटर कॉलेज व विद्या वाहिनी मैदान एवं सीएवी इंटर कॉलेज में गाडिय़ां पार्क कराई जाएंगी।
जानकार कहते हैं कि इन पार्किंग स्थलों में गाडिय़ां खड़ी करके श्रद्धालुओं को करीब दस किलो मीटर पैदल चलकर स्नान के लिए संगम जाना होगा।
लखनऊ व प्रतापगढ़ रूट से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को भीड़ बढऩे पर कर्नलगंज इंटर कॉलेज व एनसीसी मैदान में पार्क करा दिया जाएगा।
मतलब यह कि यदि यहां गाडिय़ों को पार्क कराने की नौबत आई तो श्रद्धालुओं को लगभग दस से 12 किलो मीटर पैदल संगम तक के लिए चलना होगा।
हालांकि यहां वाहन तब पार्क कराए जाएंगे जब परेड व मेला क्षेत्र के आसपास बनाई गई पार्किंग वाहनों से फुल हो जाएगी।
पूरे मेला क्षेत्र में ई-रिक्शा पर प्रतिबंध
स्नान पर्व मकर संक्रांति को देखते हुए ई-रिक्शा को लेकर सख्त नियम लागू किए गए हैं।
प्लान के मुताबिक ई-रिक्शा बांगड़ चौराहे से हर्ष वर्धन चौराहे की तरफ नहीं जा सकेंगे।
इसी तरह सीएमपी डॉट पुल से भी ई-रिक्शा को हर्ष वर्धन चौराहे की तरफ जाने से रोक दिया जाएगा।
वहीं गीता निकेतन से जीटी जवाहर चौराहा की भी ई-रिक्शा लेकर चालक नहीं जा सकेंगे।
अलोपी माता मंदिर से जीटी जवाहर चौराहों की तरफ भी जाने से ई-रिक्शा पर प्रतिबंध रहेगा।
पटेल संस्थान से जीटी जवाहर चौराहों की तरफ भी चालक ई-रिक्शा लेकर नहीं जा सकेंगे।
इन सबके अतिरिक्त सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में ई-रिक्शा के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
शहर से मेला पैदल जाने व आने वाला मार्ग
मकर संक्रांति पर होने वाली श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन के द्वारा मेला क्षेत्र में जाने के लिए पैदल मार्ग भी निर्धारित कर दिया गया है। जारी किए गए प्लान पर गौर करें तो शहर क्षेत्र से स्नान घाट संगम पैदल जाने वाले श्रद्धालु जीटी जवाहर चौराहे से प्रवेश कर काली सड़क होते हुए संगम अपर मार्ग संगम घाट पहुंचेंगे। वहीं स्नान बाद वापसी के लिए अक्षयवट मार्ग होते हुए इंटर लाकिंग वापसी मार्ग से जगदीश रैम्प मार्ग से त्रिवेणी मार्ग होकर वापस परेड पार्किंग स्थल पहुंचेंगे। इसी तरह रेलवे बस स्टेशन जाने वाले पैदल श्रद्धालु त्रिवेणी मार्ग से एडीसी तिराहा से शंकर लाल भार्गव मार्ग होते हुए गंतव्य के लिए रवाना होंगे।
झूंसी से संगम व पांटून पुल यातायात
माघ मेला पर स्नान पर्व के दिन होने वाली भीड़ को देखते हुए झूंसी की ओर से भी संगम के लिए पैदल रूट डिसाइड किया जा चुका है। बताया गया कि झूंसी से संगम आने वाले पैदल श्रद्धालु टीकर माफी तिराहे से नीचे उतरकर तथा ओल्ड जीटी मार्ग से मनसइता नाला होते हुए संगम क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। इसी तरह पांटून पुलों की भी यातायात व्यवस्था बनाई गई है। पांटून पुल नंबर एक वीवीआईपी व वीआईपी एवं आपातकालीन के लिए रिजर्व रहेगा। जबकि पांटून पुल नंबर दो तथा चार झूंसी से संगम की तरफ आने के लिए प्रयोग होगा। वहीं पांटून पुल तीन व पांच और छह संगम की तरफ से झूंसी की ओर जाने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। स्नान वाले दिन पांटून पुल पर एम्बुलेंस छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों के संचालन पर रोक रहेगी।