लीड अभी इसमें चार लोगों का कोट भी मिलेगा
2015
में केंद्र सरकार ने 500 शहरों का क्लीन सिटी सर्वे कराया था, जिसमें इलाहाबाद 369वें स्थान पर था।
2016
में 75 शहरों के बीच सर्वे हुआ तो तेजी से सुधार की ओर बढ़ रहे शहरों में इलाहाबाद टॉप 10 लिस्ट में सातवें स्थान पर था
2017
में देश के 434 शहरों में स्वच्छता सर्वे हुआ, जिसमें इलाहाबाद 247वें पोजिशन पर रहा
04
जनवरी से 7 जनवरी तक किया जाएगा सर्वेक्षण, बाहर से आएगी अधिकारियों की टीम
4000
नंबर का है स्वच्छ सर्वेक्षण 2018
1200
इंडीपेंडेंट वैलीडेशन का नंबर
1400
डाटा प्रोवाइडेड बाई नगर निगम
1400
कलेक्शन ऑफ डायरेक्ट सिटीजन फीडबैक
मिशन स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 शुरू, नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने झोंकी ताकत, पब्लिक को भी देनी है राय
balaji.kesharwani@inext.co.in
ALLAHABAD: देश के करीब 4000 से अधिक शहरों में स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 चार जनवरी से शुरू होगा। उसमें इलाहाबाद भी शामिल है। पहले साल इस सर्वेक्षण में टॉप टेन में रहने वाला ये शहर पिछले साल काफी निचले पायदान पर चला गया था। इस साल इसे फिर अर्स पर लाने के लिए नगर निगम का पूरा अमला जुट गया है।
2016 में टॉप टेन मूवर्स में शामिल
2016 में टॉप टेन मूवर्स सिटी में शामिल होकर पूरे देश के लिए सफाई व्यवस्था में नजीर बनने वाला इलाहाबाद 2017 के सर्वेक्षण में औंधे मुंह गिरा था। गनीमत सिर्फ इतनी थी कि 2015 की स्थिति से बेहतर स्थिति थी। 2017 के सर्वेक्षण ने इलाहाबाद की व्यवस्था पर सवाल उठाया। निजाम बदलने के बाद नगर निगम के सिस्टम पर सवाल न उठे इसलिए नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने अब पूरी ताकत झोंक दी है।
पब्लिक की अहम जिम्मेदारी
इलाहाबाद को स्वच्छ सर्वेक्षण में चमकाने और बेहतर पोजिशन में लाने की जिम्मेदारी इलाहाबादियों की भी है। क्योंकि सर्वेक्षण में 1400 नंबर पब्लिक के फीड बैक पर निर्धारित हैं। यहीं पर सिस्टम फेल हो जाता है। क्योंकि ज्यादातर पब्लिक का जवाब नो में आता है।
किए जा रहे ये प्रयास
1. शहर के 80 वार्डो में वार्ड लेवल पर बनाई गई है प्रोत्साहन समिति। इसमें शामिल किए गए हैं 10-15 प्रतिष्ठित व्यक्ति। इन पर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरुक करने की जिम्मेदारी है।
2. शहरियों के साथ ही छात्र-छात्राओं को भी स्वच्छता के प्रति किया जा रहा है अवेयर।
3. स्कूलों के साथ ही अन्य स्थानों पर लोगों को दिलाई जा रही है स्वच्छता की शपथ।
4. होटल, रेस्टोरेंट व अन्य जगहों से निकलने वाले कचरे से गंदगी न फैले और कचरे का निस्तारण भी हो जाए, इसलिए जैविक खाद बनाने पर दिया जा रहा है जोर।
5. कई स्थानों पर गड्ढे खुदवा कर तैयार कराया जा रहा है कम्पोस्ट।
6. पूरे शहर में जगह-जगह स्वच्छ सर्वेक्षण के होर्डिग लगवाए जा रहे हैं।
स्वच्छता ऐप डाउनलोड करें
केंद्र सरकार ने पूरे देश के लोगों की मदद के लिए स्वच्छता ऐप डेवलप किया है। स्वच्छ सर्वेक्षण में इस एप का महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए स्वच्छता एप को अपने मोबाइल में डाउनलोड करना इलाहाबादियों की जिम्मेदारी है। जिसके थ्रू कहीं भी गंदगी दिखाई देने पर फोटो खींच कर एप पर डालते ही वह फोटो अपने आप जियो लोकेटर के थ्रू संबंधित नगर निगम तक पहुंच जाएगी।
नहीं उठे कचरा तो करें कम्प्लेन
24 घंटे के अंदर अगर कहीं गंदगी साफ नहीं होती है, कचरा नहीं उठता है तो कोई भी व्यक्ति स्वच्छता एप, नगर निगम के वाट्सअप नंबर 9119803080 या फिर कंट्रोल रूम नंबर 0532-2427204 पर कॉल कर सकता है।
खुले में शौच पर रोक के लिए ढोल
इलाहाबाद को ओडीएफ बनाने का अभियान भी चल रहा है। खुले में शौच वाले स्थानों फाफामऊ, नैनी आदि एरिया में ढोल और सीटी बजाकर सुबह-सुबह लोगों को जागरुक करने के साथ ही एलर्ट भी किया जा रहा है।
इन कमियों में सुधार की जरूरत
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम साल भर के अंदर हुआ फेल
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन लगभग पूरी तरह से हो चुका है बंद
बसवार प्लांट में भी नहीं हो रहा है कूड़े का निस्तारण
कूड़े से खाद बनाने की प्रक्रिया हो चुकी है बंद
एनएफसी के थ्रू डीटीडीसी की कंट्रोलिंग भी हुई बंद
कुछ कमियों के कारण 2017 के सर्वेक्षण में इलाहाबाद काफी नीचे था। इस बार सभी अधिकारियों कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे पूरी ताकत के साथ इलाहाबाद को चमकाएं। शहर के लोगों की भी जिम्मेदारी है कि वे शहर को स्वच्छ बनाएं। अगर कहीं कोई कमी दिखती है तो अधिकारियों को अवगत कराएं।
अभिलाषा गुप्ता
मेयर, नगर निगम
इलाहाबाद
इलाहाबाद को स्वच्छ बनाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। लोगों से गंदगी सड़क पर न फेंकने की अपील करते हुए जगह-जगह डस्टबीन रखवाए जा रहे हैं। कूड़ा निस्तारण व्यवस्था में भी तेजी लाई गई है। नगर निगम की पूरी टीम सक्रियता के साथ काम कर रही है।
रितु सुहास
अपर नगर आयुक्त
नगर निगम
स्वच्छ सर्वेक्षण में पब्लिक अवेयरनेस जरूरी है। इसलिए अधिक से अधिक लोग अपने मोबाइल में स्वच्छता एप डाउनलोड करें और अपना फीड बैक एप के थ्रू दें। इससे इलाहाबादियों की जागरुकता का संदेश पूरे देश में फैलेगा।
मणिशंकर त्रिपाठी
आईटी ऑफिसर, नगर निगम