Chemical व colour का इस्तेमाल 
 मार्केट में इन दिनों जो आम आ रहे हैं वह सीजनल नहीं हैं। केमिकल व कलर के इस्तेमाल से आम को उसके सही रंग में ला दिया जाता है। इस वक्त मार्केट में उपलब्ध आम को कार्बाइड से पका कर बेचा जा रहा है। सिटी के एक फल व्यापारी ने बताया कि आम को उसके नेचुरल कलर में लाने के लिए पकाते वक्त कलर का भी इस्तेमाल किया जाता है। न्यूट्रीशनिस्ट व हेल्थ एक्सपर्ट पूजा बताती हैं कि इन दिनों मार्केट में अवेलेबल आम खाने में टेस्टी हों या न हों लेकिन इसे खाने से अल्सर, किडनी व लीवर इन्फेक्शन की प्रॉब्लम हो सकती है। इतना नहीं आपकी मेमोरी भी लॉस हो सकती है। समय से पहले आम को केमिकल से पकाने पर इसके अंदर विटामिन एवं कई अन्य एलिमेंट्स पनप नहीं पाते हैं। इसके कारण ये शरीर में जाते ही कई तरह की बीमारियों को जन्म देने लगता है. 

मार्केट में अलग किस्म के आम 
 आम का सीजन करीब तीन महीने तक रहता है। इस दौरान कोई भी हो उसे आम के अलावा किसी अन्य फल का टेस्ट पंसद नहीं आता है। मार्केट में इस समय जो आम की वैराइटी उपलब्ध हैं। उनमें मद्रास का मिठुआ, मुम्बई का अल्फानो, साउथ का गुलाबखास, बैगनफली, केसर आम आदि की अधिक डिमांड हैं। सिटी में लगभग चार सौ से अधिक फुटकर फल की दुकाने हैं, जहां आम की सप्लाई की जाती है. 

क्या है पकाने की technic
फल व्यवसायी अली के मुताबिक आम को पकाने के लिए कई तरह के केमिकल का सहारा लिया जाता है। इनमें कैल्शियम कार्बाइड, एसिटिलीन, एथलीन, ग्लाइकॉल के अलावा प्रोपलीन जैसे कई हानिकारक केमिकल शामिल हैं। कैल्शियम कार्बाइड को पानी के साथ मिलाकर आर्सेनिक फॉसफोरम तैयार किया जाता है। उसे आम को पकाने और कलर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पानी में तेजी से घुलने के साथ ही इंसान के शरीर में भी तेजी से घुलता है। जो बॉडी के वाइटल आर्गन को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। एसिटिलीन के कारण पेट में स्वैलिंग होने के चांसेज रहते हैं और व्यक्ति को नींद भी नहीं आती है। और तो और इससे कैंसर,अल्सर, लिवर और किडनी में कुछ प्रॉब्लम हो सकती है. 

क्या हैं आम के फायदे 
फल कोई भी हो चाहे वह केला, अंगूर, सेब, अमरूद, संतरा या फिर आम की क्यों न हो इंसान के शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन ए की कमी है और वह आम को सीजन भर यानि कि तीन महीने तक इसका सेवन करता है तो व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से दूर रहता है। बड़ों के अलावा अगर इसे बच्चों को उनके कैपेसिटी के अनुसार खिलाया जाए, तो बच्चे की एज में काफी अच्छा ग्रोथ होता है। साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट बॉडी रोग व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है और बोन डेवलपमेंट में काफी कारगार बताया गया है। इसमें कैलोरी एवं विटामिन ए व सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस काफी अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। विटामिन सी शरीर के रोग और प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ाने में काफी फायदेमंद होता है। वहीं मैग्नीशियम व पोटैशियम हार्ट पेंशेंट के लिए काफी हेल्पफुल होता है. 

सिटी में फल market
सिटी में फलों की थोक मार्केट मुंडेरा मंडी है। यहां से सिटी की सभी मार्केट में सभी फलों की सप्लाई होती है। इसके अलावा फुटकर मार्केट के रूप में अलोपीबाग, सीएमपी डाट का पुल, जानसेनगंज, सुभाष चौराहा, यूपी बोर्ड आफिस चौराहा, अशोक नगर, करैली मार्केट, धूमनगंज जीटी रोड, तेलियरगंज मार्केट, राजापुर आदि जगहों पर फलों की ब्रिकी होती हैं. 

क्या हैं इनके rate  
Variety    place rate    
अल्फानो      मुम्बई    500 रूपए दर्जन 
गुलाबखास    साउथ   80 से 100 रूपए केजी
बैगनफली      मद्रास   50 रूपए केजी 
केसर आम     साउथ   100 रूपए केजी 

कार्बाइड से पके हुए आम का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह बाडी के लिए हानिकरक साबित हो सकता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। पेट की प्रॉब्लम मुख्य रूप से है। कोई भी व्यक्ति को उसे कार्बोहाइट्रेड की मात्रा कम लेना चाहिए। डायबिटीज के पेसेंट को आम से परहेज करना चाहिए। आम का सेवन अधिक करने से वेट काफी तेजी से बढ़ता है. 
पूजा तलवार, हेल्थ एक्सपर्ट 
Chemical व colour का इस्तेमाल 

 मार्केट में इन दिनों जो आम आ रहे हैं वह सीजनल नहीं हैं। केमिकल व कलर के इस्तेमाल से आम को उसके सही रंग में ला दिया जाता है। इस वक्त मार्केट में उपलब्ध आम को कार्बाइड से पका कर बेचा जा रहा है। सिटी के एक फल व्यापारी ने बताया कि आम को उसके नेचुरल कलर में लाने के लिए पकाते वक्त कलर का भी इस्तेमाल किया जाता है। न्यूट्रीशनिस्ट व हेल्थ एक्सपर्ट पूजा बताती हैं कि इन दिनों मार्केट में अवेलेबल आम खाने में टेस्टी हों या न हों लेकिन इसे खाने से अल्सर, किडनी व लीवर इन्फेक्शन की प्रॉब्लम हो सकती है। इतना नहीं आपकी मेमोरी भी लॉस हो सकती है। समय से पहले आम को केमिकल से पकाने पर इसके अंदर विटामिन एवं कई अन्य एलिमेंट्स पनप नहीं पाते हैं। इसके कारण ये शरीर में जाते ही कई तरह की बीमारियों को जन्म देने लगता है. 

 

मार्केट में अलग किस्म के आम 

 आम का सीजन करीब तीन महीने तक रहता है। इस दौरान कोई भी हो उसे आम के अलावा किसी अन्य फल का टेस्ट पंसद नहीं आता है। मार्केट में इस समय जो आम की वैराइटी उपलब्ध हैं। उनमें मद्रास का मिठुआ, मुम्बई का अल्फानो, साउथ का गुलाबखास, बैगनफली, केसर आम आदि की अधिक डिमांड हैं। सिटी में लगभग चार सौ से अधिक फुटकर फल की दुकाने हैं, जहां आम की सप्लाई की जाती है. 

क्या है पकाने की technic

फल व्यवसायी अली के मुताबिक आम को पकाने के लिए कई तरह के केमिकल का सहारा लिया जाता है। इनमें कैल्शियम कार्बाइड, एसिटिलीन, एथलीन, ग्लाइकॉल के अलावा प्रोपलीन जैसे कई हानिकारक केमिकल शामिल हैं। कैल्शियम कार्बाइड को पानी के साथ मिलाकर आर्सेनिक फॉसफोरम तैयार किया जाता है। उसे आम को पकाने और कलर के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पानी में तेजी से घुलने के साथ ही इंसान के शरीर में भी तेजी से घुलता है। जो बॉडी के वाइटल आर्गन को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। एसिटिलीन के कारण पेट में स्वैलिंग होने के चांसेज रहते हैं और व्यक्ति को नींद भी नहीं आती है। और तो और इससे कैंसर,अल्सर, लिवर और किडनी में कुछ प्रॉब्लम हो सकती है. 

क्या हैं आम के फायदे 

फल कोई भी हो चाहे वह केला, अंगूर, सेब, अमरूद, संतरा या फिर आम की क्यों न हो इंसान के शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन ए की कमी है और वह आम को सीजन भर यानि कि तीन महीने तक इसका सेवन करता है तो व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से दूर रहता है। बड़ों के अलावा अगर इसे बच्चों को उनके कैपेसिटी के अनुसार खिलाया जाए, तो बच्चे की एज में काफी अच्छा ग्रोथ होता है। साथ ही इसके एंटी ऑक्सीडेंट बॉडी रोग व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है और बोन डेवलपमेंट में काफी कारगार बताया गया है। इसमें कैलोरी एवं विटामिन ए व सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस काफी अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। विटामिन सी शरीर के रोग और प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ाने में काफी फायदेमंद होता है। वहीं मैग्नीशियम व पोटैशियम हार्ट पेंशेंट के लिए काफी हेल्पफुल होता है. 

सिटी में फल market

सिटी में फलों की थोक मार्केट मुंडेरा मंडी है। यहां से सिटी की सभी मार्केट में सभी फलों की सप्लाई होती है। इसके अलावा फुटकर मार्केट के रूप में अलोपीबाग, सीएमपी डाट का पुल, जानसेनगंज, सुभाष चौराहा, यूपी बोर्ड आफिस चौराहा, अशोक नगर, करैली मार्केट, धूमनगंज जीटी रोड, तेलियरगंज मार्केट, राजापुर आदि जगहों पर फलों की ब्रिकी होती हैं. 

क्या हैं इनके rate  

Variety    place rate    

अल्फानो      मुम्बई    500 रूपए दर्जन 

गुलाबखास    साउथ   80 से 100 रूपए केजी

बैगनफली      मद्रास   50 रूपए केजी 

केसर आम     साउथ   100 रूपए केजी 

कार्बाइड से पके हुए आम का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह बाडी के लिए हानिकरक साबित हो सकता है। इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। पेट की प्रॉब्लम मुख्य रूप से है। कोई भी व्यक्ति को उसे कार्बोहाइट्रेड की मात्रा कम लेना चाहिए। डायबिटीज के पेसेंट को आम से परहेज करना चाहिए। आम का सेवन अधिक करने से वेट काफी तेजी से बढ़ता है. 

पूजा तलवार, हेल्थ एक्सपर्ट 

Report by- Ajeet pratap Singh