प्रयागराज (ब्यूरो)। अपराध की दुनिया में अतीक अहमद का जितना बड़ा कद है उसके खर्चे भी उतने ही अधिक हैं। अतीक को साबरमती जेल से प्रयागराज लाने और वापस छोडऩे में सरकार को करीब नौ लाख से भी अधिक रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। इतना सारा पैसा उसकी ट्रैवलिंग और सुरक्षा प्रबंधों पर खर्च हो रहे हैं। आप को यह बात जानकार हैरानी जरूरी होगी पर बात सोलह आने सच है। इतने सारे रुपये तो सिर्फ उसके आने और जाने के खर्च हैं। रास्ते में उसके व सुरक्षा कर्मियों के खाना और पानी पर जो पैसे बर्बाद हो रहे वह अलग। इतना रुपये अकेले उस पर खर्च होने के बावजूद अतीक संतुष्ट नहीं है। दरअसल उसे लाने में खर्च हो रहे यह रुपये कुछ प्रत्यक्ष हैं तो काफी हद तक अप्रत्यक्ष। खजाने में पब्लिक का पैसा डंप है, लिहाजा सरकार भी एक अभियुक्त पर खर्च हो रहे इन पैसों को लेकर बहुत फिक्र मंद नहीं है। यह सब देख और समझ रहे लोगों में अतीक पर खर्च हो रहे रुपयों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर तमाम तरह के कमेंट वायरल हैं।
1300 किलोमीटर दूर है यहां साबरमती जेल
2.80 लाख का ईंधन लगता है प्रिजन वैन में
2.40 लाख कांस्टेबल सैलरी पर खर्च
03 तीन स्कार्पियो जैसी गाड़ी का भाड़ा
65 हजार के करीब है ड्यूटी में चार दरोगा की सैलरी
12 हजार चार दिन की इंस्पेक्टर की सैलरी
गाडिय़ां व जवान लगाते हैं चार चक्कर
चकिया निवासी अतीक अहमद से कुंडली के सितारे खफा से हो गए हैं। उसके गुनाहों के बोझ से उसके सितारों की चमक धीमी हो गई है। अब वह प्रयागराज से करीब 1300 किलोमीटर दूर साबरमती जेल में गुनाहों की सजा भुगत रहा है। हाल ही में उसे साबरमती जेल से बाई रोड पुलिस के द्वारा प्रयागराज लाया गया। पिछले महीने 26 मार्च को कड़ी सुरक्षा के बीच उसे प्रयागराज लाया गया था। अब एक बार फिर उसे पुलिस के द्वारा सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाना है। इसके लिए साबरमती जेल से पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे पुलिस द्वारा 12 अप्रैल को बाई रोड नैनी सेंट्रल जेल लाया गया। पुलिसकर्मी बताते हैं कि साबरमती जेल से उसे लाने में दो दिन का वक्त आराम से लग जाता है। इस बार उसे साबरमती जेल से जाने के लिए दो प्रिजन वैन व तीन स्कार्पियो जिसमें पुलिस के तीस जवान व चार दरोगा और एक इंस्पेक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी। पुलिस की पूरी टीम एक बार जिले से साबरमती जेल गई। फिर उसे लेकर वहां से वापस आई। अब कोर्ट में पेशी के बाद उसे फिर साबरमती जेल उसी सुरक्षा व्यवस्था के साथ पहुंचाना होगा। वहां जेल में अतीक को दाखिल करने के बाद फिर टीम वापस आएगी। इस तरह अतीक को एक बार कोर्ट में पेशी पर लाने में पुलिस टीम को चार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। उसे लाने व ले जाने का सारा खर्च सरकार के खजाने से किया जा रहा है।
आठ का माइलेज देती है प्रिजन वैन
इस बार अतीक अहमद को साबरमती जेल से लाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा दो प्रिजन वैन भेजी गई थी। यहां से करीब 1300 किलोमीटर दूर भेजी एक प्रिजन वैन का माइलेज प्रति लीटर 08 किलोमीटर है। यह डिटेल पुलिस लाइंस वर्कशॉप के एक्सपर्ट के अनुसार है। इस रेसियो से अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाने में दो प्रिजन वैन को चार चक्कर लगाने पड़ेंगे। इसमें दो चक्कर पूरा हो गया है। कोर्ट में पेशी के बाद तीसरा चक्कर उसे वापस साबरमती जेल छोडऩे में लगाना होगा। जबकि चौथे चक्कर में उसे वहां छोड़कर गाडिय़ां वापस आएंगी। एक्सपर्ट कहते हैं कि 1300 किलो मीटर दूरी तय करने पर प्रति प्रिजन वैन में करीब 65 हजार रुपये का एक बार में जलता है। यानि यहां से साबरमती जेल जाने और लौटने में एक वैन पर 120 हजार रुपये का तेल खर्च होता है। यदि यह बातें सच मान ली जाय तो अतीक को लाने के लिए भेजी गई दो प्रिजन वैन में एक लाख 40 हजार रुपये का खर्च आया है। अभी उसे छोडऩे में भी इतने का ही तेल प्रिजन वैन में खर्च होगा। मतलब यह कि अतीक को लाने में सिर्फ प्रिजन वैन पर सरकार करीब दो लाख 80 हजार रुपये का तेल खर्च कर रही है।
सुरक्षा जवानों का खर्च भी जानिए
उसकी सुरक्षा में तीस कांस्टेबल लगाए गए हैं। यदि एक कांस्टेबल की औसत सैलरी एक हजार रुपये प्रति दिन मान ली जाय तो 30 हजार रुपये सरकार अतीक को सफर में सुरक्षा पर खर्च कर रही है। दो दिन में यह 60 चार दिन में एक लाख 20 हजार रुपये का खर्च केवल सिपाहियों पर खर्च हो रहा है। सुरक्षा पर यह पैसा तो केवल यहां से जाकर उसे लाने का खर्च है। वहां छोड़कर आने में भी इतने ही रुपये कांस्टेबल की सैलरी पर खर्च होंगे। इस तरह अतीक की सुरक्षा में लगाए गए सिर्फ सिपाहियों पर दो लाख 40 हजार रुपये खर्च होते हैं। लगाए गए चार दरोगा में प्रति की सैलरी यदि दो हजार रुपये भी मान ली जाय तो प्रति दिन दरोगाओं की सैलरी पर 16 हजार खर्च हो रहे हैं। इस तरह अतीक की सुरक्षा में सरकार सिर्फ चार दरोगाओं पर चार दिन में 64 हजार रुपये खर्च कर दे रही है। सुरक्षा में टीम के साथ भेजे गए एक इंस्पेक्टर की यदि सैलरी रोज तीन हजार भी मान लें 12 हजार रुपये होते हैं। सुरक्षा कर्मियों को जाने लिए तीन लक्जरी गाडिय़ां स्कार्पियो भी भेजी गई थी। ट्रांसपोर्टरों की मानें तो प्रयागराज से साबरमती करीब 1300 किलो मीटर का सफर तय करने के लिए प्रति स्कार्पियो 25 हजार रुपये का भाड़ा लगता है। इस तरह तीन स्कार्पियो के 75 हजार रुपये हुए। चार चक्कर लगाने इन गाडिय़ों का भाड़ा यदि जोड़ा जाए तो तीन लाख के करीब पहुंच जाता है। इस तरह अतीक को साबरमती जेल से लाने और ले जाने में मोटा-मोटा करीब नौ लाख रुपये का खर्च किए जा रहे हैं।