प्रयागराज (ब्यूरो)।प्रो। राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय तेजी से अपने संसाधनों के विकास का रहा है.विश्वविद्यालय आइटी सेंटर तैयार कर रहा है। यहां युवाओं को प्रौद्योगिकी में सही कौशल प्रदान किया जाएगा। यहां भविष्य में साइबर सुरक्षा, बिग डेटा एनालिटिक्स और ई-गवर्नेंस एप्लिकेशन और साफ्टवेयर विकास जैसे क्षेत्रों में कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उद्योग उन्मुख कार्यक्रमों चलाए जा सकेंगे। साथ यहां से नवाचार की नई संभावनाओं के द्वार भी खुलेंगे। आइटी सुविधाओं के विकास एवं सफल संचालन के लिए रावि में 10 करोड़ की अक्षय निधि की स्थापना भी की गई है। वीसी प्रो। अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए अधोसंरचना का तेजी से निर्माण हो रहा है। वर्तमान में 13 भवन लोकार्पित होकर उपयोग में लाए जा रहे हैं। जिनमें प्रशासनिक भवन, परीक्षा भवन, शिक्षकों एवं अधिकारियों हेतु आवास, कैंटीन आदि प्रमुख हैं। छात्राओं के लिए छात्रावास भी भी शुरू कर दिया गया है और अब जल्द ही अकादमिक भवन, छात्रों हेतु छात्रावास एवं अतिथि गृह भी प्रारंभ हो जाएंगे। एक करोड़ की लागत से खेल मैदान और खिलाडिय़ों के जिम और फिजियोथेरेपी की सुविधा भी तैयार की जा रही है। यह इंडोर स्टेडियम होगा, जहां प्रशिक्षकों की तैनाती भी की जाएगी। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर से खिलाड़ी राज्य विश्वविद्यालय से निकल सकेंगे। उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक छात्रों को यह सुविधा भी उपलब्ध करा दी जाए।
इनक्यूबेशन सेंटर होगा स्थापित
स्टार्टअप को पंख देने के लिए राज्य विश्वविद्यालय में इन्क्यूबेशन सेन्टर का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके कुशल संचालन के लिए 25 लाख रुपय की धनराशि भी खर्च की जाएगी। कुलपति ने बताया कि स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम के तहत नई योजना पर काम किया जा रहा है। विश्वविद्यालय और संबद्ध कालेजों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को इस योजना के तहत आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। वीसी ने बताया कि यूनिवर्सिटी अब छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने के लिए तैयार करने के साथ ही आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराएगा। विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर के लिए पांच करोड़ की अक्षय निधि संचित की है। इसका फायदा विश्वविद्यालय से संबद्ध 657 कालेजों के 50 से अधिक पाठ्यक्रमों में पंजीकृत करीब पांच लाख छात्र-छात्राओं को मिलेगा। स्नातक स्तर के छात्रों से स्टार्टअप के आवेदन मांगे जाएंगे और चयनित छात्रों में उद्यमिता स्किल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सभी छात्रों का डाटा डिजिलाकर पर अपलोड
राज्य विश्वविद्यालय ने स्थापना से लेकर अब के करीब 22 लाख छात्रों का डेटा डिजिलाकर पर अपलोड कर दिया है। जल्द ही छात्रों को डिजिटल अंकपत्र एवं प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इससे मार्कशीट और डिग्रियों के सत्यापन में काफी आसानी हो जाएगी। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने पांच लाख डिग्री व 17 लाख मार्कशीट डिजिलाकर पर अपलोड हो चुकी है। छात्र लाग-इन आइडी से यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। अंतिम वर्ष की परीक्षाओं का परिणाम आने के साथ ही 2022-23 सत्र का डाटा भी अपलोड कर दिया जाएगा। इसी सत्र से छात्रों को डिजिटल अंकपत्र और प्रमाणपत्र देने का काम शुरू हो जाएगा।