प्रयागराज ब्यूरो । शहर की सड़कें हों या फिर चौराहा पार करने की बात। इस काम में भी गाड़ी चालक रूल्स तोडऩे से बाज नहीं आ रहे। स्थितियां चौराहों पर ज्यादा बदतर हैं। यहां चालक जिधर से चाहते हैं गाडिय़ों को मोड़ देते हैं। रोड क्रास करने से लेकर लेन बदलने तक में चालक बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे। चंद कदम चौराहे से घूम कर लेन बदलने के बजाय वह वह दर पर से गाडिय़ों को रांग साइड घुमाकर चले जाते हैं। ऐसी स्थिति में दूसरे साइड से आने वाले वाहनों के इन गाडिय़ों से टकराने का खतरा बना रहता है। यह दशा सिर्फ एक दो चौराहे की नहीं है। सिटी के अंदर ज्यादातर चौराहों पर ऐसे हालात देखते जा सकते हैं। वाहन चेकिंग में ट्रैफिक पुलिस तैनात होने के बावजूद लोग आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। वह जवान भी इन गाडिय़ों पर गौर फरमाना मुनासिब नहीं समझते। जिसके चलते ट्रैफिक सिस्टम शहर के अंदर भगवान भरोसे चल रहा है।

म्योहाल व टीपी चौराहा है उदाहरण
शहर के अंदर कुंभ 2019 में चौराहें तो संवार दिए गए, मगर ट्रैफिक व्यवस्था जस की तस आज भी है। यहां वाहन चालक आज भी नियमों का पालन करना मुनासिब नहीं समझ रहे। चालक ट्रैफिक रूल्स का पालन करें इसके लिए अब तक कोई खास विभागीय कवायद भी नहीं शुरू की गई। ऐसी स्थिति में चौराहों पर तमाम चालक खुद के साथ गाड़ी में बैठे दूसरों की जान जोखिम में डालकर गाडिय़ों को रांग टर्न करते रहते हैं। उदाहरण के दौर पर टै्रफिक और म्योहाल चौराहा देखा जा सकता है। म्योहाल चौराहे पर हर पंद्रह बीस मिटन में चार पांच चालक गाडिय़ों को रांग टर्न करते हुए आराम से देखे जा सकते हैं। धोबी घाट साइड से आने वाले चालक चौराहे से घूमने के बजाय सीधे रेड लाइट ब्रेकर से घूमकर दूसरे लेन पर आ जाते हैं। जबकि बेली साइड से आ रही तमाम गाडिय़ां सिग्नल पार कर गोल पार्क का राउंड काटकर लेफ्ट घूमने के बजाय सीधे ब्रेकर से ही गाडिय़ों को घुसा देते हैं। ऐसे में सिविल लाइंस से बेली साइड जा रहीं गाडिय़ों के टकराने का खतरा बढ़ जाता है। इस रांग टर्निंग पर यहां गाडिय़ों को रोककर कार्रवाई नहीं किए जाने से चालकों के हौसले और भी बुलंद हैं।

आप के फायदे में हैं यह ट्रैफिक रूल्स
ट्रैफिक सिग्नल पर जेब्रा लाइन के पहले लेन यानी एक के पीछे एक गाडिय़ों को लाइन से लगाएं।
ताकि सिग्नल ग्रीन होने पर तेजी के साथ आसानी से निकल कसें, हमेशा लेफ्ट साइड सड़क छोड़कर रखें।
गाडिय़ों को मोडऩा है तो सिग्नल से पहले ही साइड इंडिकेटर चालू कर दें ताकि पीछे आ रहा व्यक्ति अलर्ट हो सके।
चौराहों पर बने गोल चबूतरा से घूमकर ही गाड़ी लेफ्ट टर्न करें। चबूतरा के पहले गाड़ी मोडऩे पर चालान संग एक्सीडेंट भी हो सकता है।
यदि सामने सिग्नल रेड है तो गाड़ी जेब्रा लाइन के पहले खड़ी करें। यदि जेब्रा लाइन पर पहिया चढ़ गया तो भी ऑनलाइन चालान संभव है।
अगर आप पैद रोड क्रास कर रहे हैं तो पहले सिग्नल को देख लें। ग्रीन सिग्नल पर ही हाथ देते हुए आगे बढ़ें, इससे एक्सीडेंट नहीं होगा।

लोगों को जागरूक करने के लिए आए दिन अभियान विभाग चलाता है। फिर भी लोग इतने जल्दी में होते हैं कि जिधर जगह पाते हैं उधर ही घूम जाते हैं। ऐसे चालकों और वाहनों पर रांग साइड का चालान किया जाता है। यातायात माह में फिर रूल्स के प्रति लोग जागरूक किए जाएंगे।
अमित कुमार, ट्रैफिक इंचार्ज