प्रयागराज (ब्यूरो)। हम बात कर रहे हैं माफिया अतीक अहमद के बेटों उमर और अली की। उमर करीब तीन साल से न पुलिस की पकड़ में आया और न ही सीबीआई की। छोटा बेटा अली भी फरारी के नौ महीने काट चुका है। दोनों के बारे में एक सुराग पुलिस को मिला भी लेकिन, उनका नेटवर्क इतना तगड़ा था कि पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों घर खाली करके गायब हो गये। अब फिर दोनों पुलिस के लिए पहेली बन गये हैं।
उमर ने कर रखी है लॉ की पढ़ाई
माफिया अतीक अहमद का बड़ा बेटा 24 वर्षीय उमर नोएडा के एक निजी लॉ कॉलेज का छात्र रहा है। उमर लखनऊ के प्रॉपर्टी डीलर मोहित जायसवाल को अगवा कर देवरिया जेल में मारपीट मामले में नामजद हुआ था। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। देवरिया जेल कांड को पहले पुलिस और एसटीएफ ने ट्रैक किया और बाद में इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। करीब तीन साल का समय बीत चुका है और उमर कहां है? इसका कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल रहा है। पिछले दिनो पुलिस ने साबरमती जेल से बातचीत के आधार पर प्रयागराज से एक को गिरफ्तार किया तो लगा कि पुलिस अब दोनों का ठिकाना पता लगा ही लेगी, लेकिन, इसका नतीजा अब भी शून्य ही है। खास बात यह भी रही कि जमानत प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किए जाने के दौरान उमर की ओर से उसके वकीलों ने यह बात स्वीकार की थी कि घटना वाले दिन वह परिजनों को साथ लेकर अपने पिता से मिलने देवरिया जेल गया था। लेकिन, सीबीआई की ओर से बताया गया कि उसे जांच के दौरान ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, जिसमें जेल प्रशासन ने उमर को जेल के भीतर जाने की अनुमति दी हो।
अली पर इनाम बढ़ाने की तैयारी
अतीक अहमद का दूसरे नंबर का बेटा अली अहमद भी प्रयागराज के प्रॉपर्टी डीलर से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में करीब आठ महीने से फरार चल रहा है। प्रयागराज पुलिस की तरफ से अली अहमद की गिरफ्तारी पर पचास हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। पिता के जेल जाने व बड़े भाई के फरार चलने पर पूरा काम छोटा बेटा अली संभाल रहा था। वह अपने पिता के खास गुर्गे आसाद और अन्य के साथ मिलकर अवैध प्लाटिंग का काम शुरू कर दिया था। अली पर पचास हजार का इनाम घोषित होने के बाद भी गिरफ्तारी न हो पाने के चलते आईजी की तरफ से इनाम बढ़ाने की प्रक्रिया को तेज कर दी है। जल्द ही यह इनाम बढ़कर एक लाख तक हो जाएगा।
पिता-चाचा की गिरफ्तार की कहानी
शुआट्स कॉलेज प्रकरण मामले में माफिया अतीक ने खुद को सरेंडर किया था। वहीं अशरफ काफी समय से कई मुकदमों में वांछित था। जिसके बाद से फरार चल रहा था। कभी दिल्ली तो कभी ससुराल में रहकर फरार काट रहा था। उस वक्त सर्विलांस प्रभारी रहे बृजेश सिंह को लोकेशन मिला कि अशरफ हटवा स्थित ससुराल में है। जिसके बाद एसपी सिटी दिनेश सिंह ने पूरी फील्डिंग कर देर रात घेराबंदी कर गिरफ्तारी कर लिया था। उस दौरान यह भी हवा उड़ी थी कि कानपुर के बिठूर कांड से डरकर अशरफ ने खुद ही सेटिंग करके सरेंडर कर दिया।
अली की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगी हुई हैं जो लगातार उन्हें ट्रैक करने का प्रयास कर रही हैं। अली के मुकदमे में अन्य नामजद की भी तलाश चल रही है। पूरा भरोसा है कि जल्द ही दोनों पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
शैलेश कुमार पांडेय
एसएसपी प्रयागराज