प्रयागराज (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टेट के 23 अस्पतालों में चौबीस घंटे जांच की सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। लेकिन धरातल पर यह दावा कितना उचित है, यह शायद ही किसी को मालूम है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शुक्रवार को इसकी हकीकत पता लगाने की कोशिश की। पता चला कि बेली अस्पताल को इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। फिलहाल यह अस्पताल रिसोर्सेज की कमी से जूझ रहा है। मैन पॉवर और हाईटेक मशीने मिल जाएं तो मरीजों की चौबीस घंटे जांच की सुविधा उलपब्ध हो जाएगी।
500 से 600 सैंपल आ रहे है प्रतिदिन
250 लोगों की डिजिटल एक्सरे जांच की जाती है प्रतिदिन
पहले से ओवरलोड की शिकार है लैब
बेली अस्पताल की पैथोलाजी लैब पहले से ओवरलोड की शिकार है। इसका संचालन रोजाना बारह घंटे सुबह 8 से रात 8 बजे तक किया जा रहा है। इस दौरान औसतन तीन हजार जांच होती है। जिसके लिए दस टेक्नीशियन को तैनात किया गया है, जो कि कम हैं। इसके अलावा जो मशीनें लगाई गई हैं वह काफी पुरानी हैं। उनसे अधिक जांच करना आसान नही है। आए दिन उनमें खराबी की शिकायत हो जाती है। लैब के सूत्रों का कहना है कि लैब को नई मशीनों की आवश्यकता है।
कितनी होती है कौन सी जांच
जांच रोजाना होने वाली जांच
खून की जांच 400 से 500
लीवर की जांच 250 से 300
किडनी की जांच 250 से 300
लिपिड प्रोफाइल 100
थायराइड 100
विटामिन डी 25
विटामिन बी 12 25
शुगर 125
फोगलेशन प्रोफाइल 30
पैपेस्मीयर 25
जीबीपी 10 से 15
ब्लड ग्रुप 200 से 250
डिजिटल एक्सरे 250
एमआरआई 15
24 घंटे जांच के लिए चाहिए ये संसाधन
सूत्र बताते हैं कि बेली अस्पताल की रीजनल डायग्नोस्टिक लैब को 24 घंटे जांच के लिए मैन पावर और मशीनों की आवश्यकता है। वर्तमान में लैब में 12 घंटे तक दस टेक्नीशियन काम कर रहे हैं। अगर 24 घंटे जांच होगी तो कम से कम बीस टेक्नीशियन की आवश्यकता होगी। इसके अलावा इस समय लैब में तीन मशीनें काम कर रही हैं। इनमें से खून की जांच वाली मशीन में एक बार में एक सैंपल लगता है और एक जांच में एक से डेढ़ मिनट लगता है। जबकि प्रतिदिन 500 से 600 सैंपल आ रहे है। ऐसे में बारह घंटे में सभी की जांच करना आसान नही है। इसी तरह बायो केमेस्ट्री जांच मशीन में एक बार में पचास सैंपल लगते हैं और इसका रिजल्ट आने में दो घंटे का समय लगता है। जबकि लैब को ऐसी मशीन चाहिए जो एक बार में 100 से 150 सैंपल की जांच रिपोर्ट दे।
फिलहाल मिल रही एक्सरे फिल्म
अस्पताल में लंबे समय तक डिजिटल एक्सरे जांच की रिपोर्ट मोबाइल फोन पर मिलती थी। इसके चलते जब मरीज दूसरे अस्पताल जाता था तो डॉक्टर इस रिपोर्ट को मानने से इंकार कर देते थे। इसके बाद पिछले एक माह से मरीजों को एक्सरे फिल्म मिलने लगी है। हालांकि जिन मरीजों को हल्की चोट लगी होती है उनको यह फिल्म नही दी जा रही है। जिन मरीजों को मेडिकल कॉलेज रिफर किया जा रहा है उनको भी यह फिल्म दी जा रही है। बता दें कि एक दिन में अस्पताल में 250 लोगों की डिजिटल एक्सरे जांच की जाती है।
शनिवार से इनीशियल स्टेज पर शुरू होगी सुविधा
अस्पताल प्रशासन का कहना है शनिवार से इनीशियल स्टेज पर चौबीस घंटे जांच की सुविधा शुरू की जा रही है, लेकिन अभी यह केवल बेली अस्पताल के मरीजों के लिए होगी। ट्रामा सेंटर में एक कमरा एलॉट कराकर वहां पर एक टेक्नीशियन को तैनात किया जाएगा। ओपीडी बंद होने के बाद जो भी मरीज आएंगे, अगर उनकी जांच डॉक्टर लिखेंगे तो जांच की जाएगी। बाहरी मरीजों को अभी यह सुविधा नही दी जाएगी। अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग से तीन अतिरिक्त टेक्नीशियन और एक आटोमेटिक जांच मशीन की मांग की है।
पुरानी लैब को कराया जा रहा अपग्रेड
अस्पताल में चौबीस घंटे जांच सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक इंटीग्र्रेटेड लैब का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें हर तरह की जांच एक जगह होगी। इसके लिए पुरानी आरडीसी लैब को अपग्रेड किया जा रहा है। यह काम मार्च तक पूरा होगा। इसके बाद दूसरे अस्पतालों के मरीजों की भी जांच की जा सकेगी। फिर डेंगू, मलेरिया और एचआईवी की जांच भी इसी लैब में की जाएगी।
वर्तमान में हम आरडीसी लैब को अपग्रेड करा रहे हैं। शनिवार से चौबीस घंटे जांच की सुविधा देने की तैयारी चल रही है लेकिन यह केवल बेली के मरीजों के लिए होगी। इंटीग्रेटेड लैब तैयार हो जाने के बाद सुविधा को बढ़ाया जाएगा। हमने स्वास्थ्य विभाग से टेक्नीशियन और आटोमेटिक मशीन की भी मांग की है।
डॉ। शारदा चौधरी, सीएमएस, बेली अस्पताल प्रयागराज