प्रयागराज (ब्यूरो)कुछ माह पहले सरकार ने जीएसटी नियमों में बदलाव किया। जिसमें कहा गया कि पीछे वाला व्यापारी रिटर्न दाखिल नही करेगा, तब तक सामने वाले को आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) मिलेगा। लेकिन अक्सर देखने में आ रहा है कि जिससे माल खरीदा गया वह रिटर्न दाखिल नही कर रहा है। वह टैक्स चोरी कर रहा है। ऐसे में माल खरीदने वाला व्यापारी आईटीसी क्लेम नही कर पा रहा है। शुरुआत में व्यापारियों ने इस नियम का विरोध किया, लेकिन कोई असर नही हुआ है।

होल्ड हो जाता है दस फीसदी क्लेम
एक और नियम है तो व्यापारियों के गले की फांस बना हुआ है। खासकर ऐसे व्यापारी जो दस करोड़ से अधिक का व्यापार सालाना कर रहे हैं। उनको आईटीसी क्लेम करने पर दस फीसदी टैक्स को ब्लॉक दिया जाता है। व्यापारियों का कहना है कि इस नियम को भी बदलना चाहिए। एक तरह से व्यापारियों की दस फीसदी पंूजी हर बार सरकार अपने पास रख लेती है। अधिकतर व्यापारी ऐसे हैं जो बैंक से 12 से 14 फीसदी ब्याज पर लोन लेकर व्यापार कर रहे हैं। उनको इससे बहुत दिककत हो रही है। दस करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों में इलेक्ट्रानिक्स, आटो मोबाइल, दवा, ज्वैलरी आदि के सेगमेंट शामिल हैं।

अभी तक नही मिला आईटीसी
इस साल अप्रैल माह का आईटीसी कई व्यापारियों को नही मिला है। पोर्टल में खराबी के चलते आईटीसी मई में रिफ्लेकट नही कर रहा था। बाद में बताया गया कि जून में आईटीसी मिल जाएगा। लेकिन जून में केवल मई का आईटीसी पोर्टल पर नजर आया। इसका खामियाजा बड़ी संख्या में व्यापारियों को भुगतना पड़ा है। उनको अभी तक अप्रैल का आईटीसी नही मिल सका है। हालंाकि अब व्यापारियों ने इसकी उम्मीद भी करनी छोड़ दी है।

क्यों नही जमा हो पाता टैक्स
अक्सर विभिन्न कारणों से व्यापारी समय पर अपना रिटर्न दाखिल नही कर पाते। अगर किसी के साथ अनहोनी हो जाए या सर्वर की प्राब्लम की वजह से भी समय पर रिटर्न दाखिल नही हो पाता है। यही कारण है कि माल खरीदने वाले व्यापारी को आईटीसी नही मिल पाता है। व्यापारियों का कहना है कि हमने टैक्स दिया है और इसका सर्टिफिकेट अगर हमारे पास है तो आईटीसी रोकने का कोई मतलब नहीं बनता है।


विक्रेता द्वारा अपना रिटर्न फाइल न करने पर कार्यवाही विभाग द्वारा विक्रेता पर ही की जानी चाहिए। खरीदार को पूरा इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया जाना चाहिए। जीएसटीआर 3बी के टेबल 4 के अंतर्गत 16(४) और 36 (4) के इनपुट टैक्स क्रेडिट हेतु कालम का प्रावधान किया जाना चाहिए।
अनूप जायसवाल, व्यापारी
यदि माह के अंतिम दिन में किसी दूसरे राज्य से माल खरीदा जाए और माल अगले माह प्राप्त होता है। तो विक्रेता के द्वारा अपना जीएसटीआर वन दाखिल करने से क्रेता को उस माह के जीएसटीआर टूबी में बिल दिखाई देगा। लेकिन माल रिसीव नही होने के कारण क्रेता इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नही ले पाएगा। इससे उसका पैसा फंस जाता है।
संदीप अग्रवाल, व्यापारी
आईटीसी क्लेम करने वालों की सरकार को अपनी तरह से जांच करनी चाहिए। कुछ गलत करने वालों की वजह से साफ सुथरे व्यापारियों का नुकसान नही किया जाना चाहिए। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
आशीष केसरी, व्यापारी
अगर हमने टैक्स दिया है और वह डाक्यूमेंटेड है तो हमे आईटीसी समय से मिल जानी चाहिए। इसके लिए विक्रेता की तरफ देखना सही नही है। क्योंकि हमारे साथ जीएसटी नियमों में कोई राहत नही दी जाती है।
विनय साहू, व्यापारी