- 99 फीसदी पहुंच गई ह्यूमिडिटी, बढ़ गए वायरल व बैक्टीरियल इंफेक्शन के मरीज
- अधिक पसीना निकलने से सुस्ती और कमजोरी के शिकार हैं लोग
प्रयागराज- मौसम का मिजाज घातक हो चला है। भीषण गर्मी और उमस का काम्बिनेशन बीमार करने के लिए काफी साबित हो रहा है। बड़ी संख्या में संक्रमण के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि अधिक पसीना निकलने से बॉडी की इम्युनिटी कमजोर पड रही है जिससे संक्रमण के चांसेज बढ़ रहे हैं। साथ ही लोग डिहाइड्रेट भी रहे हैं। जिससे बचने के लिए उन्हे खानपान पर अधिक देना होगा।
घर से निकलना दूभर
मंगलवार को दिन का तापमान 38.1 डिग्री था और ह्यूमिडिटी 99 फीसदी दर्ज की गई। इसकी वजह से लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया। सड़कों पर लोग धूप और उमस से हांफते नजर आए। उनके शरीर से लगातार पसीना बह रहा था। डॉक्टर्स की माने तो यह स्थिति शरीर के लिए ठीक नहीं है। अधिक पसीना निकलने से बॉडी कमजोर पड़ जाती है। इससे लूज मोशन, शरीर में दर्द, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण आ सकत हैं। कभी कभी शरीर ऐंठने भी लगता है।
अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं बैक्टीरिया
इस मौसम में बैक्टीरिया और वायरस भी काफी ताकतवर हो जाते हैं। इसकी वजह से तमाम तरह के इंफेक्शन फैलने लगता है। वर्तमान में बुखार, जुकाम, खांसी, पेट दर्द आदि के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यह सभी मौसम का शिकार हो रहे हैं। इस सीजन में संक्रमण भी तेजी से फैलता है। इसके अलावा पीलिया और टाइफाइड के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है।
इन लक्षणों से रहे होशियार
- शरीर में सुस्ती और कमजोरी का होना।
- बार-बार एसिडिटी के लक्षण आना।
- अपच की समस्या बने रहना।
- भूख नही लगना और पेट में दर्द रहना।
- अचानक तेज बुखार और खांसी आना।
- शरीर में ऐंठन की समस्या उत्पन्न हो जाना।
ऐसे होगा गर्मी से बचाव
- अधिक पसीना निकलने पर पानी की भरपूर मात्रा लें।
- कमजोरी लगने पर ओआरएस का घोल पीना शुरू करें।
- तेज धूप में सिर को खुला न रखें .हो सके तो कैप लगाएं।
- बाजार का खानपान मत करें। घर का ताजा खाना खाएं।
- सुबह और शाम हल्का भोजन करने की कोशिश करें।
- बिना डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन न करें।
- ठंडा और गर्म से बचें। एसी से सीधे धूप में न जाएं और धूप से आने के बाद तत्काल ठंडा पानी मत पिएं।
बॉक्स
इसलिए परेशान करती है उमस
दरअसल पसीने के जरिए शरीर के तमाम पोषक तत्व भी पानी संग निकल जाते हैं। ऐसे में शरीर में नमक की मात्रा कम होने लगती है। यही कारण है कि अधिक पसीना निकल जाने से कमजोरी फील होने लगती है। इसलिए संभव हो तो थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। हो सके तो नमक-चीनी का घोल भी ल सकते हैं।
वर्जन
ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है। बुखार और जुकाम के अधिक मरीज आ रहे हैं। इसके अलावा पेट के इंफेक्शन के मामले भी बढ़े हैं। लोगों को खुद को बचाकर रखना होगा।
डॉ। केके मिश्रा, फिजीशियन, काल्विन अस्पताल