प्रयागराज ब्यूरो । दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने जब शहर के अंदर आरटीओ में रजिस्टर्ड संख्या से अधिक गाडिय़ों के क्लास कन्वर्ट के बारे में पता लगाना शुरू किया तो एक बाद एक चोरी पकड़ में आना शुरू हो गई। लोगों ने टैक्स बचाने के लिए नार्मल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करा लिया। उसके बाद भविष्य में जरूरत के हिसाब से गाडिय़ों का क्लास खुद से ही बदल लिया है। ताकि उस कैटेगरी का रजिस्ट्रेशन टैक्स न देना पड़े। सड़क पर दो दर्जन से अधिक जिले के नंबर की कैश वैन सड़कों पर दौड़ रही है। जो बैंक व एटीएम संबंधित वर्क से अटैच है। इसके अलावा दिल्ली, गाजियाबाद व अन्य जिले की भी तीस से अधिक गाडिय़ां शामिल है। इनके आरसी पेपर पर क्लास कुछ और लिखा है और इस्तेमाल कैश वैन में हो रहा है। वहीं चौकाने वाली एक ओर बात निकल कर सामने आई। आरटीओ विभाग में कुकिंग फूड वैन यानी कि कैंटीन वैन में एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं है। जबकि सिटी के ही अंदर 70 से अधिक छोटी बड़ी कुकिंग फूड वैन मौजूद है। जिसको अनधिकृत तरीके से चलाया जा रहा है। जो मानक के बिल्कुल विपरीत है।
वैन कार भी कामर्शियल में धड़ल्ले से इस्तेमाल
पड़ताल के दौरान निकल कर सामने आया कि अपने निजी कार्य के लिए खरीदे गए मारुति वैन कार का इस्तेमाल अधिकतर कामर्शियल वर्क में हो रहा है। लोगों ने पहले कुछ वर्षों तक खुद इस्तेमाल
किया इसके बाद कमाई के लिए स्कूल, एम्बुलेंस, एटीएम में कैश भरने और कॉफी कोल्ड ड्रिंक तक मशीन लगाकर बेच रहे है। इसलिए आरटीओ से मिले गाडिय़ों के क्लास कैटेगरी के बिल्कुल विपरीत है। विभाग चाहे तो इन लोगों से टैक्स चोरी करने पर जुर्माना वसूल सकता है। यह खेल बसों में भी चल रहा है। जितनी सीटों के आधार पर रजिस्ट्रेशन हुआ है। अलग से सीट बढ़ाकर सीट टैक्स की चोरी कर रहे है।
क्लास ऑफ व्हीकल - संख्या
- एनिमल एम्बुलेंस - 01
कैश वैन - 02
- एक्सकेवेटर (खुदाई करने और मिट्टी हटाने की मशीन) - 02
- लाइब्रेरी वैन - 01
- मोबाइल क्लीनिक - 02
- मोटर साइकिल/स्कूटर साइड कार - 01
- ट्रैक्टर ट्रॉली कामर्शियल - 04
- हार्सेस - 01
- कुकिंग फूड वैन (कैंटीन वैन) - 0
- डम्पर - 42
- फायर टेंडर्स - 04
- मोबाइल वर्कशॉप - 04
ऐसे बहुत से कैटेगरी है। जिसको छिपाकर लोग टैक्स चोरी कर रहे हैं। जल्द ही टीम बनाकर कार्रवाई की जायेगी। लोग जरूरत के हिसाब से गाडिय़ों में लोहे की जाली और टीन से भी ढकवा लेते हैं।
वर्जन - राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रशासन