प्रयागराज ब्यूरो । शादी तय हो गई है तो यह भी ध्यान दें कि होने वाला पति टुबैको एडिक्शन का शिकार तो नहीं है। क्योंकि तंबाकू खाने वाले का जीवन हमेशा खतरे में रहता है। यह बात कानपुर जेके कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ। अवधेश दीक्षित ने कही। वह रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में कमला नेहरू मेमोरियल क्षेत्रीय कैंसर केंद्र एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट्स ऑफ इंडिया (यूपी चैप्टर) की 35वी सेमिनार के दूसरे दिन बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में माउथ का कैंसर सबसे ज्यादा है। इसके अलावा तंबाकू, पान-मसाला व गुटखा की उपज कानपुर से हुई है। इसलिए मैं माउथ कैंसर के मरीजों को इलाज करने के साथ लोगों को तंबाकू के प्रति जागरूक करने के लिए यह मुहिम भी चला रहा हूं।
तभी खत्म हो पाएगा माउथ कैंसर
उन्होंने चर्चा के दौरान कहा कि माउथ कैंसर के प्रसार को रोकने के लिए लोगों को तंबाकू का सेवन छोडऩा होगा। जब तक यह खत्म नही होगा तब तक इस कैंसर से मुक्ति संभव नही है। बता दें कि भारत में सबसे ज्यादा ओरल कैंसर केमरीज पाए जाते हैं और इस सेमिनार में डॉक्टर्स ने इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया है। वहीं गोरखपुर से आए डॉ। एके चतुर्वेदी ने कहा कि लिम्फोमा कैंसर काफी खतरनाक बीमारी है, इससे आंख का भेंगापन और रोशनी तक जाने का खतरा रहता है। कहा कि अभी दस फीसदी आबादी में ही इस कैंसर का प्रकोप है इसलिए अगर लक्षण दिखते हैं तो लोगों को इसकी तत्काल जांच करा लेनी चाहिए।
ब्रेकी थेरेपी का है बड़ा योगदान
मेदांता हास्पिटल गुडग़ांव के डा तजिंदर कटारिया ने कहा कि देश में दूसरे नंबर पर महिलाओं के बच्चेदानी का कैंसर है। अगर कोई दूुसरे स्टेज में है तो चौथे स्टेज तक ब्रेकी थेरेपी का बहुत बड़ा योगदान है। पहले टूडी रेडिएशन ब्रेकी थेरेपी देकर मरीज को 70 फीसदी तक सुरक्षित रखा जा सकता था। इलाज की नई तकनीकों में 90 फीसदी तक बीमारी को कंट्रोल किया जा रहा है। सम्मेलन के दौरान डॉ। एमसी पंत की स्मृति में गोरखपुर के डॉ। एके चतुर्वेदी ने व्याख्यान दिया। सम्मेलन के अंतिम दिन तीन सेशन में व्याख्यान हुआ। जिसमें पहले सेशन में डॉ। सिद्धार्थ, डॉ। शालिनी सिंह, डॉ। तजिंदर कटारिया व दूसरे सेशन में डॉ। गौतम के शरन, डॉ। गगन सैनी व तीसरे सेशन में डॉ.सुनील चौधरी, डॉ। रोशनी सेठी व डॉ। रेशम श्रीवास्तव ने कैंसर पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल की डॉ। राधा केसरवानी, डॉ। सुनील कुमार, डॉ। मोहम्मद मामून खान, डॉ। तीरथ राज वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे। वहीं सम्मेलन के दौरान कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल में डॉ। बी। पॉल थलियाथ और उनकी टीम लाइव ब्राच्येथैरपी कार्यशाला पर कार्यशाला की। सम्मेलन में कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल के सीईओ डॉ। माधु चंद्र, एआरओआई यूपी चैप्टर के अध्यक्ष डॉ। पवन कुमार, जनरल सेक्रेटरी डॉ। शदाब आलम, आयोजन सचिव डॉ। सोनिया तिवारी, वैज्ञानिक सचिव डॉ। मोहम्मद नवेद आलम, संपादक डॉ। मानिशा टंडन, वित्त सचिव डॉ। प्रभात पंकज खत्री, डायरेक्टर एडमिन हरि ओम सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।