प्रयागराज (ब्यूरो)। डॉक्टर्स का कहना है कि इस बार एलाइजा जांच में 40 फीसदी सैंपल ही पास हो रहे हैं। बाकी 60 फीसदी फेल हैं। बावजूद इसके इन मरीजों की प्लेटलेट काउंट गिरकर 20 हजार से नीचे जा रही हैं। मरीजों को बताया जाता है कि आपको वायरल फीवर हो रहा है लेकिन इससे अधिक कन्फ्यूजन फैल रहा है। उनको समझ ही नही आता कि मरीज को वायरल है या डेंगू। जबकि लक्षण सेम होते हैं।
बारह घंटे में हो गई मौत
1- एयरफोर्स अधिकारी अनिल तिवारी को दो दिन हल्का बुखार आया। तीसरे दिन अचानक फीवर तेज हुआ तो वह आर्मी अस्पताल पहुंच गए। वहां पर जांच कराया तो 7 हजार प्लेटलेट निकला। डॉक्टर ने भर्ती करके तत्काल चार यूनिट प्लेटलेट चढ़ा दी। इससे उनकी हालत सामान्य हुई। लेकिन अगले चार घंटे के भीतर अचानक वह सीरियस हुए और उनकी मौत हो गई। डॉक्टर्स का कहना है कि पेट में पानी भर गया था।
2- चार हजार तक आ गई प्लेटलेट
बेली गांव निवासी अरशद को दो सप्ताह पहले बुखार आया। उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने एलाइजा जांच के लिए रेफर कर दिया। लक्षण डेंगू जैसे थे लेकिन जांच निगेटिव आ गई। ऐसे में परिजनों ने वायरल फीवर समझकर इलाज जारी रखा। पांचवे दिन अचानक उनका प्लेटलेट काउंट चार हजार पर आ गया। ऐसे में परिवार में खलबली मच गई। आनन-फानन में डॉक्टर ने उन्हे प्लेटलेट चढ़वाया। जैसे तैसे उनकी जान बच सकी।
3- लीवर में आ गया इफेक्ट
पेशे से टीचर नवीन राय का सिविल लाइंस के एक निजी अस्पताल में डेंगू का इलाज चल रहा है। शुरुआती तीन दिनों में उनकी स्थिति सामान्य थी लेकिन अचानक चौथे दिन उनकी यूरिन रुक गई। इससे परिजन परेशान हो गए। जांच में पता चला कि लीवर और किडनी में भी शिकायत आ गई। पेट में पानी भी आ गया है। हालत सीरियस है। उनको तत्काल आईसीयू में रखा गया।
बुखार आए तो यह जरूर करें
प्लेन पैरासिटामाल खाएं और बदन को ठंडे पानी की पट्टी से पोछे।
एंटीबायटिक और पेन किलर का यूज डॉक्टर की सलाह पर करें।
रैपिड टेस्ट में प्लेटलेट काउंट कम आए तो तत्काल एलाइजा जांच कराएं।
मरीजों को अधिक से अधिक लिक्विड लेना है। पानी भरपूर पिएं।
जरूरत से ज्यादा पपीते की पत्ती का सेवन न करें, यह लीवर को प्रभावित कर सकती हैं।
अधिक से अधिक आराम करना जरूरी, मच्छरदानी का उपयोग करें।
जिस तरह से सीरियस केसेज सामने आ रहे हैं उसको देखकर लगता है कि इस बार डेंगू के लक्षण अधिक घातक हैं। लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है। मल्टी आर्गन फेल्योर के मामले अधिक सामने आ रहे हैं।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी
आमतौर पर वायरल फीवर में लक्षण अधिक घातक नही होते हैं। लेकिन इस बार डेंगू और सामान्य संक्रमण के लक्षण एक जैसे हैं। दोनो तरह के मरीज घातक परिस्थितियों का सामना करने को मजबूर हैं।
डॉ। डीके मिश्रा, फिजीशियन