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चालान सात दिनों में नो-मास्क पर किए गए
1956
चालान एक हफ्ते में नो-हेलमेट पर किए गए
1000
रुपये का है नो-मास्क या हेलमेट पर चालान
2000
रुपये हो जाएंगे यदि दोनों पर पुलिस कर दे चालान
कोरोना कॉल में हेलमेट भूल जाएं तो एक बार चलेगा पर मास्क भूले तो चालान पक्का
सात दिनों में जिले भर में सबसे ज्यादा मास्क पर ही किए गए हैं चालान
सफर के दौरान एक बार हेलमेट न पहने पर पुलिस शायद आपको छोड़ सकती है। लेकिन बगैर मास्क मिले तो चालान पक्का मानिए। हफ्ते भर में चालान की कार्रवाई रिपोर्ट इस बात की उदाहरण है। कोरोना कॉल में जिले भर की पुलिस चेकिंग में जुटी है। इन सात दिनों में सर्वाधिक चालान मास्क पर ही किए गए हैं। हेलमेट पर की गई चालान की कार्रवाई मास्क से काफी कम है। इसके पीछे पुलिस की मानवीय संवेदना अहम मानी जा रही है। ज्यादातर जवान चेकिंग में लोगों पर भार न पड़े इस लिए सिर्फ एक ही चीज पर चालान कर रही। ताकि काम धंधे से निकले लोगों का सारा रुपया चालान शुल्क में ही न खर्च हो।
शहर के वे स्थान जहां सख्त चेकिंग
कोरोना कॉल में नो-मास्क व सोशल डिस्टेंस की चेकिंग जारी है। हर रोज जिले भर की पुलिस इस काम में जुटी है। चौराहों पर सुबह और शाम के वक्त सख्ती से चेकिंग किए जा रहे हैं। शहर के धोबीघाट चौराहा, म्योहाल, सिविल लाइंस सुभाष चौराहा, हनुमानमंदिर, मेडिकल, सिविल लाइंस फायर स्टेशन एवं पानी टंकी चौराहा व बालसन और अलोपीबाग, खुल्दाबाद व रेलवे साइड शाहगंज चौराहा, करेली जैसे बड़े व चर्चित चौराहों पर जबरदस्त चेकिंग देखने को मिलती है। चेकिंग की यही स्थिति शहर से सटे झूंसी, नैनी व फाफामऊ बाईपास व चौराहे पर भी देखने को मिलती है। ग्रामीण इलाकों में भी चेकिंग के काम किए जा रहे हैं। यहां पुलिस द्वारा ज्यादातर चेकिंग मास्क को लेकर ही किए जा रहे हैं। इसके पीछे विभाग के लोग कुछ बड़ी वजह बताते हैं।
इसलिए नरमी बरत रही है पुलिस
दरअसल चेकिंग में जुटी पुलिस थोड़ा रहम दिल दिखाते हुए नरमी बरत रही है
यदि पुलिस नो-हेलमेट व मास्क दोनों पर चालान करे तो शुल्क दो हजार होते हैं
अब चालान में ही यदि लोग दो हजार रुपये जमा कर देंगे तो वह काम कैसे करेंगे
खास कर मीडियम क्लास के लोगों को तो बगैर काम पूरा किए लौटना पड़ेगा
यदि कोई दो हजार लेकर दवा लेने जा रहा हो तो चालान बाद दवा कैसे लेगा
यही सारी बातें सोचते हुए ज्यादातर केवल चालान मास्क पर ही करते हैं
इस तरह मास्क चालान कर हेलमेट लगाने की हिदायत देकर जवान जाने देते हैं
यह बातें चेकिंग ड्यूटी में लगाए जाने वाले ज्यादातर दरोगाओं से मालूम चलीं
डेट नो-मास्क हेलमेट
08 मई 492 306
09 मई 429 260
10 मई 553 324
11 मई 469 218
12 मई 388 296
13 मई 366 250
14 मई 339 302
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07 दिन 3036 1956
ट्रैफिक पुलिस या सिविल, चेकिंग में चालान सख्ती से किए जा रहे हैं। चेकिंग का डर है, लिहाजा लोग हेलमेट लगाकर निकल रहे। मास्क न लगाने वाले ज्यादा पकड़े जाते हैं, इसलिए इनकी संख्या अधिक है।
अखिलेश भदौरिया, एसपी ट्रैफिक