-तीसरी लहर की चेतावनी के बाद बेपरवाह होकर सफर कर रहे लोग

- बिना मास्क लगाए खाने-पीने का सामान देकर संपर्क में आ रहे वेंडर

- दैनिक जागरण आई- नेक्स्ट के दो दिन के रियलिटी चेक में बेपरवाह दिखे लोग

PRAYAGRAJ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आफत बनकर आई थी। संक्रमण ने जहां कई लोगों की जानें ली वहीं कई को ऐसा दर्द दे गया जिससे वे उबर नहीं पाएं। सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया। लेकिन कुछ माह बाद केसेस कम होते ही धीरे-धीरे अनलॉक किया गया। अनलॉक होते ही अब लोग बेपरवाह हो गए। जबकि तीसरी लहर के आने की आशंका जता दी गई है। शनिवार और रविवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने मुंबई से आने वाली ट्रेन और दिल्ली से आने वाली बसों का रियलिटी चेक किया। यहां पाया गया कि दो गज की दूरी मिट गई है। अधिकांश लोग बिना मास्क के सफर कर रहे हैं। यात्रियों के साथ यह लापरवाही खुद रेलवे स्टाफ भी कर रहे हैं।

बिना मास्क धड़ल्ले से आ-जा रहे थे यात्री

2:15 पर पहुंची थी लोकमान्य तिलक (ट) मुंबई जयनगर

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम शनिवार को दो बजे करीब प्रयागराज जंक्शन पर पहुंची थी। मेन गेट पर आरपीएफ व रेलवे का एक स्टाफ तैनात मिले। लेकिन बिना मास्क लगाए आने-जाने वाले यात्रियों को टोकते हुए नहीं दिखाई दिए। थोड़ी देर बाद आठ नंबर प्लेटफार्म पर मुंबई से आने वाली ट्रेन लोकमान्य तिलक (ट) मुबंई जयनगर के आने की सूचना मिली। यहां प्लेटफार्म पर लोगों की जबरदस्त भीड़ थी। कुछ लोग उतर रहे थे तो कुछ लोग ट्रेन पकड़ने के लिए चढ़ रहे थे। ट्रेन रूकने के बाद अंदर के हालत का जायजा लिया गया। अधिकांश लोग बिना मास्क के चिपक-चिपक कर बैठे मिले। यही नहीं आठ नंबर प्लेटफार्म पर मौजूद वेंडर ट्रेन रोकते ही खाना-पीने का सामान देने के लिए दौड़ पड़े। बिना मास्क लगाए बाहरी लोगों के संपर्क में आ रहे थे.्र वहीं रविवार को साढ़े तीन बजे करीब मुबंई से आने वाली ट्रेन दो नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची। लोग बेपरवाह होकर उतर-चढ़ रहे थे। यहीं नहीं मेन गेट पर तैनात आरपीएफ महिला जवान बिना मास्क लगाए यात्रियों को जानकारी दे रही थी। अब इससे से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों के साथ रेलवे कर्मचारी भी कितने लापरवाह हो गए हैं।

3:30 पर पहुंची थी दिल्ली की बस

इसके बाद दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम सिविल लाइन स्थित बस अडडे पर पहुंची। वहां एक बस दिल्ली से आकर खड़ी थी। कुछ यात्री बस अड्डे पर प्रवेश करते ही उतर गए। अधिकांश यात्रियों ने मास्क नहीं पहना था। ड्राइवर व कंडक्टर तक ने मास्क मुंह और नाक के नीचे तक पहन रखे थे। इतनी बड़ी लापरवाही दूसरों की जिंदगी खतरे में डाल सकती है।

सब हो रहा टच फिर भी ओके

मुंबई से आने वाले यात्रियों में कोई एक भी कोरोना संक्रमित हुआ तो सब फ्री में बांट देगा। बावजूद इतनी बड़ी लापरवाही कैसे बरत रहे हैं। यही नहीं वेंडर भी उसी हाथ से खाना दे रहे हैं और उसी हाथ से यात्रियों से पैसा लेकर जेब में डाल रहे हैं। सेनिटाइजर तक नहीं लेकर चल रहे हैं। आरपीएफ के जवान भी बिना मास्क प्लेटफार्म पर घूम रहे हैं। मेन गेट पर डयूटी पर तैनात स्टाफ भी बिना मास्क के आराम से बैठी है।

मंत्री के आदेश का पालन नहीं

बीते एक साल पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आदेश जारी किया था कि रेलवे स्टेशन पर संचालित कैंटीन से सामान लेने के बाद ग्राहकों को बिल दिया जाएगा। यदि कैंटीन संचालक बिल देने में आनाकानी करेगा तो उसे तो उसे सामाना निशुल्क मिलेगा। मगर आठ नंबर प्लेटफार्म पर ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है। पीएफ 7/8 खाटुन और मल्टी परपज स्टाल दवा की दुकान पर न ही बिल दिया जा रहा है और न ही डिजिटल पेमेंट लिया जा रहा है। एक ग्राहक द्वारा नोकझोक पर तब जाकर डिजिटल पेमेंट लिया गया। इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर जब दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के रिपोर्टर ने ट्विटर पर डाला तो रेलवे अफसर हरकत में आ गए। जिसके बाद डीआरएम मोहित चंद्रा ने ट्विट कर एक्शन लेने की बात कही। सीनियर डीसीएम प्रयागराज ने उन स्टॉलों का नाम पूछा। वहीं एनसीआर जीएम ने फौरन जांच कर कार्रवाई की बात कहीं। जिसके बाद तमाम वेंडर के बीच हड़कंप मच गया।