प्रयागराज (ब्यूरो)। खेवराजपुर गांव में घर के अंदर सो रहे 55 वर्षीय अधेड़ राजकुमार यादव, उसकी 52 वर्षीय पत्नी कुसुम देवी, करीब 30 वर्षीय बहू सविता व 25 वर्षीय दिव्यांग बेटी मनीषा एवं 02 वर्ष की पोती मीनाक्षी की हत्या कर दी गई थी। इसी से मिलती-जुलती घटना जनवरी 2020 में सोरांव एरिया के युूसुफपुर में हुई थी। इंवेस्टिगेशन ऑफिसर्स को दोनों घटनाओं में काफी समानता नजर आयी है। यूसुफपुर में विजय तिवारी सहित पांच लोग मौत के घाट उतारे गए थे। यूसुफपुर कांड के बाद जांच में जुटे अफसरों के द्वारा बंजारों को टारगेट किया गया। कुछ बंजारे इस घटना में जेल भी भेजे गए हैं। लिहाजा थरवई कांड में भी पुलिस की जांच बंजारों की तरफ ही जा रही है। घटना के बाद से ही थरवई एरिया के बाग बगीजों में डेरा लगाने वाले बंजारे लापता हो गए हैं। गंगापार में ग्राम सुरक्षा समितियों को भी अफसरों ने अलर्ट कर दिया है। कहा गया है कि वह क्षेत्र में दिखाई देने वाले बंजारों की खबर पुलिस को दें।

सतर्कता का चलेगा अभियान

सामूहिक हत्याकांड से कराह रहे गंगापार में पुलिस लोगों को बंजारों से सतर्क करने के लिए अभियान चलाएगी। पब्लिक को अवेयर करने के लिए माइक से अनाउंस किया जाएगा। इस अभियान के लिए पुलिस अफसरों द्वारा प्लान बनाया जा चुका है। अभियान को ग्राम सुरक्षा समितियों के जरिए गति दी जाएगी। जिस भी गांव के आसपास बंजारें रुकेंगे खबर मिले ही पुलिस उनसे पूछताछ करेगी।

थरवई कांड के बाद पुरानी कई घटनाओं को सर्च किया गया है। उन घटनाओं में यूसुफपुर की घटना से थरवई मामले के नेचर में कई समानताएं पाई गई हैं। यूसुफपुर केस में जेल भेजे गए अभियुक्तों से भी परमीशन पर जेल में पूछताछ की गई। उम्मीद है कि जल्द ही कातिलों कि पहुंचा जाएगा।

अभिषेक अग्रवाल

एसपी गंगापार