प्रयागराज ब्यूरो । लंकापति रावण अपनी बहन सुपर्णखा के अपमान का बदला लेने के लिए, अपने मामा मारीच को माया का स्वर्ण मृग बनाकर सीता जी के सामने भेजता है। सीता जी श्रीराम से उस मृग की छाल लाने को कहती है। राम जी का तीर जैसे ही उस मृग को लगता है वह मृग लक्ष्मण लक्ष्मण पुकारने लगता है। तभी सीता विचलित हो कर लक्ष्मण को राम की मदद को भेजती है। जैसे ही लक्ष्मण वहां से राम की तलाश मे जाते है तो साधु भेस धरे रावण सीता से छल कर उन्हें पुष्पक विमान से लंका लें जाता है।
मै बैरी सुग्रीव पियारा,
कारण कवन नाथ मोहिं मारा
यह प्रसंग उस वक्त का है जब श्रीराम ने वृक्ष की ओट ले कर के बालि का वध किया। तब बालि ने मरणासन्न स्थिति मे प्रभू श्रीराम से पूछता है कि। मै बैरी और सुग्रीव क्यों प्यारा है? हे नाथ आपने किस कारण मुझे मारा है। इसके माध्यम से बालि वध का मंचन किया गया अल्लापुर रामलीला कमेटी के मंच पर।
लंका दहन मे वास्तविक अग्नि का प्रयोग
श्री महंत बाबा हाथी राम पजावा रामलीला कमेटी मे शनिवार को श्री राम एवं लक्ष्मण का हनुमान जी से मिलन सुग्रीव मित्रता एवं बालि सुग्रीव का भीषण युद्ध का मंचन का किया गया। यह दृश्य बहुत ही आकर्षक रहा। युद्ध के दौरान जब बालि सुग्रीव की गदा आपस मे जब टकराती है, तब गदाओं से चिंगारी निकलती है। इस दृश्य को देख सारे दर्शकों ने कलाकारों एवं पजावा रामलीला कमेटी के निर्देशक सचिन गुप्ता की खूब सराहना की। आकाश द्वार से हनुमान आगमन और लंका दहन मे वास्तविक अग्नि का प्रयोग किया गया। जिसे देख दर्शकों ने अपने दांतों तले उंगलिया दबा ली। लाइट एंड साउंड होने की वजह से यह दृश्य और अधिक रोचक हो गया।