प्रयागराज ब्यूरो । होली के त्योहार से ठीक पहले कामर्शियल गैस सिलेंडर का दाम बढऩा महंगाई को बढ़ावा देने का संकेत है। इससे सबसे पहला असर होली की गुझिया पर पड़ेगा। पिछले साल की अपेक्षा इस बार यह फेवरेट आइटम महंगा बिकेगा। इसके अलावा मिठाई और रेस्टोरेंट के खाने पर भी इसका असर साफ नजर आएगा। स्वीट हाउस और रेस्टोरेंट संचालकों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि कामर्शियल गैस सिलेंडर का दाम बढ़ाने से उनकी लागत पर असर पड़ेगा, जिसकी भरपाई करने के लिए दाम बढ़ाना जरूरी हो गया है।
50 से 150 रुपए तक बढ़ेंगे दाम
होली पर सबसे ज्यादा बिक्री गुझिया की होती है। बाजार में तमाम प्रकार की गुझिया जिसमें खोवा, मोतीचूर, मेवा, केसर आदि शामिल है, वाली गुझिया की अधिक डिमांड होती है। एलपीजी गैस महंगी होने की वजह से इस बार 50 से 150 रुपए प्रतिकिलो गुझिया के रेट में बढ़ोतरी होनी तय है। व्यापारियों का कहना है कि खोवा के तमाम आइटम की होली पर अधिक मांग होती है और सबसे दाम बढऩा तय है।
हाल ही में बढ़ाए गए थे दाम
ऐसा नही है कि कई दिनों के अंतराल में दाम बढऩे जा रहे हैं। हाल ही में स्वीट हाउस एसोसिएशन और रेस्टोरेंट्स संचालकों ने बैठक करके मिठाईयों के दाम बढ़ाने का फैसला किया था। अब इसके बाद कामर्शियल गैस सिलेंडर के दाम अचानक बढ़ा दिए जाने से उन्हें दोबारा महंगाई का सहारा लेना पड़ेगा। वरना उनकी लागत निकलना मुश्किल हो जाएगा। आइटम्स का दाम बढ़ाने का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ेगा।
एक किलो गैस पर 18.50 रुपए की बढ़ोतरी
बता दें कि कामर्शियल गैस सिलेंडर में 19 किलो एलपीजी गैस भरी जाती है। इसका दाम 350 रुपए बढाया गया है। ऐसे में प्रति किलो गैस पर 18.50 रुपए की महंगाई लाद दी गई है। शहर में कुछ रेस्टोरेंट और स्वीट हाउस अपने यहां डीजल भट्टी का यूज करते हैं। लेकिन खोवा से बने आइटम के लिए एलपीजी सिलेंडर का ही यूज किया जाता है। इतना ही नही, घरेलू गैस सिलेंडर के दाम एक साल में पांच बार बढ़ाए गए हैं। इस बार पचास रुपए की वृद्धि प्रति सिलेंडर की गई है।
10 से 12 फीसदी बढ़ेंगे डिश के दाम
इस महंगाई का असर रेस्टोरेंट में खाना खाने वालों पर भी पडऩे जा रहा है। तमाम रेस्टोरेंट संचालक अपनी डिशेज के दाम 10 से 12 फीसदी तक बढ़ाने जा रहे हैं। उनका कहना है कि रा मटेरियल पहले से ही इतना महंगा कर दिया गया गया है। अब एलपीजी गैस भी महंगी हो गई है। ऐसी स्थिति में पुराने दामों पर डिशेज खिलाना हमारे बस में नही है। पब्लिक को रेस्टोरेंट में महंगा खाना खाना पड़ेगा।
हमारे यहां अधिकतर आइटम डीजल भट्टी पर तैयार होते हैं लेकिन खोवे आइटम एलपीजी पर बनाए जाते हैं। इस बार हमारे यहां गुझिया का रेट 60 रुपए तक बढ़ाया गया है। इसका कारण रा मटेरियल और गैस सिलेंडर का महंगा होना है।
इंदर मध्यान, ओनर, कामधेनू स्वीट्स
यह होली से पहले बहुत बड़ा झटका है। हाल ही में हमने मिठाईयों का रेट बढ़ाना तय किया था। एलपीजी महंगी होने के बाद या तो हम दोबारा रेट बढ़ाएं या अपनी मार्जिन कम कर दें। हमने गुझिया का रेट सौ रुपए तक बढ़ाने का फैसला किया है।
रोहित केसरवानी, ओनर, हीरा हलवाई
एलपीजी गैस महंगी होने की वजह से हमारे यहां गुझिया का रेट पचास रुपए तक बढ़ाया जा रहा है। एलपीजी के दाम बढऩे से लागत भी बढ़ जाती है। इससे मार्जिन कम हो जाता है। पब्लिक क्वालिटी के साथ समझौता नही करती इसलिए कास्ट बढ़ाना मजबूरी हो जाता है।
अंकित गुप्ता, ओनर, भगवान दास प्रहलाद दास एंड संस
कामर्शियल सिलेंडर पर हमारा बिजनेस निर्भर करता है। अगर दाम बढ़ेंगे तो डिशेज भी महंगी होगी। पहले से हम रा मटेरियल महंगा होने से परेशान हैं और अब ईंधन का दाम बढ़ गया है। दस से बारह फीसदी डिशेज के दाम बढऩा तय है।
अंकित देवरा, ओनर, बीन हियर रेस्टोरेंट