प्रयागराज ब्यूरो । मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। गत एक सप्ताह से अस्पतालों के ओपीडी में वायरल फीवर, जुकाम और टाइफाइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। डाक्टर्स की माने तो सुबह-शाम हल्की सर्दी और दिन में पड़ रही गर्मी के कारण इन दिनों बड़ी संख्या में लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे है। मरीज सुबह से लाइन लगाकर चिकित्सकों से स्वास्थ्य की जांच करा रहे है। अस्पतालों में सबसे ज्यादा भी फिजीशियन की ओपीडी में हो रही है। तेज बहादुर सप्रू (बेली), स्वरूपरानी नेहरू, मोतीलाल नेहरू मंडलीय (काल्विन) अस्पातल में भीड़ सबसे ज्यादा हो रही है। सोमवार को अस्पतालों के पंजीकरण काउंटर पर मरीज व तीमारदारों की लंबी कतार मिली। अस्पतालों का रजिस्टर व आंकड़े देखने पर पता चला कि ओपीडी में रोजाना के तुलना एक हफ्ते से दोगुनी पर्ची बन रही है। सौ में से 40 मरीज वायरल फीवर, जुकाम और टाइफाइड से पीडि़त है।
पूरी तरह से अभी नहीं गई है ठंड, सावधानी बरतें
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने बढ़ते मरीजों की संख्या पर एसआरएन डाक्टर व प्रिंसिपल एसपी सिंह से बातचीत की तो पता चला कि मौसम में अचानक बदलाव आया है। काल्विन अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डा। केके मिश्रा बताते है कि ठंड अभी पूरी तरह से नहीं गई है। इसलिए यह ध्यान देना होगा कि घर से निकलते समय गर्म कपड़े जरूर पहनें। क्योंकि दिन भर गर्मी से बॉडी झेलता है।
स्वरूपरानी नेहरू अस्पातल में 382 मरीजों में से 187 मरीज वायरल फीवर, जुकाम और टाइफाइड से पीडि़त थे। मोतीलाल लाल नेहरू मंडलीय में भी 62 से अधिक मरीज वायरल फीवर की दवा लेने पहुंचे थे। वहीं तेज बहादुर सप्रू (बेली) में दोपहर तीन बजे तक 281 पर्चे बने थे। जिसमें 162 मरीज फीवर, टाइफाइड व जुकाम से ग्रसित थे।
लापरवाही पड़ सकती है भारी
नारायण स्वरूप अस्पताल के संचालक व सीनियर डाक्टर राजीव कुमार सिंह बताते है कि साल में तीन बार ऐसा होता है जब मौसम में बदलाव होता है। लापरवाही से वह बीमार पड़ जाते है। सांस फूलने की बीमारी भी ज्यादा देखी जाती है। अस्थमा के मरीजों के लिए यह मौसम ज्यादा खतरनाक होता है। क्योंकि उनके फेफड़े पहले से ही कमजोर होते है और जब ऐसे मौसम होते हैं तो उनमें इंफेक्शन के खतरे बढ़ जाते है। उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।