तेजी से बढ़ रहा है कोरोना संक्रमण, रिकवरी होने में हो रही है देर
कोरोना के बदले हुए रूप से हैरान हैं डॉक्टर्स, फेफड़ों के इनवाल्व हो जाने से ठीक होने में लग रहा है समय
कोरोना का नया रूप लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। जितनी तेजी से संक्रमण फैल रहा है, उतनी ही धीमी रफ्तार से लोग ठीक हो रहे हैं। रोजाना संक्रमितों और डिस्चार्ज के आंकड़े इसका गवाह हैं। खुद डॉक्टर्स स्वीकार कर रहे हैं इस बार तेजी से फेफड़ों के इनवाल्व होने में लोगों को ठीक होने में समय लग रहा है। हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों से लेकर होम आइसोलेशन में रहने वालों इस परिस्थिति से गुजरना पड़ रहा है।
कछुए की चाल से हो रही रिकवरी
पिछले साल जिस तेजी से संक्रमण बढ़ रहा था उसी स्पीड से रिकवरी भी हा रही थी।
इसकी वजह से तमाम हॉस्पिटल्स में बेड सलामत थे। लेकिन इस बार ऐसा नही हा रहा है।
धीमी रिकवरी होने की वजह से हॉस्पिटल्स के बेड तेजी से भरते जा रहे हैं।
जिससे रोजाना नए बेड का सृजन करना पड़ रहा है।
रोजाना के आंकड़ों को देखा जाए तो रिकवरी की अपेक्षा नए संक्रमितों का डाटा बहुत अधिक है।
यह अंतर दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है।
इससे हॉस्पिटल्स का बैलेंस भी बिगड़ने लगा है।
डेट संक्रमित रिकवरी (डिस्चार्ज)
9 अप्रैल 1419 58
8 1129 152
7 1076 104
6 1084 64
5 652 75
4 475 37
3 398 28
पहले दस दिन में हो जाते थे डिस्चार्ज
पिछले साल शासन ने हॉस्पिटल मे भर्ती होने वाले मरीजों को दस दिन में डिस्चार्ज किए जाने के निर्देश दिए थे।
उनको तीन दिन लगातार बुखार नही आने पर घर भेज दिया जा रहा था।
लेकिन इस बार ऐसा नही हो रहा है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस साल कोरोना के मरीजों में लंग्स सीवियरिटी अधिक है।
अचानक से लोगों के फेफड़े में इंफेक्शन पहुंच रहा है और मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।
ऐसे में उनको ठीक करने में दस दिन से अधिक का समय लग जाता है।
होम आइसोलेशन में भी लग रही देर
यही हाल होम आइसोलेशन के मरीजों का भी है।
दस दिन में डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को 12 से 14 दिन का समय लग रहा है।
कई मरीजों को कमजोरी और बदन दर्द की शिकायत है।
फीवर भी पांच से छह दिन तक लगातार बना हुआ है।
इसकी वजह से मरीज खुद को अनफिट बताते हैं तो फोन पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम उन्हे होम आइसोलेशन से बाहर निकलने से मना कर देती है।
कहा जाता है कि अभी घर पर अकेले रहकर एहतियात बरतें।
होम आइसोलेशन में इन चीजों का करिए पालन
अपने साथ होम आइसोलेशन किट जरूर रखिए।
रोजाना अपना बुखार और आक्सीजन लेवल जरूर परखिए।
मसालेदार चीजों से दूरी बनाएं और हरी सब्जियों का सेवन करें।
इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करें। साथ में जिंक और विटामिन सी की मात्रा लेते रहें।
अधिक से अधिक लिक्विड का इनटेक करें। गर्म पानी और नींबू पानी निश्चित समय अंतराल में लेते रहें।
दिन में एक बार काढ़ा पिएं और दवाओं की डोज मिस न करें।
होम आइसोलेशन में दिन में एक बार अपने डॉक्टर से जरूर बात करें।
देर न करें, तत्काल कराएं जांच
शुरुआत में ही करा लें जांच
अगर कोरोना से जल्द छुटकारा पाना है तो सर्द, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण आते ही तत्काल नजदीकी सेंटर पर इसकी जांच करा लें।
ऐसे में इसकी पहचान शुरुआत में हो जाती है और दवाओं से संक्रमण गले में ही रुक जाता है।
अधिक देर करने पर यह गले से उतरकर फेफड़े तक पहुंचता है और फिर इसे ठीक होने में लंबा समय खर्च होता है।
इस बार कोरोना वायरस का रूप बदला हुआ है। लोगों के फेफड़ों के अधिक इनवाल्व होने से सीवियरिटी बढ़ रही है जिससे लोगों को ठीक होने में समस्या हो रही है। यही कारण है कि रिकवरी का रेट कम है। धीरे धीरे इसमें सुधार होगा।
डॉ। एसपी सिंह
प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज