800 करोड़ के निवेश से सरस्वती हाईटेक सिटी में 2024 तक लक्ष्य पाने की उम्मीद
ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के पांच किमी के दायरे में बनेगा इंटिग्रेटेड मैन्यूफैक्च¨रग क्लस्टर
औद्योगिक क्षेत्र (नैनी) के सरस्वती हाईटेक सिटी को औद्योगिक क्लस्टर के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने से यहां करीब आठ सौ करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद जगी है। इस क्लस्टर के विकसित होने से लगभग एक हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने अगले तीन साल (वर्ष 2024 तक) में औद्योगिक क्लस्टर के विकास होने और इन लक्ष्यों को हासिल कर लेने की उम्मीद जताई है।
1840 किलोमीटर बिछेगी रेल लाइन
अमृतसर-कोलकाता डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर से संबद्ध दो इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्च¨रग क्लस्टर बनाए जाएंगे, उसमें सरस्वती हाईटेक सिटी भी शामिल की गई है। इससे इस क्षेत्र में औद्योगीकरण, निवेश और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। यूपीसीडा के अफसरों का कहना है कि अमृतसर से कोलकाता तक मालवाहन के लिए ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) की स्थापना की जा रही है। इसके तहत अलग से तकरीबन 1840 किमी। रेल लाइन बिछ रही है। इस डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के पांच किलोमीटर के दायरे में इंटिग्रेटेड मैन्यूफैक्च¨रग क्लस्टर बनना है। जमीन तलाशने के लिए यूपीसीडा को नोडल बनाया गया था। जमीन की जितनी कीमत होगी, उतना केंद्र सरकार देगी। इसके लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन होगा। एनआइसीडीसी और यूपीसीडा 50-50 फीसद की शेयर होल्डर होगी। अफसरों ने औद्योगिक क्लस्टर से फिलहाल एक हजार लोगों के प्रत्यक्ष रोजगार की संभावना जताई है लेकिन, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि निवेश के लिए किस तरह की इंडस्ट्री यहां आती हैं।
हाईटेक सिटी में हो रहा चार तरह का विकास
सरस्वती हाईटेक सिटी में आवासीय, कार्मिशयल, इंडस्ट्रियल और इंस्टीट्यूशनल विकास पहले से हो रहा है। अवस्थापना संबंधी ज्यादातर काम हो भी चुका है। यूपीसीडा प्रयागराज के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप सिद्धार्थी का कहना है कि मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के प्रयास से इसे औद्योगिक क्लस्टर का दर्जा मिला है। उनके मार्ग दर्शन में आगे काम होगा। विकास संबंधी जो भी काम आगे होगा, उसके लिए कंसल्टेंट नियुक्त किए जाएंगे।